फोकस साहित्य

नवरात्रि स्पेशल: ये कौन शिल्पकार है

सृजन कर्ता मां की छवि को साकार करता शिल्पकार,देता है मां की प्रतिमा को आकार आइए जानते है एक शिल्पकार के मन के उदगार..

सफलता दो कदम....

चाय की दुकान पर आकर किसी बताया अरे सुलोचना ने तो आत्महत्या करने की कोशिश की वह हॉस्पिटल में एडमिट है, सब हॉस्पिटल की तरफ भागते हैं,...

हिंदी दिवस पर विशेष, एडजेस्टमेंट

हिन्दी तुम उदास मत हो कोई न कोई जरुर तुम्हारे गले में वरमाला पहनाकर तुम्हारा वरण करेगा और तुम उसकी प्रियतमा कहलाओगी ।

महत्वाकांक्षा  

प्रतीक ने मनीषा को छेड़ते हुए कहा  - क्या बात है आज तो तुम बहुत प्यारी लग रही हो..। मनीषा के गालों पर लालिमा छा जाती है और शरमा के...

पहला खत: वो अहसास जिसे शब्दों में बयां कर पाना है बहुत...

पहले प्यार का पहला खत, सुनकर ही दिल में उमड़ने लगी है कई हलचल। दिल धड़कता है तेजी से और मन जाता है मचल। इन भावनाओं को शब्दों का लिबास...

Mother's Day Special: सास में देखा मां का रूप

सास भी होती है मां , मेरी एक नहीं दो माएं है, ये जाना मैंने अपनी शादी के बाद।

Women's Day Special मैं आज की नारी हूँ

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेखा मित्तल जी ने वर्तमान के सन्दर्भ में आज की नारी की अनुपम व्याख्या की है , आइये पढ़ते हैं

लघु कथा: ये कैसी किस्मत

किस्मत से कम और किस्मत से ज्यादा कभी किसी को नहीं मिलता..

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