फोकस साहित्य

लघु कथा : उदास कृति

मैं तो अपने मन की कह भी नहीं पाया। स्निग्धा अपने सपनों की रंगीन उड़ान भरने चली गई। उसके बाद मैंने भी.....

लघु कथा: मेरा कुलदीपक

इस मौसम में कौन हो सकता है...सोचते हुए जाकर देखा। एक सुदर्शन युवक रेनकोट में लिपटा खड़ा था। वो उनकी प्रश्नवाचक निगाहें देख कर.....

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