जिसका जितना नसीब ऊँचा होगा,  इम्तिहान भी उसे जबरदस्त देनेंं होंगे...

जिसका जितना नसीब ऊँचा होगा,  इम्तिहान भी उसे जबरदस्त देनेंं होंगे...

फीचर्स डेस्क। कभी-कभी अपनी तन्हाइयों के साथ यों ही आपस में बतिया लिया करता हूँ , " आखिरकार हमारी तमाम परेशानियों और मुश्किल हालातों की वजह क्या है ? ऐसे में अन्तर्मन से मंदिम सी आवाज सुनाई देती है , और कहती है मुझसे कि तेरी हर एक मुसीबत की जड़ें केवल दो ही है। तुम अपनी तकदीर में लिखे से ज्यादा अपेक्षा करते हो और सब कुछ वक्त से पहले पाना चाहते हो। "

न जाने हम इतने ढी़ठ क्यों बन चुके हैं कि हमेशा अनिष्ठ की मनगढंत संभावनाअों से आशंकित रहने की आदत के गुलाम बन जीने के आदी होते चले जा रहे हैं ? जबकि सकारात्मक दृष्टिकोण से सोचा जाए तो हम यही पायेंगे कि तमाम मुश्किलें सिर्फ और सिर्फ बेहतरीन लोगों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा हुआ करती है । क्योंकि यही लोग इन्हें बेहतरीन तरीके से अंजाम देने का मादा रखा करते हैं । सच कहूँ तो , जिनका , जितना नसीब ऊंचा और अलमस्त होता है , विपरीत परिस्थितियाँ भी उनका जबरदस्त तरीके से इम्तिहान लिया करती है । ऐसी विपरीत परिस्थितियों में सफलता-असफलता , उनकी दृढ़इच्छाशक्ति , संतुलित मन:स्थिति , उच्च चरित्र , और आत्मबल की प्रगाढ़ता पर निर्भर किया करती है ।

दोस्तों , मेरी यह मान्यता रही है कि जिस दिन हम अपनी सोच को आसमान में ऊंची उड़ान भरने की सम्पूर्ण आजादी प्रदान कर देंगे , फिर यह मानकर चलो कि उसी दिन से बड़े-बड़े लोग हमारे बारे में सोचने के लिए स्वयं मजबूर हो जायेंगे। हो सकता है कुछ निराशावादी लोग इस विचारधारा से सहमत न हो , लेकिन आपका यह बन्धु अपने उपर्युक्त विचारों पर अडिग है। ऐसे संकल्पवान व्यक्ति के जीवन में दु:खों के एक नहीं , अनेक झंझावात आते ही रहते हैं , मगर , उसके नेक इरादों और बुलन्द हौसले से टकराकर अकसर नेस्तनाबूद हो जाया करते हैं । आप स्वयं देख सकते हैं कि ऐसे लोग आज भी वहीं अडिग खड़े नजर आयेंगे , जहाँ पर वे कल अडे़-खडे़ थे । बेशक तमाम दु:ख और परेशानियाँ उनके जीवन के हिस्से में जरुर आयेगी मगर , उनके प्रबल मनोबल से टकराकर या तो चकनाचूर हो जायेगी या फिर रफुचक्कर होती हुई नजर आयेगी । ऐसा मेरा मानना है ।

इनपुट : शान्ति लाल कण्डारे, बीकानेर, राजस्थान।