गोल इंस्टिट्यूट @ इंग्लिश सीखने में काम आएंगे ये तरीके

गोल इंस्टिट्यूट @ इंग्लिश सीखने में काम आएंगे ये तरीके

वाराणसी सिटी। इंग्लिश अब सभी जॉब्स की जरूरत है। कोर्स में पढ़ाए जाने व स्पीकिंग कोर्सेज की उपलब्धता के बावजूद स्टूडेंट्स की अक्सर ये शिकायत होती है कि कमजोर इंग्लिश स्पीकिंग उनके आगे बढ़ने के अवसरों को कम कर देती है। मजबूत इंग्लिश के लिए ग्रामर की नॉलेज के साथ प्रैक्टिस की जरूरत है। याद रखें इस प्रक्रिया में आप गलतियां भी करेंगे, लेकिन गलतियों के रास्ते से होकर ही आप अपने लक्ष्य तक पहुंचेंगे। तो आईए सिटी के पांडेयपुर स्थित गोल इंस्टिट्यूट निदेशिका भावना और स्पोकन इंग्लिश एक्सपर्ट नवनीत पाण्डेय से जानते हैं कुछ ऐसे तरीके  जो आपकी इंग्लिश को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। 


प्रैक्टिस 

कम्यूनिकेशन में आपको हर बात इंग्लिश में बोलने की प्रैक्टिस करनी होगी। शब्दों के साथ हाव-भावों काे भी काम में लें। उदाहरण के तौर पर बिग बोलने के लिए हाथों को फैलाएं। इसी तरह किसी शब्द को बोलते समय एक्सप्रेशन जरूर दें। इससे भी शब्द याद रखने में मदद मिलेगी। 

ग्रुप डिस्कशन 

इस तरीके का मुख्य लक्ष्य होता है कि आपको किसी भी स्थिति में प्रभावी और पूरी तरह से अपनी बात कहना आ जाए। इसके लिए स्टूडेंट्स ग्रुप बनाकर कोई टॉपिक मसलन - ट्रैवल, फूड, न्यूज, हिस्ट्री, ग्लोबल वॉर्मिंग चुन लें और उस पर आपस में लगातार बिना रुके बात करें। जितना ज्यादा आप इस प्रैक्टिस में सफल होंगे, इंग्लिश उतनी ही मजबूत होगी। 

करेक्शन 

अपना कोई ऐसा दोस्त चुनें जिसकी इंग्लिश स्पीकिंग स्किल्स मजबूत हों। अब उसके सामने किसी एक टॉपिक पर बोलना शुरू करें। अपने साथी से कहें कि वह सिर्फ सुने और आपको आपकी गलतियां बताए। इन गलतियों में लगातार प्रैक्टिस से सुधार करें। ग्रामर के नियमों को सही ढंग से काम में लें। 

ऑडियो मैथड 

नई भाषा सीखना भी नई आदत डालने जैसा ही है। बोलचाल के शब्दों और वाक्यों को आदत में लाने के लिए जरूरी है आप ज्यादा से ज्यादा उन्हें सुनें। इंग्लिश न्यूज चैनल, रेडियाे व पॉडकास्ट भी इसमें आपके काम आ सकते हैं। बार-बार सुनने से आपको भाषा की बारीकियां समझ आएंगी। 

रीडिंग 

इसका अर्थ है कि आप इंग्लिश के अलावा बाकी विषय भी इंग्लिश मीडियम से पढ़ें। रीडिंग भी आपकी इंग्लिश की नॉलेज को बेहतर बनाएगी। पढ़ने के बाद नोट्स भी इंग्लिश में तैयार करें। इसके अलावा न्यूज पेपर, मैग्जीन, ब्लॉग्स पढ़ते रहें। इससे भी आपको मदद मिलेगी।