फोकस साहित्य

यादों का संदूक

जिसकी धूल झाड़ने से छींक नहीं चेहरे पर मुस्कान आती है …

कभी सोचा ना था

वादे किये थे हजार साथ निभाने के पर जब तुम्हारी नजरों ने साथ मांगा इतनी बेबस हो जाऊँगी कभी सोचा ना था.....

पहला प्यार...

उसकी बातों और हाव भाव से भी लगता कि वो भी उस से प्यार करता है।लेकिन वो जमाना ऐसा नही था कि आजकल की तरह फट से आई लव यू बोल दिया। दोनों...

बैडमिंटन का खेल

आर्मी के खेल प्रतियोगिता में  कर्नल साहब के हाथों भरे दरबार में पदक या पुरुस्कार लेना एक गर्व की बात होती थी क्योंकि उस समय पूरे रेजिमेंट...

Valentine's Day Special: सरप्राइज

इन लड़कियों के बारे में कभी परडिकट नहीं कर सकते। कब ऐन वक्त पर इनको कुछ काम आ जाता है। जाना तो फिर भी था....

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