ज्योतिष एक्सपर्ट से जानें किस वृक्ष की पूजा करने से क्या लाभ मिलता है ?

आइये ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी से जानते है किन पेड़-पौधों की पूजा से हमें क्या फायदा होता है...

ज्योतिष एक्सपर्ट से जानें किस वृक्ष की पूजा करने से क्या लाभ मिलता है ?

फीचर्स डेस्क। आज इस युग मैं जंहा हर दिन पेड़ काटे जा रहे हैं, प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, आने वाली पीढ़ी को एक दिन दूषित हवा ही प्राप्त होगी, आज जो ऑक्सीजन हमे मुफ्त मिल रही, एक समय आएगा जब इसकी कीमत लगेगी। हमने आज भी नई पीढी को वृक्षारोपण का महत्व नही समझाया ,एक समय था कि वृक्ष सिर्फ हवा , ऑक्सीजन , फल, फूल आदि तक के काम ही नही वरना इन वृक्षों की पूजा करके जीवन के कई सुखों का आनन्द लिया जाता था। पर आज न हम जानते कि किस वृक्ष मैं किस देव का वास है, और किस तरह पूजा करके हम अपने स्वास्थ्य और घर परिवार मैं सुख समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष पेड़-पौधों की पूजा करने से हमारी कुंडली के दोष तो दूर होते ही हैं साथ ही जीवन की अनेक प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। आइये ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी से जानते है किन पेड़-पौधों की पूजा से हमें क्या फायदा होता है...

शमी का वृक्ष

इस पेड़ की पूजा से शत्रुओं पर विजय मिलती हैं व कोर्ट केस में सफलता मिलने के योग बनते हैं। दशहरे पर इसकी विशेष पूजा की जाती है।

लाल चन्दन का वृक्ष 

सूर्य से संबंधित गृह दोष दूर करने के लिए लाल चंदन के पेड़ की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए। इससे प्रमोशन होने के योग भी बनते हैं।

केले का वृक्ष 

जिन लोगों की कुंडली में गुरु संबंधित दोष होते हैं, वे यदि इस पेड़ की पूजा करें तो उन्हें लाभ होता है। इसकी पूजा से विवाह के योग भी शीघ्र बनते हैं। केले का पेड़ काफी पवित्र माना जाता है और कई धार्मिक कार्यों में इसका प्रयोग किया जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है। केले के पत्तों में प्रसाद बांटा जाता है। माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है। जिन कन्याओ के विवाह मैं समस्या आती हो उन्हें इस पेड़ की पूजा से लाभ प्राप्त होता हैं ।

अशोक का वृक्ष 

इस की पूजा से सभी प्रकार के रोग-शोक दूर होते हैं व पारिवारिक जीवन सुखी होता है। किसी विशेष कामना पूर्ति के लिए भी इसकी पूजा की जाती है।

बिल्व का वृक्ष 

इस पेड़ के पत्ते व फल भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं। इसकी पूजा से नौकरी में प्रमोशन के योग बनते हैं व अकाल मृत्यु से रक्षा होती हैं।

बरगद का वृक्ष 

ये बहुत ही पवित्र वृक्ष है।इसे बड़,वट वृक्ष, बरगद, और इसे वटवृक्ष भी कहा जाता है। इसकी पूजा से महिलाओं का सौभाग्य अखंड रहता हैं व संतान संबंधी समस्याएं भी दूर होती है। हिंदू धर्म में वट सावत्री नामक एक त्योहार पूरी तरह से वट को ही समर्पित है। पीपल के बाद बरगद का सबसे ज्यादा महत्व है। पीपल में जहां भगवान विष्णु का वास है वहीं बरगद में ब्रह्मा, विश्णु और शिव का वास माना गया है। हालांकि बरगद को साक्षात शिव कहा गया है। बरगद को देखना शिव के दर्शन करना है।महिलाएं वट सावित्री की पूजा करके ही पति की दीर्घायु की कामना करती है।

