Navratri 2023: पढ़िये, इन नौ दिग्गज महिलाओं के बारें में जो नारी शक्ति की बन गईं मिसाल

खेल जगत से लेकर राजनीति के क्षेत्र तक और रक्षा मंत्रालय से लेकर वित्त मामलों तक हर क्षेत्र में महिलाएं सफलता पूर्वक देश का कार्य भार संभाल रही हैं। नवरात्रि के मौके पर मिलिए देश की नवदुर्गा से, जिन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कमाया नाम और पहचान...

Navratri 2023: पढ़िये, इन नौ दिग्गज महिलाओं के बारें में जो नारी शक्ति की बन गईं मिसाल

फीचर्स डेस्क। नवरात्रि के मौके माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवदुर्गा के सभी स्वरूपों का हर दिन पूजन किया जाता है। यह पर्व धार्मिक महत्व रखता है, साथ ही नारी शक्ति का भी प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिन और उपवास के अंत में कन्या पूजन के जरिए नारी के सम्मान को दर्शाया जाता है। देश की हर महिला कहीं न कहीं माता दुर्गा के नव स्वरूपों में नजर आ जाती हैं। आज भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं। माता अन्नपूर्णा की तरह घर परिवार को संभालने के साथ ही आदिशक्ति की तरह देश की रक्षा और समाज कल्याण के दिशा में कार्य कर रहीं हैं। खेल जगत से लेकर राजनीति के क्षेत्र तक और रक्षा मंत्रालय से लेकर वित्त मामलों तक हर क्षेत्र में महिलाएं सफलता पूर्वक देश का कार्य भार संभाल रही हैं। नवरात्रि के मौके पर मिलिए देश की नवदुर्गा से, जिन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कमाया नाम और पहचान।

द्रौपदी मुर्मू 

भारत के सर्वोच्च पद पर एक महिला आसीन है। देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राजनीतिक पृष्ठभूमि ओडिशा से रही। उन्होंने पार्षद का चुनाव जीता। फिर अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बनीं। ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं। साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया। उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता। बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं। 

निर्मला सीतारमण

लगभग देश की हर लड़की को मितव्ययिता सिखाई जाती है। लेकिन देश के उच्च पद पर आसीन एक महिला इसी मितव्ययिता से देश संभाल रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम देश- विदेश में प्रसिद्ध है। देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मोदी सरकार में पद मिला। उसके बाद से वह लगातार देश की वित्त मामलों को संभाल रही हैं। इसके पहले सीतारमण देश की रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं।  

ममता बनर्जी 

राजनीति में इन दिनों अगर किसी महिला की आवाज बुलंद है जो सत्ता, विपक्षी दलों और जनता तक पहुंच सके तो वह है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। ममता बनर्जी महिला सशक्तिकरण का सबसे जबरदस्त उदाहरण हैं। एक महिला पार्टी की लीडर होने के साथ ही प्रदेश की भी मुखिया भी है। लगातार तीन बार से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बने रहना आसान नहीं था लेकिन ममता बनर्जी के लिए कठिन भी नहीं। ममता केंद्र में लगातार दो बार रेल मंत्री भी रह चुकी हैं।

मायावती

उत्तर प्रदेश की राजनीति में किसी महिला का सबसे ज्यादा दबदबा रहा तो वह हैं मायावती। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पार्टी प्रमुख होने के साथ ही खुद में एक ब्रांड भी हैं। भारतीय राजनीति में किसी महिला के लिए यह ओहदा पाना आसान बात नहीं है। लंबे समय से राजनीति में रहने के बाद मायावती की पहचान 'बहन जी' के तौर पर बन गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।

आनंदी बेन पटेल 

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। कल्याण सिंह के अस्वस्थ होने पर आनंदी बेन पटेल को दो राज्यों के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। वह तब यूपी के साथ ही मध्य प्रदेश की राज्यपाल भी रहीं। आनंदी पटेल तेजतर्रार, सख्त और कुशल प्रशासन के लिए प्रसिद्ध है। इसी वजह से उन्हें आयरन लेडी भी कहा जाता है। राजनीति में आने से पहले वह एक अच्छी शिक्षक भी रह चुकी हैं। उन्हें राष्ट्रपति ने सम्मानित भी किया था।

स्मृति ईरानी

अभिनय से राजनीति में आईं स्मृति ईरानी ने बहुत कम समय में राजनीति की बारिकियां सीख लीं। राहुल गांधी और कांग्रेस को उन्हीं के गढ़ में हराकर अमेठी की सांसद बनने वाली स्मृति ईरानी ने मोदी कैबिनेट में जगह बनाई। संसद में जब स्मृति विपक्षियों पर हमलावर होती हैं और सवाल करती हैं तो कई दिग्गज नेता उनके तर्कों से चित्त हो जाते हैं। 

अनुप्रिया पटेल 

अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल निचले स्तर से केंद्र की सत्ता में काबिज होने वाली महिला राजनेताओं में शामिल हैं। वरिष्ठ नेता सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल राजनीति में आईं और पिता की पार्टी व राजनीतिक विरासत को संभाला। क्षेत्रीय राजनीति से उठकर केंद्र की राजनीति में कदम रखा। अपनी लोकप्रियता, जनता का विश्वास और राजनीति की अच्छी समझ के साथ अनुप्रिया पटेल मोदी कैबिनेट में शामिल हो गईं।

प्रियंका गांधी 

उत्तर प्रदेश की सियासत का उभरता नाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का है। कांग्रेस परिवार की बेटी राजनीति में जब सक्रिय हुईं तो उनमें इंदिरा गांधी की झलक देखी गई। प्रियंका गांधी की अब तक कोई राजनीतिक उपलब्धि या जीत न होने के बाद भी उनका नाम दिग्गज महिला राजनेताओं में शामिल हो चुका है। लोग कांग्रेस से प्रभावित हों या न हो लेकिन प्रियंका गांधी से जरूर प्रभावित होते हैं। प्रियंका गांधी राजनीति में देश की बेटी बनकर उभरीं और यूपी की राजनीति और चुनावों में अपना दमखम दिखाया।