Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें माँ  चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। अब ऐसे में इस दिन माता चंद्रघंटा की किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं...

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें माँ  चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

फीचर्स डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 17 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। जिससे व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी दुख दूर हो सकते हैं और दांपत्य जीवन भी सुखमय रहता है। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। अब ऐसे में इस दिन माता चंद्रघंटा की किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस आर्टिकल में ज्योतिषा एक्सपर्ट डॉ रुचिका गुप्ता से विस्तार से जानते हैं। 

जानें कौन हैं माता चंद्रघंटा? 

शिव पुराणके अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हो गया, तब माता पार्वती अपने मस्तक पर घंटे के समान चंद्राकृति धारण करने लगीं। मां पार्वती का ही सुहागिन अवतार मां चंद्रघंटा है। वहीं दूसरी कथा में ऐसा कहा जाता है कि जब महिषासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया, तब सभी देवता उसकी मंशा से डर गए थे। वह स्वर्ग पर अधिकार के लिए युद्ध कर रहा था।

तब इंद्रदेव समेत सभी देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए और महिषासुर के महात्वकांक्षाओं से अवगत कराया। इससे त्रिदेव बहुत क्रोधित हो गए और उनसे एक ऊर्जा निकली। जो मां चंद्रघंटा के रूप में प्रसिद्ध हुई। उसके बाद सभी देवताओं ने उनको अपने अस्त्र और शस्त्र दिए। जिसके फलस्वरूप मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर  देवताओं को मुक्ति दिलाई। 

इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा 

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और ध्यान करें और पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद मां का ध्यान करते हु ए पांच घी के दीपक जलाएं।

उसके बाद मां को सफेद कमल और पीले गुलाब का फूल अर्पित करें। फूल अर्पित करने के बाद रोली, अक्षत और पूजा सामग्री चढ़ाएं। संध्या के समय कपूर और दीपक से मां की आरती करें। आरती करने के दौरान पूरे घर में शंख और घंटा बजाना चाहिए।

इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो सकती है और इसके बाद परिवार समेत मां का जयकारा लगाए और भोग में मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर पूजा संपन्न करें। इसके बाद मां चंद्रघंटा की कथा, दुर्गा चालिसा, दुर्गा स्तुति और दुर्गा सप्तमी आदि का पाठ करें। 

मां चंद्रघंटा के प्रभावशाली मंत्रों का करें जाप 

माता चंद्रघंटा के प्रभावशाली मंत्रों का जाप करें। 

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

ऐं श्रीं शक्तयै नम:

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

मां चंद्रघंटा स्तोत्र का करें जाप  

मां चंद्रघंटा के स्तोत्र का जाप करें। 

आपद्धद्धयी त्वंहि आधा शक्ति: शुभा पराम्।

अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यीहम्॥

चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्ट मंत्र स्वरूपणीम्।

धनदात्री आनंददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायनीम्।

सौभाग्यारोग्य दायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

मां चंद्रघंटा को जरूर लगाएं ये भोग 

मां चंद्रघंटा को सेब और केला का भोग लगाएं और दूध से बनी मिठाई का भोग लगा सकते हैं। मां चंद्रघंटा को खीर बहुत प्रिय है।