सफर, एक दूसरे को समझने का

पता ही नही चला कब हमने इतना लंबा सफर तय कर लिया। तुम्हारे साथ ने ज़िन्दगी में बहुत कुछ सिखा दिया....

सफर, एक दूसरे को समझने का

फीचर्स डेस्क। ये कहाँ आ गए हम यूं ही साथ साथ चलते...
अभी कल की तो बात लगती है, जब तुमसे पहली बार रूबरू हुई थी। परिवार वालों के सामने तो हम दोनों एक दूसरे को नज़र भर  देख भी नही पाए थे। और फिर वो दिन जब तुम्हारा हाथ थामे मैं अल्हड़ अनजान सीधी साधी लडक़ी जिसको दुनियादारी की कुछ भी समझ नही थी । जिसकी पसंद नापसंद स्वभाव तुमसे बिल्कुल ही अलग था ,निकल पड़ी थी ज़िन्दगी के उस अनजान सफर पर । जिसमे हर पल तुमने मुझे ढाल बनकर सहारा दिया। ज़िन्दगी के उन ऊंचे नीचे रास्तों पर चलते,कभी एक साथ हंसते रोते ,कभी लड़ते झगड़ते और फिर खुद ही मान जाते। पता ही नहीं चला कब हमने इतना लंबा सफर तय कर लिया। तुम्हारे साथ ने ज़िन्दगी में बहुत कुछ सिखा दिया। लोगों की पहचान करना आ गया।

आज पीछे मुड़ कर देखो तो अहसास होता है कि हम दोनों बहुत सालों तक तो एक दूजे को समझ ही नही पाए।
अब जब समझ पाए हैं तो लगता है हमने ज़िन्दगी के बहुत से कीमती साल जिये ही नहीं। यूं ही गवा दिए।
फिर भी आज हम जीवन के उस मुकाम पर आ खड़े हैं, जहां एक दूसरे के बिना अधूरा अधूरा सा लगता है। 
लोग अपने जीवन साथी के लिए हमेशा जन्म जन्म के साथ की दुआएं मांगते हैं लेकिन मैं तो हमेशां यही दुआ मांगती हूँ कि इस जन्म में हमे कभी एक दूसरे के बिना ना रहना पड़े। क्योंकि अगला जन्म किसने देखा है। इस जन्म में दुनिया से जब भी रुखसत हों दोनो एक साथ ही हों। उस अकेलेपन के बारे में सोच कर ही दिल दहल उठता है।

जीवन की इस सांध्य बेला में हर रोज़ भगवान से बस यही मांगती हूँ कि हमारा साथ आखिरी सांस तक बना रहे । कभी भी वो घड़ी, वो पल ना आएं जब हमें एक दूसरे सेअलग होना पड़े।

इनपुट सोर्स: रीटा मक्कड़

पिक्चर सोर्स: Google