सख्त कदम : यूपी में सरकारी नौकरी चाहते हैं तो दहेज न लेना साहब! जानिए नया नियम 

यूपी में सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को प्रदेश सरकार की दो शर्तें अब अनिवार्य रुप से पूरी करनी होंगी। उन्हें अपने संपत्ति का ब्योरा देने के साथ-साथ दहेज संबंधी एक शपथ पत्र भी भरना होगा...

सख्त कदम : यूपी में सरकारी नौकरी चाहते हैं तो दहेज न लेना साहब! जानिए नया नियम 

लखनऊ। आप सरकारी नौकरी की चाह रखते हैं तो मियां शादी तो करों लेकिन दहेज न लेना वरना नौकरी जानी तय है। जी, हाँ अब यूपी में सरकारी नौकरी पाने के लिए आपको दहेज न लेने की शपथ लेनी होगी। दरअसल, यूपी में सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को प्रदेश सरकार की दो शर्तें अब अनिवार्य रुप से पूरी करनी होंगी। उन्हें अपने संपत्ति का ब्योरा देने के साथ-साथ दहेज संबंधी एक शपथ पत्र भी भरना होगा। नई-नई सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को नियुक्ति के साथ ही संपत्ति की घोषणा करनी पड़ेगी। साथ ही दहेज न लेने का शपथपत्र भी उन्हें अनिवार्य रूप से देना होगा। ऐसे कई जरूरी शपथपत्र उन्हें नौकरी जॉइन करने के एक महीने के अंदर जमा करने होंगे।

डिफाल्टर न होने का घोषणापत्र भी देना पड़ेगा

दरअसल, राज्य व प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले युवाओं को नौकरी से पहले कई शपथपत्र और प्रमाण पत्र देने होंगे। सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति से पहले कर्जदार व डिफाल्टर न होने का घोषणापत्र भी देना पड़ेगा। साथ ही एक से अधिक पति या पत्नी न होने की घोषणा करनी होगी और दहेज न लेने का प्रमाणपत्र भी देना होगा। उन्हें अपनी ऐसी चल व अचल संपत्तियों की घोषणा करना होगी, जिसके वे स्थायी सदस्य हों। सरकार ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है ताकि वह नौकरी देने से पहले व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति और दहेज को लेकर उसकी सोच को जांच सक।

क्या था एक्ट

यूपी दहेज प्रतिशेध नियमावली 1999 में साल 2004 में संशोधन करके ये शामिल किया गया कि सभी सरकारी सेवकों को दहेज नहीं लेने का शपथ पत्र अपने विभागाध्यक्ष के पास जमा करना होगा। हालांकि, इसका अभी तक कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था लेकिन अब समाज कल्याण विभाग ने इस पर सख्‍ती बरतते हुए सभी विभागों से इसका पालन करने के लिए कहा है।

सामाजिक बुराई है दहेज प्रथा

दरअसल दहेज प्रताड़ना और भ्रष्टाचार समाज में जिस तरह फैल रहा है, उसे रोक लगाने के लिए सरकार ऐसी कवायद कर रही है।
प्रदेश सरकार ऐसा करने के पीछे की मंशा यह है कि वह नौकरी देने से पहले व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति और दहेज को लेकर उसकी सोच को जांच लेना चाहती है।  

देश में 2017 से 2021 के बीच प्रतिदिन करीब 20 दहेज हत्याएं हुई थी

बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने साल 2022 में राज्यसभा में दहेज हत्या को लेकर आंकड़े पेश किए गए हैं। जिसमें बताया गया था कि देश में 2017 से 2021 के बीच प्रतिदिन करीब 20 दहेज हत्याएं दर्ज की गई हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन सबसे अधिक छह मौतें दर्ज की गई हैं। इससे पहले पुलिस मुख्यालय ने पिछले साल पुलिस कर्मियों के लिए भी संपत्ति की जानकारी देने का नियम जारी किया था। इसी तरह गत वर्ष सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से दहेज नहीं लेने का शपथ पत्र मांगा गया था। 31 अप्रैल, 2004 के बाद जिनका विवाह हुआ है उन्हें अपने नियुक्ति अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना था।

चल व अचल संपत्तियों का देना होगा ब्योरा

राज्य व प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले युवाओं को नौकरी से पहले कई शपथपत्र और प्रमाण पत्र देने होंगे। सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति से पहले कर्जदार व डिफाल्टर न होने का घोषणापत्र देना पड़ेगा। एक से अधिक पति या पत्नी न होने की घोषणा करनी होगी। दहेज न लेने का प्रमाणपत्र देना होगा। उन्हें अपनी ऐसी चल व अचल संपत्तियों की घोषणा करना होगी, जिसके वे स्थायी सदस्य हों। सरकार द्वारा ऐसा करने के पीछे की मंशा यह है कि वह नौकरी देने से पहले व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति और दहेज को लेकर उसकी सोच को जांच लेना चाहती है।