नारी मन की उड़ान

नारी मन की उड़ान

फीचर्स डेस्क। जीवन के आसमान में इच्छाओं और होसलों के पंख लगाकर सफलताओं की सीढ़ियां चढ़ती नारी मानो आज ही यह कह रही है:-

"जमीन पर बैठकर क्यों आसमां निहारे

 बनाकर हौसलों को पंख अपने

 उठ जाओ उन्मुक्त आकाश में

 अब तो सारा संसार तुम्हारा है!!"

आज संपूर्ण विश्व में नारी अपनी योग्यता और हिम्मत आत्म शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। नारी घर की दहलीज लांघ कर समाज देश एवं संपूर्ण विश्व के विकास को गति देती हुई पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है ।उसके साहस, इच्छाशक्ति एवं आत्मविश्वास की अनुगूंज चारों ओर ध्वनित हो रही हैं।

पुरातन काल की सावित्री, गार्गी और मैत्री से लेकर कालांतर में लक्ष्मी बाई, पद्मावती, रजिया सुल्तान सहित आज की कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, इंदिरा नूई, मैरी कॉम और  राफेल पायलट भावना की उड़ान, इस बात का प्रबल प्रमाण है कि नारी के लिए आसमान चाहे कितना भी विस्तृत और विशाल क्यों ना हो। उसकी उड़ान जारी थी, जारी है और जारी रहेग। शिक्षा, खेल, राजनीति, सेना, अध्यापन ,पर्वतारोहण, बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में कार्यरत, यानी कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां नारी का वर्चस्व ना हो।

परंतु एक प्रश्न अभी भी समाज के समक्ष है कि वास्तव में एक बड़ा स्त्री वर्ग आज भी अपने अधिकारों से अनजान है। उनमें शिक्षा एवं आत्मविश्वास का अभाव है ।उनकी सोच का दायरा सीमित है। जरूरत है नारी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने की। नारी के इस वर्ग के उत्थान की। यह सब नारी शिक्षा से ही संभव है। अब तो हमारी सेना ने भी महिला अधिकारियों के लिए अपने द्वार पूर्ण रूप से खोल दिए हैं।

यदि समय और परिस्थितियां अनुकूल हो तो कोई शुभा नहीं कि सम्मान, स्नेह और आत्मविश्वास से भरी नारी अपनी उड़ान पूरी कर सकेगी।

  विश्व की सभी नारियों को सलाम, सृष्टि नारी बिना अधूरी है......

इनपुट सोर्स : रेखा मित्तल, एडमिन फोकस साहित्य।