अपनी जीवनशैली में बदलाव करके बच सकते हैं हम डायबिटीज से

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर व्यक्ति किसी न किसी काम में सुबह से रात तक बहुत ही व्यस्त रहता है और इन व्यस्तता के कारण वह अपनी जीवनशैली की ओर भी ध्यान नहीं दे पाता और सबसे महत्वपूर्ण बात वह अपने खानपान की ओर ध्यान नहीं दे पाता। तभी होती है गंभीर बीमारियां और इन बीमारियों में से एक है डायबिटीज। खानपान के द्वारा हम कैसे बच सकते है इस बीमारी से बता रही है आहार एवं पोषण विशेषज्ञ वीना उपाध्याय…

अपनी जीवनशैली में बदलाव करके बच सकते हैं हम डायबिटीज से

फीचर्स डेस्क। हम सभी अपने कार्यों के चलते अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते। जिसका असर हमारी आने वाली जिंदगी पर पड़ता है, हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और उस हमसे जुड़े हुए हर उस व्यक्ति पर पड़ने लगता है जो हमारे करीब रहता है। जी हां आज मैं आप सबको यही बताने जा रही हूं कि जीवन शैली जैसी हम अपनाते हैं वैसा ही हमारा शरीर बन जाता है और धीरे-धीरे हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाली बीमारियां उस जीवन शैली का परिणाम होती है । इनमें से सबसे ज्यादा दिखने वाली जो बीमारी है वह है डायबिटीज यानी मधुमेह और यह अभी कुछ सालों से नहीं शुरू हुई है यह बहुत ही पुरानी बीमारी है जो उम्र के साथ धीरे धीरे हमारे शरीर में दिखने लगती है।

क्या है ये बीमारी

शुगर या डायबिटीज या मधुमेह सब एक ही बीमारी के नाम हैं जो हमारे शरीर में एक छुपे हुए रूप में रहती है और जैसे ही हम अपनी जीवनशैली के प्रति लापरवाह होते हैं या अपने शरीर को पौष्टिक चीजों से दूर रखने लगते हैं शारीरिक व्यायाम से दूर रखने लगते हैं तब यह छुपी हुई बीमारी अचानक से हमारी जिंदगी में दिखने लगती है छुपे हुए रूप को हम प्रीडायबीटिक कहते हैं। हमारे शरीर के अंदर एक बहुत ही छोटा सा अंग होता है जिसको हम कहते हैं अग्नाशय। जी हां इस अग्नाशय के अंदर एक बीटा सेल्स पाई जाती हैं जो कि हमारे शरीर में इंसुलिन नाम का हार्मोन स्रावित करते हैं और इस इंसुलिन नाम के हार्मोन का काम होता है हमारे शरीर में कि जो भी हमारे शरीर के अंदर खाने के द्वारा शुगर पहुंचती है  उसका उपयोग करना या उस शुगर के जो काम है उस काम तक उसको पहुंचाना।

कब होती है डायबिटीज

जब हमारा शरीर में इंसुलिन हार्मोन कम साबित होने लगते हैं या इंसुलिन अपना काम ठीक से नहीं करता है तो भोजन के द्वारा हमारे शरीर में आई हुई शुगर ना तो अवशोषित हो पाती है और ना ही वह अपना काम ठीक से कर आती है ऐसे में हमारे ब्लड में शुगर का लेवल पड़ने लगता है और इसी अवस्था को हम शुगर डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं।

ताकि खतरा हो कम

हमें इस तरह की जीवनशैली हमें अपनानी चाहिए जिससे हमें इस तरीके की बीमारियों से खतरा कम से कम हो या इस तरह का पौष्टिक भोजन खाना चाहिए जिससे हमें इस तरीके की बीमारियां का सामना ही ना करना पड़े। विस्तार से बता रही है इसके बारे में आहार एवं पोषण विशेषज्ञ वीना उपाध्याय।

