Tag: heart touching

सामाजिक संस्थाएं

कवियित्री रेखा मित्तल की पुस्तक दूज का चांद का हुआ लोकार्पण

चंडीगढ़ में कवियित्री रेखा मित्तल की प्रथम प्रकाशित पुस्तक दूज का चांद पुस्तक का लोकार्पण हुआ जिसमे कई गणमान्य अतिथि समल्लित हुए.....

फोकस स्पेशल स्टोरी

Inspirational Story: शादी के कई सालों बाद पूरा किया अपना...

सपने देखना तो आसान है पर सपनों को साकार करना मुश्किल। एक सपना देखा था रेखा मित्तल ने भी पर शादी के बाद गृहस्थी के काम में ऐसी उलझी...

फोकस साहित्य

लघु कथा: ' मिस्ड कॉल'

फिर अचानक 'मिस्ड कॉल' आने से उसके मस्तिष्क की बेचैनी बढ़ ही जाती है. अपनी अधीरता को रोक पाना उसके लिए संभव ही नहीं है ...

फोकस साहित्य

लघु कथा : चक्रव्यूह

अपने नीरा को खाए एक सप्ताह हो गए। किसी तरह नमक पानी पीकर ऊर्जस्वित होती है। शायद दोड़ धूप की चादर ने उसकी भूख को ढक लिया है। अभी पति...

फोकस साहित्य

लघु कथा : अंतिम संस्कार

कहने को तो आज हमारा देश स्वतंत्र है, हमें खुल कर जीने का अधिकार है, स्वाभिमान से रहने का अधिकार है लेकिन शिवांगिनी के लिए ये सारी...

फोकस साहित्य

लघु कथा: बहरे

आय हाय आग लगे ऐसी मर्दानगी और मुई इनकी जवानियों को, न बूढ़ी का लिहाज न पेटवाली का। बेचारी बच्ची जमीन पर ही लोट गई।बैठे हैं सारे टाँग...

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लघु कथा : प्रायश्चित

घोर आश्चर्य यह था कि आज की भ्रमित पीढ़ी ऐसा कर रही है खुले आम अपने सहचर ,सहचरी को धोखा देकर,लेकिन इस खेल में एक संन्यासी का होना कई...

फोकस साहित्य

लघु कथा : प्रायश्चित

मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रह सकती, तुमने मेरा विश्वास तोड़ा है, मैं इस घर को संवारने में लगी रही और तुम....छिः " सुगन्धा लगभग रो पड़ी.....

फोकस साहित्य

एक थी डॉ अर्चना शर्मा

डॉ अर्चना शर्मा की दिल को झकझोर देने वाली घटना के बाद देश की हर गायनेकोलोजिस्ट आज निस्संदेह विचार कर रही होगी कि ,” क्या ये देश इस...

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यादों का संदूक

जिसकी धूल झाड़ने से छींक नहीं चेहरे पर मुस्कान आती है …

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कभी सोचा ना था

वादे किये थे हजार साथ निभाने के पर जब तुम्हारी नजरों ने साथ मांगा इतनी बेबस हो जाऊँगी कभी सोचा ना था.....

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Valentine's Day Special: सरप्राइज

इन लड़कियों के बारे में कभी परडिकट नहीं कर सकते। कब ऐन वक्त पर इनको कुछ काम आ जाता है। जाना तो फिर भी था....

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Valentine'sDay Special: डोर

वैलेंटाइन वीक चल रहा है। अपना रहस्य मैं भी उजागर कर दूँ? प्यारी सी दोस्त से तुम कब पसंद बन गई, जान ही नहीं पाया। निम्न मध्यवर्गीय...

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Valentine's Day Special: इज़हार-ए-इश्क

सारी पब्लिक जानना चाहती है कि आखिर इसमें है क्या... तो प्लीज, आप इसे खोलिये और हमें भी बताइये कि इसमें आपके लिए क्या संदेशा है" अचम्भित...

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Valentine's Day Special: इज़हार

मिलने को हरदम बेचैन रहना पर न उसने कहा, न मैंने कहा आज करती हूं महसूस उन पलों को....

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लघु कथा: छोटी सी मंज़िल

कुछ दूर तो पूरे जोश में चले जैसे नाहक ही सोच रहे थे, लगा परिक्रमा तो यूं ही खेल खेल में पूरी हो जाएगी। कुछ ही देर में मई के महीने...

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