दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का बन रहा है विशेष योग, पढ़ें क्या कहते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद जी

पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी आदि शुभ चीजों की खरीदारी करने घर में लक्ष्मी का वास होता है, धन, सौभाग्य में वृद्धि होती है। आज के दिन खरीदारी के अलावा भी कुछ ऐसे काम हैं जो कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करता है और हर कार्य में सफलता दिलाता है.

दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का बन रहा है विशेष योग, पढ़ें क्या कहते हैं ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद जी

फीचर्स डेस्क। इस बार 5 नवम्बर 2023 दिन रविवार को रविपुष्य योग बन रहा है जो बहुत ही विशेष है। दीपावली से कुछ दिन पहले पुष्य नक्षत्र आता है जो इस बार रविवार दिन रहेगा। ऐसी मान्यता है कि इस योग में खरीदी गई चीजें लंबे समय तक लाभ पहुंचाती हैं, खराब नहीं होती है। यह अत्यन्त शुभ नक्षत्र है। प्रभु श्री राम का जन्म नक्षत्र होने के कारण पुष्य नक्षत्र की विशेष प्रपिष्ठा है। शास्त्रों के अनुसार यदि गुरु पुष्य नक्षत्र में किसी कार्य की शुरुआत की जाए या कोई वस्तु खरीदी जाए तो उससे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इस वर्ष पुष्य नक्षत्र में यदि जमीन-जायजाद या माकन में निवेश किया जाए तो बहुत लाभ होने की योग बन सकते हैं। तो आइए इस आर्टिकल में ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी से जानें विस्तार से...

इन बातों का रखें खास ख्याल

ध्यान रखें जमीन-मकान खरीदते समय पूरी सावधानी रखें, किसी योग्य व्यक्ति या ज्योतिष से परामर्श करने के बाद ही जमीन में निवेश करें। यदि कोई व्यक्ति पुष्य नक्षत्र के योग में स्वर्ण आभूषण खरीदता है तो उसे इन चीजों से स्थाई लाभ प्राप्त होता है। इनसे प्राप्त धन बरकत देता है। सोने के मूल्य में हो रहे उलटफेर को ध्यान रखते हुए स्वर्ण में निवेश करें।

पुष्य नक्षत्र के काल में यदि आप किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना चाहते हैं तो यह भी लाभदायक हो सकता है। किन्तु निवेश से पूर्व संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करना चाहिए। इस दिन जो भी वस्तुएं खरीदी जाती हैं, उससे हमारे परिवार को भी लाभ होता है। खरीदने वाले व्यक्ति के परिवार को भी विशेष सुविधा और शुभ फल प्रदान करती है। यदि पुष्य नक्षत्र में वाहन खरीदते हैं तो उस वाहन से दुर्घटना की संभावनाएं कम रहती हैं। साथ ही, वाहन से दुर्घटना के योग टल भी सकते हैं। साथ ही वाहन चलाते समय हमें स्वयं भी पूरी सावधानी रखनी चाहिए, यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।

व्यापार के लिए है खास

व्यापारियों के लिए यह दिन बहुत ही लाभदायक रहता है। इस दिन बही-खाते खरीदने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में बही-खाते खरीदने पर व्यापार में लाभ अधिक होता है और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। पुष्य_नक्षत्र में सफेद रंग की वस्तुएं जैसे चावल, शकर आदि में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। निवेश से पूर्व सावधानी रखना आवश्यक है।

  1. पुष्य_नक्षत्र के दिन भगवान सूर्य का विधिवत तरीके से पूजन करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है ।
  2. पुष्य_नक्षत्र के दिन भगवान सूर्य को प्रातः जल चढाने से और आदित्य हदय स्त्रोत का पाठ करने से सूर्य को बल मिलता है, साथ ही आत्मविश्वास भी बढता है।
  3. पुष्य_नक्षत्र के दिन रामायण के बाल्यकाण्ड का पाठ करना चाहिए ऐसा करने से सूर्य ग्रह मजबूत होता है।
  4. पुष्य नक्षत्र के दिन किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर माणक रत्न सोने या तांबे की अंगूठी मे बनवाकर बीच वाली अंगुली में धारण करे।
  5. पुष्य नक्षत्र में भगवान राम दरबार की विधिवत तरीके से पूजा करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  6. पुष्य_नक्षत्र में तांबे की अंगूठी की विधिवत तरीके के पूजा करके अपनी अनामिका उंगुली में धारण करे।
  7. धन लाभ पाने के लिए पुष्य नक्षत्र के दिन भगवान गणेष व माता लक्ष्मी का अभिषेक केसर मिले दूध से करने से धन लाभ प्राप्त होता है।
  8. पुष्य नक्षत्र के दिन 11 लघु नारियल एक साथ रखे फिर विधिवत तरीके से उनकी पूजा करे। पूजा के बाद उन्हे किसी लाल कपडे में बांधकर धन स्थान में रखने से धन संचय बढता है।
  1. जिन लोगो की कुंण्डली में सूर्य नीच का हो उन्हे रवि पुष्य नक्षत्र में गेहॅू का दान किसी ब्राहमण को करना चाहिए साथ ही यथाषक्ति दक्षिणा भी देनी चाहिए। ऐसा करने से सूर्य को बल मिलता है।
  2. पुष्य नक्षत्र मे शंखपुष्पी की जड को प्राप्त करके चांदी की डिब्बी में डालकर उसे घर में स्थित तिजोरी में रखने पर धन की वृद्धि होती है।
  3. पुष्य नक्षत्र में दूध का दान करने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। धन संबंधी समस्याओं का निराकरण होता है।
  4. यदि कोई व्यक्ति पुष्य नक्षत्र में व्यापार के लिए वाहन खरीदता है तो उसे व्यापार में लाभ प्राप्त हो सकता है। यह वाहन व्यापार की उन्नति में सहायक सिद्ध हो सकता है।

इनपुट सोर्स : ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री, विनोद सोनी पोद्दार, भोपाल सिटी।