Valentine's Day Special: सरप्राइज

इन लड़कियों के बारे में कभी परडिकट नहीं कर सकते। कब ऐन वक्त पर इनको कुछ काम आ जाता है। जाना तो फिर भी था....

Valentine's Day Special: सरप्राइज

फीचर्स डेस्क। राहुल और रिया एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। एक दूसरे के बिना रहना बहुत मुश्किल था।  दोनों मेडिकल के छात्र थे। समय कैसे पंख लगाते व्यतीत होता चला गया ,कुछ पता ही नहीं चला।एक साथ घंटों बैठकर नोट्स बनाना, प्रैक्टिकल करना और कॉफी पीना। यही दिनचर्या थी हमारी।
राहुल यानी कि मैंने पिछले कई दिनों से सोच रखा था कि इस बार की फाईनल परीक्षा होते ही रिया को शादी के लिए प्रपोज कर दूंगा। अभी तक मैंने कभी सामने से रिया को कुछ नहीं बोला। हम लोग अक्सर साथ बैठते , घंटो बातें करते, दूसरे की समस्याएं सुलझाते। ये महज आकर्षण नहीं था, कुछ ज्यादा था। हमारी दोस्ती धीरे-धीरे कब प्यार में बदल गई कुछ पता ही नहीं चला।

मैं सुबह से ही तैयार होकर बैठा था। आज मन परीक्षा में भी नहीं लग रहा था। आखिरी परीक्षा थी, देने तो जाना ही था। 
मैंने अपने मित्रों की सहायता से सब सेट कर रखा था ।
आज शाम को लेक व्यू होटल में रिया को प्रपोज करने की तैयारी पहले से कर ली थी। मैंने अपने कुछ और मित्रों की सहायता से रिया को भी वहां आने के लिए मना लिया था। उसको ये नहीं पता था कि मैं उसको आज प्रपोज करने वाला हूं। दिल में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे। एक तरफ डॉक्टर बनने की खुशी थी दूसरी तरफ सबसे बड़ी खुशी यह थी कि आज रिया को हमेशा के लिए‌अपना बना लूंगा।

नियत समय पर परीक्षा देकर जल्दी से निकला। फटाफट रूम पर जाकर चेंज किया मैंने काले रंग का अपना पसंदीदा सूट निकाला और अपने को निहारते हुए गुनगुना रहा था।
"मेरा मन ,क्यों तुम्हें चाहे ! मेरा मन" इतने में ही फोन की घंटी बज गई। देखा तो फोन रिया का ही था ।

" हेलो, कहां हो?"मधुर सी आवाज में रिया बोली।
" बस आ रहा हूं!"मैंने झट से उत्तर दिया, मेरी आवाज में उतावलापन साफ झलक रहा था। हम दोनों ने हमेशा की तरह साथ जाना तय किया था। रिया बला की खूबसूरत थी ।उसकी हिरनी जैसी आंखें मुझे मदहोश करने के लिए काफी होती थी। रिया के कंधे पर झूलते बाल उसकी सुंदरता में चार चांद लगाते थे।
 मैंने रिंग , लाल गुलाब जो रिया को बहुत पसंद है,का इंतजाम  रेस्त्रां में कर रखा था। एक ही बात का ध्यान रखना था ,किसी तरह  रिया को शक ना हो जाए।

"हेलो, कहां खो गए, मुझे कुछ काम है !तुम चलो, मैं पहुंचती हूं !,"रिया ने कहकर फोन बंद कर दिया।
"लो हो गया सरप्राइज"!! मन ही मन झुंझलाता हुआ बाहर आया।

इन लड़कियों के बारे में कभी परडिकट नहीं कर सकते। कब ऐन वक्त पर इनको कुछ काम आ जाता है। जाना तो फिर भी था ।

मैं अकेले जा रहा था, सब पहले ही निकल गए थे।मुझे तो रिया  के साथ जाना था। सारी सरप्राइज पार्टी का मजा किरकिरा हो रहा था। रिया को ऐसा कौन सा काम आ गया,  हमेशा तो मेरे साथ चलने के लिए पहले से तैयार रहती थी ।आज मेरी जिंदगी का इतना महत्वपूर्ण दिन है आज ही उसको कुछ काम है।
"लो साहब,आ गया होटल लेक व्यू ",कैब वाला बोला, मेरी तन्द्रा टूटी।
मैं जल्दी से उतरा, होटल की तरफ बढ़ने लगा।

"साहब ,आपका मौबाइल", पीछे से आवाज आई। जल्दबाजी में मोबाइल ही कैब में भूल गया।
धन्यवाद करते मैं आगे बढ़ा।

मै रेस्तरां की ओर अनमने मन से जा रहा था। पता नहीं, मैडम कितनी देर में आएंगी। तभी अंदर जाते हुए मुझे रिसेप्शनिस्ट ने रोका कहा,"साहब, इधर नहीं, आपकी पार्टी का इंतजाम तो अंदर लान में कर दिया गया है। मैं अचंभित! परंतु ज्यादा बहस करने का मन नहीं था। मुझे अपने मित्र भी दिखाई नहीं दे रहे थे।
वो  मैं लान में पहुंचा, तो देखता हूं कि वहां मेरी पसंद के मोगरे के श्वेत ,सुवासित फूलों से बहुत सुंदर डेकोरेशन की हुई थी। कुछ मित्र भी खड़े थे।

"आइए"स्वागत है!"मधुर सी आवाज कानों में पड़ी, अरे ,यह तो रिया की आवाज है। सामने का नज़ारा ही कुछ ओर था।
रिया ने मेरा हाथ पकड़ा ,मुझे सबके बीच में ले गई ले गई।  इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाता
"जिंदगी के सफर में मेरे साथ‌ हमसफर बनकर चलोगे!"रिया ‌ने लाल गुलाब के साथ मुझे प्रपोज  कर दिया।  गुलाबी रंग की साड़ी पहने, खुले बालों के साथ रिया किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। यह सब काल्पनिक सा लग रहा था। मैने खुद को संभाला।
"हां, क्यों नहीं,"मैंने फटाफट रिंग ली और पहना दी। कहां मैं सोच रहा था कि मैं प्रिया को सरप्राइज दूंगा और यहां तो रिया ने ही‌ मुझे ही सरप्राइज कर दिया।
यही तो  मैं चाहता था। मैं उसका हाथ थामे खड़ा था। सब लोग हंस रहे थे, तालियां बजा रहे थे।
तभी एक मित्र आगे बढ़ा और बोला," ऐसे ही खड़े रहना है क्या?,केक नहीं काटना, भूख लग रही है  !"
सब खिलखिलाए । मैं और रिया केक काटने के लिए आगे बढ़ गए ,एक नई शुरुआत की ओर!!!!!

इनपुट सोर्स: रेखा मित्तल चंडीगढ़