“शक्ति स्वरूपा” : नारी शक्ति के रूप में उभर कर आई डॉ. पल्लवी, महिला सशक्तिकरण की जगाई अलख

डॉ. पल्लवी ने समय समय पर समाज के लिए भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कई कार्य किए है। उत्तरप्रदेश महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने महिलाओं के शौचालय, सड़क और वाहन संबंधित समस्याओं का निदान किया है। नशा मुक्त अभियान के तहत कई महिलाओं के जीवन में उजाला लेकर आई है पल्लवी कई स्कूल में डॉ. पल्लवी ने पैड वितरण किए जिसमे लगभग 500 बच्चियों ने लाभ उठाया...

“शक्ति स्वरूपा” : नारी शक्ति के रूप में उभर कर आई डॉ. पल्लवी, महिला सशक्तिकरण की जगाई अलख

फीचर्स डेस्क। चैत्र नवरात्रि का आज छ्ठा दिन दिन है। ऐसे में हर साल की तरह इस साल भी focus24news ने देश के उन “शक्ति स्वरूपा” की कहानी लेकर आया है जो आज समाज में लड़कियों और महिलाओं के लिए अपना समय निकाल कर उनको आत्मनिर्भर, हुनरमंद और उनके स्वास्थ्य के लिए काम कर रहीं हैं। तो आइए जानते हैं आज कि हमारी “शक्ति स्वरूपा” स्पेशल सीरीज में सुल्तानपुर की डॉ. पल्लवी तिवारी के बारें में जो गांव की बालिकाओं के स्वास्थ्य के प्रति, उनकी शिक्षा के प्रति पिछले कई सालों से सजग है। वो गांव की सभी बच्चियों को स्वच्छता मुख्य रूप से महावारी पर आधारित स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहती है क्योंकि कई बालिकाएं इस वजह से कई गंभीर बीमारी की शिकार हो जाती है और उन्हें पता भी नहीं चलता। आइए जानते है  पल्लवी तिवारी के व्यक्तित्व के बारे में…..

कैसे मिली प्रेरणा

डॉ. पल्लवी बताती है कि जब उन्होंने 2009 में बेसिक शिक्षा विभाग में ज्वाइन किया तब देखा कि गांव की बच्चियां महावारी स्वच्छता के प्रति कितनी लापरवाह है। पल्लवी ने 2010 से 2012 तक प्राथमिक विद्यालय बालमपुर में काम किया तब बच्चियों को समझा और जाना। आपने इस क्षेत्र में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया ताकि आप बच्चियों को और अच्छे से ज्ञान दे सकें। जब उन्होंने बच्चियों से बात की तब वो इस विषय में बात करने में भी शर्म महसूस करती थी। खुल कर बात करना उन बच्चियों के लिए सहज नहीं था। उसी समय मैंने कई अंधविश्वासों के बंधन से उनको मुक्त करने की ठान ली। और आगे की दिशा में अपने कार्य को करने के प्रति अग्रसर हुई।

उठाए कई कदम

डॉ. पल्लवी कहती है कि सबसे पहले तो सभी बच्चों की काउंसलिंग की कि कैसे इस समय में उनको स्वच्छ रहना चाहिए। ताकि वो अपने स्वास्थ्य के प्रति कांशियस हो सकें। इसका परिणाम ये हुआ कि धीरे धीरे ही सही बालिकाएं सजग हुई अपने स्वास्थ्य को लेकर और मुझसे खुल कर बात करने लगी। मैंने उन्हें बताया कि पैड का इस्तेमाल कैसे करना है। कपड़ा और पैड के अंतर को भी बताया। स्कूल में पैड बैंक की स्थापना भी की ताकि वहां से वो आसानी से पैड ले सकें। 

शिक्षा के लिए महिलाओं को किया जागरूक

डॉ. पल्लवी बताती है कि इतने सालों से वो बच्चों को पढ़ा रही है,लेकिन फिर भी लोगों का शिक्षा के प्रति रुझान कम है। तो इसी दिशा में वो आगे बढ़ी और महिलाओं को शिक्षा के प्रति और उससे मिलने वाले रोजगार के प्रति सजग किया। इसके लिए वो लोगों के घर तक गई उन्हें प्रोत्साहित किया कि वो विद्यालय आएं । कई सम्मेलन भी आयोजित किए। धीरे धीरे बच्चो को संख्या बढ़ी और बच्चे पढ़ाई में रुचि लेने लगे। इसके लिए घर घर जाकर पढ़ाई से संबंधित चीजें भी वितरित की। लेकिन एक समस्या और थी कि बच्चों को विज्ञान और इंग्लिश विषय समझने में समस्या हो रही थी।  इसके लिए भी कई स्कूल के सहयोग से उन्हें कई टीचिंग लर्निंग मैटेरियल उपलब्ध करवाए ताकि उनकी रुचि बढ़े। पल्लवी ने महिलाओं को कई कानूनों से भी परिचित करवाया ताकि वो समय आने पर इसका सही इस्तेमाल कर सके।

 स्वास्थ्य के प्रति भी किया जागरूक

डॉ. पल्लवी ने बच्चियों और महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक किया । योग शिक्षकों द्वारा कई योग शिविर का आयोजन किया। इसके अलावा खान पान संबंधित जानकारियां भी दी। क्या खान पान उन्हे अपनाना चाहिए इन सभी विषयों की जानकारी उन्हें दी। अखिल भारतीय परिषद की तहसील प्रमुख के रूप में लगभग शहर के पांच स्कूल में मिशन साहसी चलाया जिसमे आत्म रक्षा के तरीके बताए गए क्योंकि पल्लवी का मानना है कि जब तक महिलाए या बच्चियां स्वस्थ नहीं रहेंगी तब तक वो पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाएंगी। इस मिशन से लगभग 200 बच्चियां लाभान्वित हुई। 

 समाज के लिए किए कई कार्य

डॉ. पल्लवी ने समय समय पर समाज के लिए भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कई कार्य किए है। उत्तरप्रदेश महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने महिलाओं के शौचालय, सड़क और वाहन संबंधित समस्याओं का निदान किया है। नशा मुक्त अभियान के तहत कई महिलाओं के जीवन में उजाला लेकर आई है पल्लवी कई स्कूल में पल्लवी ने पैड वितरण किए जिसमे लगभग 500 बच्चियों ने लाभ उठाया। दलित बस्तियों में जाकर कपड़े भी बांटे। 2020 में पल्लवी ने मिसेज इंडिया ग्लोब अवार्ड भी जीता और अब सुल्तानपुर के रेडविंग्स कंपनी में डायरेक्टर के रूप में कार्य कर रही है। वो और बच्चियों को भी इस क्षेत्र में जाने के लिए समय समय पर ऑडिशन के माध्यम से प्रोत्साहित करती रहती है। कई जरूरतमंद लोगों को पल्लवी फ्री में कानूनी मदद भी उपलब्ध कराते है।

 इन सभी कार्यों के अलावा महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने में पल्लवी का बहुत योगदान है। कई महिलाएं उनके संरक्षण में आज अपने पैरों पर खड़ी है। कई महिलाओं का अपना खुद का बैंक का खाता है। वो आज किसी पर भी निर्भर नहीं। ये सब संभव हो पाया है डॉ. पल्लवी की वजह से।