शीतलहरी और कोहरे से बचे अस्थमा के रोगी

शीतलहरी और कोहरे से बचे अस्थमा के रोगी

हेल्थ डेस्क। "मौसम बदलने के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। शीतलहरी सर्दी की शुरुआत हो गई है, ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को बचाव की जरूरत होती है, लेकिन सर्दियों के इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा ऑर्थराइटिस, अस्थमा, हार्ट की प्रॉब्लम और टॉन्सिल्स के मरीजों को ज्यादा बचाव की जरूरत होती है। ठंड का मौसम जितना सुहावना और सेहत के लिए फायदेमंद होता है, श्वांस के मरीजों के लिए ये मौसम उतना ही नाजुक होता है। सांस लेने में परेशानी होना, दम घुटना, सांस लेते समय आवाज होना, सांस फूलना, छाती में कुछ जमा हुआ सा या भरा हुआ सा महसूस होना, बहुत खांसने पर चिकना-चिकना कफ आना, मेहनत वाले काम करते समय सांस फूलना आदि अस्थमा के लक्षण होते हैं।"

सभी बरते सावधानियां

"ठंडी हवायें अस्थमा के लक्षणों को और भी गंभीर बना सकती हैं, इसलिए अस्थमा के मरीजों को इस मौसम के अचानक बदलाव से सावधान रहना चाहिए, खास तौर पर सुबह के वक्त गर्म बिस्तर से उठकर एकदम खुली हवा में नहीं जाना चाहिए, बल्कि थोड़ा इंतजार करें। अस्थमा के रोगियों को डॉक्टर की सलाह के मुताबिक इनहेलर और नैजल स्प्रे आदि नियमित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए, साथ ही उन्हें हमेशा अपने पास रखना चाहिए क्योकि ठंड के इन दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को होती है।

कोहरे से बचे अस्थमा के रोगी

अस्थमा बढ़ाने वाले एलर्जी के तत्व ठंडे मौसम में ज्यादा होने की वजह से दमा के मरीजों को ज्यादा तकलीफ होती है, ऐसे में अस्थमा के रोगियों को कोहरे से विशेष रूप से बचना चाहिए। उन्हें जल्दी-जल्दी गर्म और सर्द वातावरण में भी नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना बेहद अहम है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक होती है, उन्हें सर्दी- जुकाम आदि जैसी समस्याएं आसानी से नहीं होती।

ऐसे समझे एलर्जी के लक्षण

"एलर्जी का खतरा लगातार बढ़ रहा है, इससे सावधान रहने की जरुरत हैं, अमूमन बदलते मौसम में एलर्जी का खतरा बढ़ जाता हैI इसकी अनदेखी करने से स्थिति भयावह हो सकती है और अस्थमा का खतरा बढ़ सकता हैI गले में खरास, सर्दी जुखाम, नाक और आँख से पानी, बार-बार छिके आना और नाक में खुजली के साथ चकत्ते का बने रहना, साधारण सर्दी लम्बे समय तक बने रहना, कभी-कभी बुखार एवं मांसपेशियों में दर्द आदि एलर्जी का लक्षण हैI यदि इसका सही निदान न हो तो 80 % एलर्जी के रोगी अस्थमा के मरीज बन जाते हैंI"

डॉ. एस. के. पाठक, टी.बी, चेस्ट, एलर्जी रोग विशेषज्ञ।