कभी आपका कोई व्रत टूट जाए या मन्नत पूरी ना हो तो भगवान से ऐसे मांगें क्षमा

कभी आपका कोई व्रत टूट जाए या मन्नत पूरी ना हो तो क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए ? आइए जानते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी से....

कभी आपका कोई व्रत टूट जाए या मन्नत पूरी ना हो तो भगवान से ऐसे मांगें क्षमा

फीचर्स डेस्क। हमारे देश में लोग व्रत रखकर भगवान की पूजा करते हैं और अपने और अपने परिवार के लिए खुशहाली की मनोकामना करते हैं। सभी देवी-देवता का व्रत करने का अपना अलग-अलग महत्व है। ऐसे में कभी आपका कोई व्रत टूट जाए या मन्नत पूरी ना हो तो क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए ? आइए जानते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी से....

पाप-पुण्य का महत्व

हिन्दू धर्म में पाप-पुण्य की बातों को काफी गंभीरता से लिया जाता है। हम वास्तव में क्या कर्म कर रहे हैं उसे पाप तथा पुण्य से कहीं ना कहीं जोड़ा जरूर जाता है। ऐसी मान्यता है कि हमारे द्वारा किए गए अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा हमें मरने के बाद जरूर देना पड़ता है।

लोग मानते हैं इसे

जीवित अवस्था में यदि हमने अधिक से अधिक पुण्य कमाया है तो हमें स्वर्ग की प्राप्ति होगी और यदि इसके विपरीत पाप किये हैं तो नर्क मिलेगा, ऐसी मान्यता हिन्दू धर्म में पाई गई है।

लोगों का विश्वास

इसलिए ताउम्र हिन्दू धर्म का पालन करने वाले लोग हर पल यही कोशिश करते हैं कि वे अच्छा बोलें, अच्छे कर्म करें और अधिक से अधिक पुण्य कमाने का प्रयास करें।

पाप और पुण्य की परिभाषा

किसी जरूरतमंद की मदद करना, प्यासे को पानी देना, भूखे को भोजन कराना, किसी गरीब को धन-भोजन दान करना, ये सभी चीजें पुण्य कर्मों के भीतर आती हैं। लेकिन यदि हम किसी से अपशब्द बोलते हैं, दूसरे की निंदा करते हैं, चोरी करते हैं, धोखा देते हैं, तो हम पाप के भागीदार बन रहे हैं।

जब हो ऐसी घटना

पाप-पुण्य की ये बातें तो काफी साफ हैं, लेकिन कुछ और भी मान्यताएं हैं जो हम रोजाना सुनते हैं लेकिन शायद उनका आधार नहीं जानते। भगवान को प्रसन्न करने के लिए या अपनी इच्छा पूर्ण करने के लिए हम पूजा करते हैं, व्रत करते हैं, लेकिन यदि ये तपस्या अधूरी रह जाए तो इसे पाप माना जाता है।

पूजा के दौरान होने वाली गलतियां

ऐसा कई लोगों के साथ होता है, किसी मनोकामना के लिए मन्नत मांगते समय लोग अकसर भगवान को एक वायदा करते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से उसे पूरा नहीं कर पाते। इस सिलसिले में कहा जाता है कि व्रत या मन्नत को पूरा ना करने से भगवान पाप लगाते हैं।

लोग इन्हें मानते हैं पाप के समान

ऐसी कई अन्य मान्यताएं हिन्दू धर्म में बनी हुई हैं। आज हम आपको ऐसी ही कुछ मान्यताओं से अवगत कराएंगे जो यदि आपको ‘पाप’ हो जाने का संकेत दे रही हों, तो उससे कैसे बचा जाए।

जब दीया बुझ जाए

पूजा के दौरान दीया बुझ जाता है तो इसे अपशकुन माना जाता है। कहते हैं पूजा करते समय अचानक दीये का बुझ जाना बुरा संकेत देता है। यह पूजा के प्रभाव को नष्ट करता है और इसे पूजा का अपमान समझा जाता है।

अनिष्ट से बचने के लिए

यदि ऐसा किसी के भी साथ हो तो उसे घबराना नहीं चाहिए। तुरंत अपने इष्ट देवता का ध्यान करते हुए पूरे मन से दोबारा दीया प्रज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने से अनिष्ट नहीं होता।

मंदिर से मिले फूल

मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थल से लोग अकसर फूल ले आते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि ऐसे फूल घर नहीं लाने चाहिए। आप इन्हें घर तो ला सकते हैं किंतु 24 घंटे के बाद इन्हें जल में बहा दें, नहीं तो घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलने लगती है।

मौलि या कलावा

पूजा के दौरान कलाई पर बांधा गया मौलि या कलावा का धागा लोग ना जाने कितने दिनों तक बांधकर रखते हैं। उनके अनुसार इसे उतारना पाप है, लेकिन ऐसा नहीं है। पूजा के 24 घंटे के बाद आप इसे उतारकर किसी पेड़ की जड़ पर बांध सकते हैं या फिर बहते जल में प्रवाहित कर दें।

व्रत टूट जाए तो क्या करें

सबसे अधिक भय लोगों को तब लगता है जब उनका व्रत टूट जाता है। कई बार तमाम नियमों का पालन करने के बावजूद भी कोई ऐसी भूल-चूक हो ही जाती है, जो व्रत तोड़ देती है।

करें ये उपाय

ऐसे में व्यक्ति डर जाता है कि अब क्या करे। व्रत टूटने पर देवी-देवता नाराज होंगे और मनोकामना पूर्ण करने की बजाय दंड देंगे, ऐसा भय उन्हें सताता है।

क्षमा मांग लें

लेकिन आपके साथ ऐसी घटना कभी भी घटित हो, तो एक आसान सा उपाय करें। व्रत टूटने का आभास होने पर तुरंत जिस भी देवी-देवता का आपने व्रत किया था उनसे क्षमा मांगें और किसी विद्वान की सलाह से दान-पुण्य करें।

पूजा में गलती हो जाए तो

यदि गलती से पूजा करते समय आप से कोई भूल हो जाए तो, इसे पाप ना समझें और ना ही इससे डरकर अपनी पूजा बीच में छोड़ें। हाथ में थोड़ा गंगाजल लें और भगवान से क्षमा मांगें, फिर इस गंगाजल को किसी पात्र में छोड़कर अपनी पूजा आरंभ कर सकते हैं।

मन्नत अधूरी रह जाए तो

यदि किसी कारणवश आपने भगवान से जो मन्नत मांगी थी उसे पूरा करने में आप असमर्थ हो जाएं, तो इसके लिए भगवान से क्षमा मांगें। मन्नत में आपने जो वायदा किया था, उस सामान का सवाया यानि कि सवा भाग जिस भी देवी-देवता की आपने मन्नत मांगी थी, उनके मंदिर में जाकर अर्पित कर दें और क्षमा मांग लें।

अमावस्या और पूर्णिमा

यदि आपके पूर्वज,पुरखे या कुल देवी देवता रुष्ठ हो गये हो तो हर अमवास्या और पूर्णिमा पर किसी 1 भूखे व्यक्ति को भोजन अवस्य खिलाएं इससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी

इनपुट सोर्स : ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद विनोद सोनी पोद्दार, भोपाल सिटी।