नीम का वृक्ष 

इसकी पूजा करने से कुंडली के सभी दोष दूर होते हैं व रोगों से छुटकारा भी मिलता है। परिवार में सुख-शांति बनी रहती है । नीम के पेड़ का औषधीय के साथ-साथ धार्मिक महत्त्व भी है। मां दुर्गा का रूप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं नीमारी देवी भी कहते हैं। कहते हैं कि नीम की पत्तियों के धुएं से बुरी और प्रेत आत्माओं से रक्षा होती है। हर शुक्ल पक्ष की अष्टमी को सुबह 8 बजे माँ दुर्गा का वास इस वृक्ष मैं रहता है । विधिवत पूजा करने से घर मैं आ रही समस्या का हल अवश्य निकलता हैं । नीम की पूजा से लो बीपी की समस्या से भी मुक्ति मिलती हैं ।

पीपल का वृक्ष 

हिन्दू धर्म में पीपल को पूजनीय वृक्ष माना गया है। शास्त्रों में पीपल को देव वृक्ष कहा गया है । पेड़ों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है पीपल का वृक्ष । इस पेड़ की मात्र परिक्रमा से ही कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिल जाता है । शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास भी माना गया है । गीता में भगवान श्री कृष्ण ने तो पीपल के वृक्ष को स्वयं अपना ही स्ररूप बताया है । स्कन्दपुराण में कहा गया है कि पीपल के मूल में विष्णु,तने में केशव , शाखाओं में नारायण पत्तों में श्रीहरि और फलों में सभी देवताओं के साथ अच्युत भगवान निवास करते हैं । यदि हम पीपल को रोज जल अर्पित करते हैं, और उसकी जड का रविवार छोड़कर स्पर्श करते है तो आपकी कई बीमारी का अंत हो जाता है । वैसे भी पीपल की पूजा से गुरु और शनि ग्रह की शांति होती है इसकी पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है, साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है।

अनार का वृक्ष

पुरातन काल से लेकर आज तक जब भी किसी यंत्र का सृजन करना होता है,तो अनार की कलम बगैर सम्भव नही होता हैं। अनार के वृक्ष से जहां सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता हैं वहीं इस वृक्ष के कई औषधीय गुण भी हैं। पूजा के दौरान पंच फलों में अनार की गिनती की जाती है।

आंवला वृक्ष

आंवला एकादशी वाले दिन आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान शिव, विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजा करें, ऐसा करने से घर में पैसों की कमी दूर हो सकती है। .गरीबों और ब्राह्मणों को आंवला दान करें, ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

1. आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाएं और ब्राह्म्णों को खिलाएं. ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है ।

2. घर में आंवले का पौधा लगाएं, ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है ।

3. आंवले के पेड़ पर हल्दी का स्वस्तिक बनाएं, ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी ।

4. चंदन व हल्दी मिलाकर आंवले की जड़ में डालें, ऐसा करने से आपका रुका हुआ पैसा जल्दी मिल सकता है ।

इन वृक्षों के अलावा और भी कई देववृक्ष हैं जैसे तुलसी,पलास,बांस, आम, गूलर, आक,नारियल,मदार,गुलर आदि जिनकी पूजा से कई समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती हैं। कई वृक्ष की सेवा तो सिद्धि तक देती हैं । जैसे बबूल वृक्ष में अमावस्या की रात्रि को पितृ हेतु रखा गया भोजन पितृ दोष से मुक्ति दिलाता हैं । कई वृक्ष की सेवा तो सिद्धि तक देती हैं । जैसे बबूल वृक्ष मैं अमावस्या की रात्रि मैं पितृ हेतु रखा गया भोजन पितृ दोष से मुक्ति दिलाता हैं।

इनपुट सोर्स : ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद विनोद सोनी,  भोपाल.म.प्र।