अगर आपके कुंडली में गुरु बृहस्पति हैं तो क्या होगा, पढ़ें क्या कहती हैं ज्योतिष एक्सपर्ट सविता

अगर आपके कुंडली में गुरु बृहस्पति हैं तो क्या होगा, पढ़ें क्या कहती हैं ज्योतिष एक्सपर्ट सविता

फीचर्स डेस्क। बृहस्पति को ग्रहों में एक ग्रह एवं देवताओं में गुरु की संज्ञा प्राप्त है। अगर आपकी कुंडली के सारे ग्रह गलत दिशा में हों, लेकिन गुरु ग्रह सही दिशा में हो तो आप सुरक्षित हैं। अकेला गुरु ग्रह ही आपको सारे दोषों से दूर रखता है। इसीलिए बृहस्पति देव की पूजा पर अधिक जोर दिया जाता है। अक्सर लोग विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में परेशानी जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव की वजह से ये समस्याएं पैदा होती हैं। किसी भी व्यक्ति के जीवन पर बृहस्पति यानी गुरु ग्रह का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जीवन में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, विवाह सुख, संतान सुख आदि अनेक कारक बृहस्पति के ही प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो जातक के जीवन में प्रगति होती है। हालाँकि महादशा  के दौरान जातक के मोटे होने की भी संभावना बनी रहती है।

गुरु की दृष्टि पड़ने से कुंडली के भाव होता है मजबूत

कुंडली में यदि कोई भाव कमज़ोर हो और उस पर गुरु की दृष्टि पड़ जाए तो वह भाव मजबूत हो जाता है। गुरु जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक हैं। अपने सकारात्मक रुख के कारण व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझाने के प्रयास में लगा रहता है। गुरु के अच्छे प्रभाव स्वरुप जातक परिवार को साथ में लेकर चलने की चाह रखने वाला होता है। गुरु के प्रभाव से व्यक्ति धार्मिक और दान पुण्य करने वाला होता है। उसके जीवन में धन की वृद्धि होगी। व्यक्ति का पूजा पाठ में मन लगेगा।

बली गुरु के कारण व्यक्ति को मिलता है संतान सुख

जिस व्यक्ति का गुरु बलवान होता है वह ज्ञानी और ईमानदार होता है। वह सदैव सत्य के मार्ग पर चलता है। बली गुरु के कारण व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। पीड़ित गुरु के प्रभाव से इसके विपरीत पीड़ित बृहस्पति जातकों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसके कारण जातक को विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

पीड़ित गुरु व्यक्ति को शारीरिक कष्ट देता है

यदि कोई व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है तो उसे इस क्षेत्र में परेशानियाँ आएंगी। पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है। पीड़ित गुरु व्यक्ति को शारीरिक कष्ट भी देता है। अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति अनुकूल नहीं हैं तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। विवाह न होना, विवाह में देरी होना, वैवाहिक जीवन में परेशानियां आना,  संतान सुख न मिलना, योग्यता अनुसार नौकरी न मिलना,  नौकरी में अधिकारियों का सहयोग प्राप्त न होना के अलावा कई तरह के शारीरिक कष्ट  बीमारियां भी होती हैं। अक्सर लोग विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में परेशानी जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव की वजह से ये समस्याएं पैदा होती हैं। किसी भी व्यक्ति के जीवन पर बृहस्पति यानी गुरु ग्रह का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जीवन में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, विवाह सुख, संतान सुख आदि अनेक कारक बृहस्पति के ही प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। यदि किसी स्त्री या पुरुष की कुंडली में बृहस्पति खराब है तो उसे अनुकूल बनाना अत्यंत आवश्यक है। अगर गुरु बृहस्पति की सही पूजा और उपाय किए जाएं तो इन समस्याओं का निवारण हो जाता है।

गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए क्या करें

गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए केले के पेड़ की पूजा करें।

हर  गुरुवार  हल्दी के पानी से स्नान करें ।

घर पर हल्दी पाउडर मिलाकर जल में उससे पूरे घर पर छिड़काव करें।

 गुरु बृहस्पति की पूजा-अर्चना करने से न केवल गुरु बृहस्पति की कृपा 'आपको मिलेगी बल्कि विवाह, संतान, पद- प्रतिष्ठा जैसी हर समस्या का निवारण होगा और सफलता आपके कदम चूमेगी।

 ""ऊं नमो भगवते वासुदेवाय""

इनपुट सोर्स : शक्ति उपासक आचार्य सविता पटवाल।