क्या अनियमित पीरियड्स के बाद महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं? पढ़ें क्या कहती हैं डॉ सीमा

पीरियड्स रेगुलर न होने के बावजूद महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। इसलिए, हमेशा सेफ सेक्स करने को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए....

क्या अनियमित पीरियड्स के बाद महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं? पढ़ें क्या कहती हैं डॉ सीमा

हेल्थ डेस्क। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट नहीं है तो हर माह पीरियड यानी मासिक धर्म होते हैं। सामान्य पीरियड का साइकिल 28 दिन का माना जाता है। हालांकि, कई बार दो-चार दिन पीरियड्स लेट हो जाएं, तो भी उसे सामान्य ही माना जाता है। किड्सहेल्थ के अनुसार, "अगर महिला या किसी लड़की को 24 से लेकर 34 दिन का मासिक धर्म का चक्र है, तो यह नॉर्मल पीरियड्स माना जाता है। कभी-कभी पीरियड्स मिस हो जाते हैं, इसे लेकर विशेष चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। खासकर, टीनेज लड़कियों के साथ, जिन्हें हाल-फिलहाल में पीरियड्स शुरू हुए हों। कई बार खराब खानपान, शारीरिक स्वास्थ्य के कारण ऐसा हो सकता है।" लेकिन, अगर किसी महिला को अक्सर पीरियड्स न आएं, तो यह अनियमित पीरियड्स कहे जाते हैं। ऐसी स्थिति में क्या महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती है? आइए इस संबंध में एक्सपर्ट की सलाह लेते हैं। इस संबंध में हमने ओरजिन क्लीनिक की एमडी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा गुंड से बात की। 

एक्सपर्ट सीमा गुंड की मानें, तो अनियमित पीरियड के बावजूद अगर महिला अनप्रोटेक्टेड सेक्स करती है, तो वह प्रेग्नेंट हो सकती है। सवाल है, ऐसा कैसे हो सकता है? दरअसल, गर्भवती होना ओव्यूलेशन से जुड़ा होता है। ओव्यूलेशन यानी ओवरी से एक अंडे का निकलना। ओव्यूलेशन पीरियड में महिलाओं के गर्भवती होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। जिन महिलाओं को रेगुलर पीरियड्स होते हैं, उनका ओव्यूलेशन पीरियड जानना मुश्किल नहीं होता है। वहीं, जिन महिलाओं के अनियमित पीरियड्स होते हैं, उनमें भी ओव्यूलेशन होता है, लेकिन उनका समय निश्चित नहीं होता है। इसलिए, उनके ओव्यूलेशन का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल हो जाता है कि महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल किस समय है। अगर फर्टाइर पीरियड में महिला अनप्रोटेक्टेड यानी असुरक्षित सेक्स कर ले, तो प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं।

किन कारणों से पीरियड्स अनियमित होते हैं

पीसीओएसः हार्मोनल इंबैलेंस के कारण पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या होती है। पीसीओएस होने पर महिला का ओव्यूलेशन प्रभावित होता है। बता दें कि 5 से 6 फीसदी रिप्रोडक्टिव महिला पीसीओएस का शिकार होती हैं।" पीसीओएस होने पर ओवरी काम करना बंद कर देता है और ओवरी के आसपास फ्लूइड भरे छोटे-छोटे सिस्ट हो जाते हैं। पीसीओएस होने पर मोटापा, पीरियड्स न होना, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।

तनावः यह सच है कि जब महिला को पता चलता है कि वह कभी मां नहीं बन सकती है, तो उसे काफी तनाव होने लगती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर महिला बहुत ज्यादा तनाव में रहती है, तो भी उसकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है? जी, हां। ऐसा होता है। अगर आप ऑफिस का दबाव, घर का दबाव, फाइनेंस से जुड़ी टेंशन बहुत ज्यादा लेती हैं, तो इससे आपकी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है यानी आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।

थाइरॉयडः थायराइड एक हार्मोनल समस्या है। अगर किसी महिला का थायराइड ग्लैंड अतिरिक्त काम करे या काम करना बंद कर दे, दोनों ही स्थिति में महिला के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।

अनियमित पीरियड्स के अन्य कारण

एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और ओवरियन कैंसर भी कुछ ऐसे कारण हैं, जिनके कारण पीरियड्स नियमित रूप से नहीं होते हैं या फिर पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग पर इसका प्रभाव नजर आने लगता है। अगर आपके पीरियड्स बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और इलाज कराएं। और हां, कभी-भी अनसेफ सेक्स न करें। असुरक्षित सेक्स करने से प्रेग्नेंसी का रिस्क ही नहीं बढ़ता, बल्कि कई तरह की बीमारियां, जैसे एसटीडी, एचआईवी के होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

इनपुट सोर्स : डॉ सीमा गुंड, एमडी ओरजिन क्लीनिक, कल्याण, महाराष्ट्र।