“शक्ति स्वरूपा” : “समस्यात्मक पेटी” बनाकर लड़कियों के हर तरह के समस्या का निवारण कर रहीं हैं सीमा

सीमा ने लड़कियों के मन कि बात समझने के लिए एक अनोखा प्लान तैयार किया। जी, हाँ सीमा ने एक “समस्यात्मक पेटी” बनाई हैं। जिसमें लड़कियां जो किसी से नहीं कह पाती हैं, ऐसी भी बातें इस “पेटी” में लिख कर डाल देती हैं। लड़कियों की तरफ से डाली गई इस पर्चियों में....

“शक्ति स्वरूपा” : “समस्यात्मक पेटी” बनाकर लड़कियों के हर तरह के समस्या का निवारण कर रहीं हैं सीमा

 फीचर्स डेस्क। चैत्र नवरात्रि का आज आठवा दिन है। ऐसे में हर साल की तरह इस साल भी focus24news ने देश के उन “शक्ति स्वरूपा” की कहानी लेकर आया है जो आज समाज में लड़कियों और महिलाओं के लिए अपना समय निकाल कर उनको आत्मनिर्भर और उनके स्वास्थ्य के लिए काम कर रहीं हैं। तो आइए जानते हैं आज कि हमारी “शक्ति स्वरूपा” स्पेशल सीरीज में शिक्षिका सीमा सिंह के बारें में जो लड़कियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की प्रयासरत हैं। आज इस “स्पेशल सीरीज” में हैं यूपी के सुल्तानपुर की सीमा सिंह। बता दें कि सीमा ने मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं के नामांकन, ठहराव, सशक्तिकरण और जीवन कौशल के लिए कई वर्षो से काम कर रहीं हैं।

सीमा ने लड़कियों के मन कि बात समझने के लिए एक अनोखा प्लान तैयार किया। जी, हाँ सीमा ने एक “समस्यात्मक पेटी” बनाई हैं। जिसमें लड़कियां जो किसी से नहीं कह पाती हैं, ऐसी भी बातें इस “पेटी” में लिख कर डाल देती हैं। लड़कियों की तरफ से डाली गई इस पर्चियों में बालशोषण, माहवारी, लड़के-लड़कियों में अंतर महसूस करना जैसे टॉपिक हुआ करते हैं। जिसको सीमा पढ़ेंने के बाद इन लड़कियों के माताओं से मिलकर लड़कियों के इन समस्या का निवारण पर चर्चा करती हैं। इसके साथ ही शिक्षिका सीमा ने अपने अध्यापन कार्य के साथ-साथ लड़कियों को आत्मसुरक्षा का भी हुनर सिखाती हैं। इसके साथ ही जरूरतमंद बच्चों को उनके पढ़ाई को सुचारु रूप से चलने में आर्थिक मदद भी करती हैं।

क्या कहती हैं सीमा

शिक्षिका सीमा कहती हैं कि मैं पूरा कोशिश करती हूँ कि अपने आसपास इलाके में कोई जरूरतमंद लड़की किसी भी तरह के अभाव में अपने जीवन में मूलभूत जरूरतों से वंचित न रह जाय। जितना कर सकती हूँ करती हूँ, लेकिन समाज सेवा करते समय हमने कभी दिखावा करने के लिए फोटोग्राफी नहीं कराया।  

महिलाओं को करती हैं प्रेरित

सीमा सिंह अपने आसपास के ग्रामीण महिलाओं को किसी न किसी रोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित करती रहती हैं। जिससे वो अपने परिवार को चलाने में अपने पति और घर वालों की मदद कर सकें। सीमा कहती हैं कि आज कि इस महंगाई में घर कि महिलाओं को भी अपने शिक्षा या हुनर के स्तर से आगे आना चाहिए ताकि कुछ पैसे महिलाएं भी अर्जित कर सकें और घर शुचारु रूप से चल सके।