आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के जरिये ऐसे बनेगा हेल्थ कार्ड, ये हैं फायदे

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के जरिये ऐसे बनेगा हेल्थ कार्ड, ये हैं फायदे

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने आज आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को मंजूरी दे दी। इस मिशन के लिए अगले पांच वर्षों तक के लिए 1,600 करोड़ रूपये के फंड को मंजूरी दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। देश में आम लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने इस मिशन की शुरुआत की है।  इस योजना के तहत आम आदमी अपना हेल्थ कार्ड का नंबर क्रियेट कर सकेगा, जिसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता का नाम दिया गया है।  इस एकाउंट से डिजिटल स्वास्थ्य रिकार्ड को जोड़ा जा सकेगा। इस एकाउंट के जरिये नागरिकों के हेल्थ का डाटा बेस तैयार किया जायेगा।

इन राज्यों में लागू हो चुका है मिशन

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की पायलट परियोजना छह केंद्र शासित राज्यों लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली, दमन दीव, पुदुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्षद्वीप में लागू की जा चुकी है।

15 अगस्त 2020 को हुआ लॉन्च

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन लांच करने की घोषणा की थी। 27 सितंबर 2021 को इस योजना को पूरे देश के लिए लागू कर दिया गया। इस योजना के तहत एकाउंट क्रियेट करने पर नागरिकों को एक हेल्थ कार्ड दिया जायेगा। इस हेल्थ कार्ड में संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा रिकॉर्ड होगा।

हेल्थ कार्ड के फायदे

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत हेल्थ कार्ड बनाये जाने के बाद नागरिकों को अपना फिजिकल मेडिकल रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही इस रिकॉर्ड में सभी अस्पतालों एवं डॉक्टर की जानकारी स्टोर की जाएगी। इस मिशन का लाभ यह होगा कि आप घर बैठे देश के किसी भी डॉक्टर से परामर्श कर सकेंगे। यह योजना स्वास्थ्य क्षेत्र में कल्याणकारी बदलाव लायेगी।