अंकुरण इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट्स ने plantation करके मनाया EarthDay

हेड मिस्ट्रेस मिसेस पूजा शर्मा ने कहा पृथ्वी के बिना इंसान का जीवन संभव नहीं है। इसे बचाने के लिए हमें पेड़-पैधे लगाने का संकल्प लेना होगा....

अंकुरण इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट्स ने plantation करके मनाया EarthDay

प्रयागराज। सिंधु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज अंकुरण इंग्लिश मीडियम सेक्शन में EarthDay बहुत ही शानदार रूप से मनाया गया। इस दौरान स्कूल की टीचर्स द्वारा बच्चों के लिए किया गया प्रयास बहुत ही सराहनीय रहा। वहीं बच्चों ने विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लिया तथा बच्चों के द्वारा plantation भी कराया गया। बच्चों को save water, more plantation & save electricity के बारे में भी बताया गया। बच्चों को उपहार स्वरूप छोटे-छोटे पौधे दिए गए। स्कूल की हेड मिस्ट्रेस मिसेस पूजा शर्मा ने बच्चों के इस नेक कार्य की सराहना किया।

वहीं स्कूल की टीचर भावना रस्तोगी ने बच्चों को अर्थ डे क्यों मनाया जाता है इसके बारे में बताया उन्होंने कहा किहर साल 22  अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्य लोग को पृथ्वी के महत्‍व को बताना और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के लिए जागरूक करना है। पृथ्वी दिवस का इतिहास बहुत ही दर्दनाक और दिल को दहला देने वाला है। विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 1970 में हुई।1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव के कारण बड़ी त्रासदी हो गई थी। इस हादसे ने कई लोगों को चपेट में लिया था। उसी दिन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का निर्णय लिया गया और नेल्सन के कहने पर 22 अप्रैल को करोड़ों की संख्या में अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस को सेलिब्रेट किया. पृथ्वी दिवस या अर्थ डे जैसे शब्द को दुनिया के सामने लाने वाले सबसे पहले व्यक्ति जूलियन कोनिग थे। कोनिग जन्मदिन 22 अप्रैल को होता था। इसी वजह से पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आंदोलन की शुरुआत भी उन्होंने इसी दिन की और इसे अर्थ डे का नाम दे दिया।

 की हेड मिस्ट्रेस मिसेस पूजा शर्मा ने कहा हमें ये लेना होगा संकल्प पृथ्वी के बिना इंसान का जीवन संभव नहीं है। इसे बचाने के लिए हमें पेड़-पैधे लगाने का संकल्प लेना होगा। ऐसा करने से हरियाली के साथ ही ऑक्सीजन भी मिलेगी। पेड़ मिट्टी को कटने से भी रोकते हैं. इसलिए हमें पौधरोपण करना होगा और इसके लिए लोगों को जागरूकर भी करना होगा। धरती को बचाने में जल संरक्षण बेहद अहम भूमिका निभाता है। पानी की बरबादी हमारे भूमंडल के बिगड़ते हालात के लिए जिम्मेदार है। हमें ज्यादा से ज्यादा पानी बचाने का संकल्प लेना होगा. भू-गर्भ जल को बनाए रखना होगा। पानी बेवजह खर्च न करें। बारिश के पानी को स्टोर करके उसका इस्तेमाल करना चाहिए। पूरी दुनिया में आज बढ़ती वाहनों की संख्या और हवाई जहाजों की मांग से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।