  • प्रतिदिन 6 से 7 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए आप दिन में सोए या ना सोए परंतु रात में अच्छे से नींद जरूर लेनी चाहिए जिससे हमारा मस्तिष्क और शरीर पूर्ण रूप से तरोताजा हो जाता है दूसरे दिन के काम करने के लिए और हम तनाव मुक्त भी होते हैं हम स्वस्थ रहते हैं।
  •  सुबह उठ कर हमें कम से कम आधा घंटा या 30 मिनट अपने शरीर के लिए कोई ना कोई शारीरिक व्यायाम जरूर करना चाहिए अगर आप शरीर से बहुत ज्यादा लाचार हैं आप किसी तरीके की दौड़ भाग नहीं कर सकते हैं तो आप एक ही जगह पर बैठकर अपनी गर्दन हाथ पैर इनको थोड़ा हिलाने डुलाने वाली धीरे धीरे वाली व्यायाम करिए साथ में वॉकिंग करिए प्राणायाम करिए। अनुलोम-विलोम करिए सूर्य नमस्कार करिए। इससे हमारे शरीर के अंदर का रक्त संचार बहुत अच्छे से होता है हमें तरोसा जी ऑक्सीजन मिलती है जो हमारे शरीर के अंदर के सारे अंगों को तरोताजा करती है हमारे अंदर एक स्पूर्ति आ जाती है और जहां जाती है जिससे हम पूरा दिन अपने को एनर्जेटिक महसूस करते हैं। साथ ही व्यायाम हमारे शरीर के अनावश्यक बढ़ाने वाले वसा को भी नियमित रखता है ।
  • हमारे प्रति दिन में सुबह का नाश्ता भरपूर पौष्टिक होना चाहिए जिसमें शुगर के मरीज को या आपको कभी शुगर ना इसके लिए हमें ज्यादा से ज्यादा अपने सुबह के नाश्ते में हाई फाइबर वाली चीजें ,हाई प्रोटीन वाली चीजों को शामिल करना चाहिए ज्यादा से ज्यादा फल सब्जियों को शामिल करना चाहिए दूध से बनी हुई कोई चीज है शामिल करनी चाहिए फैट और कार्बोहाइड्रेट को कम मात्रा में शामिल करना चाहिए।
  •  प्रतिदिन के खाने में हमें सलाद अंकुरित चना मूंग और साथ ही साथ छाछ या दही को शामिल करना चाहिए।
  • बहुत ज्यादा मीठी चीजों को हमें हिसाब से खाना चाहिए अगर आपको शुगर हो गई है तो आपको अपनी शुगर रिपोर्ट के हिसाब से मीठी चीजों को कम करना चाहिए।
  •  बाहर से लाई गई खाने की चीजों को कम से कम शामिल करना चाहिए बहुत ज्यादा प्रॉस्ट्यूट को नहीं खाना चाहिए बहुत सोडियम रिच फूड बहुत शुगर सम्मिलित हुए बहुत जी तेल वाली चीजें हमें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कम से कम शामिल करना चाहिए।
  •  हमें सुबह के नाश्ते दिन के खाने और शाम के खाने में ज्यादा से ज्यादा सब्जियों को शामिल करना चाहिए ,फाइबर से भरपूर भोज्य पदार्थों को सम्मिलित करना चाहिए हाई बायोलॉजिकल वैल्यू वाले प्रोटीन को शामिल करना चाहिए कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को नियमित करना चाहिए अपने शरीर अपनी शुगर रिपोर्ट और अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से।

उपरोक्त जो भी  बातें बताई गई है आप सबको, यह बहुत ही साधारण और बहुत ही सरल है ।प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी उम्र का हो इन सब नियमों को अपनी जिंदगी में शामिल कर सकता है और आने वाली खतरनाक बीमारियों से बच सकता है।

इनपुट सोर्स:वीना उपाध्याय

(आहार एवं पोषण विशेषज्ञ)

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