सूर्य देव की साधना

सूर्य देव 14 अप्रैल को राशि बदलने वाले हैं और अपनी उच्च राशि यानी की मेष राशि में प्रवेश करने वाले हैं। जिन जातकों का सूर्य नीच राशि का है या सूर्य का अशुभ प्रभाव जिन जातकों पर पड़ रहा है वह जातक पूरे 1 महीने सूर्य का उपाय पूजा अनुष्ठान साधना करके अपने जीवन को सुख समृद्धि से भर सकते हैं सूर्य साधना इन 30 दिनों में बहुत ही ऊर्जावान होती है…..

सूर्य देव की साधना

फीचर्स डेस्क। ज्योतिष शास्त्र के साथ-साथ तंत्र शास्त्र में भी सूर्य देव की पूजा को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है क्योंकि सूर्य सभी ग्रहों का स्वामी है। विज्ञान की दृष्टि से भी यह कहा जाता है कि सूर्य के प्रकाश से ही दूसरे ग्रह प्रकाशमय होते हैं। आकाश में चमकने वाले ग्रह ही नहीं बल्कि छोटे बड़े सभी तारे सूर्य से ही प्रभावित होते हैं। सूर्य ही सबसे अधिक प्रकाश वाला ग्रह है प्राकृतिक चिकित्सा में सूर्य की शक्ति ही कार्य करती है । हमारे विद्वान ऋषि मुनियों ने तो सूर्य की पूजा द्वारा चिकित्सा के एक अलग ही शाखा बना दी थी। आज सूर्य की पूजा द्वारा रोग  को समाप्त करना निश्चित रूप से संभव है ।

सूर्य देव की साधना

सूर्य ग्रह का शुभ प्रभाव अवश्य ही फल देने वाला होता है। लेकिन इसका अशुभ प्रभाव बहुत से रोगो  को जन्म देता है व्यापार आदि में रुकावट पैदा करता है तथा इसका क्रोध व्यक्ति को बहुत ही सुकून से रहित कर देता है। सूर्य देव की साधना से रोग अकाल मृत्यु भय तथा गरीबी का नाश हो जाता है क्रोध का शमन हो जाता है।  साथ ही सूर्य देव की कृपा से वह सब कुछ मिल जाता है जिसका मन में ख्याल भी नहीं होता। शुद्ध पवित्र और सच्चे हृदय से की गई सूर्य देव की साधना निश्चय ही सफल सिद्ध होती है।

सूर्यदेव को कैसे रखें प्रसन्न 

लोक और परलोक का ज्ञान सूर्य देव की कृपा से ही प्राप्त होता है सूर्य मंत्र का जप तथा प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने वाला व्यक्ति आरोज्ञा व दिव्य प्रज्ञा का स्वामी बन जाता है। प्रतिदिन के कार्य के साथ सूर्य देव की साधना को मिलाकर जीवन को दिव्य एवं सफल बनाने का वरदान हर एक व्यक्ति को दिया है। सूर्य की कृपा पाने के लिए विशेष रूप से अपने पिता और माता की सेवा करके उन्हें हमेशा प्रसन्न रखें। 

सूर्य नीच का हो तो क्या करें

यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच का हो तो न तो सूर्य संबंधी चीजों को किसी से लें और न ही किसी को दें।

भगवान श्री सूर्य नारायण की पूजा करके श्रद्धापूर्वक इसका पाठ करने से रोग आदि से छुटकारा पाने में मदद मिलती है तथा धन दौलत की प्राप्ति होती है सूर्य के बुरे प्रभाव का संबंध हो तो  हृदय में अशांति हो जाती है। जिनकी कुंडली में सूर्य खराब है सूर्य का अशुभ प्रभाव है वह लोग 21 दिन सूर्य साधना कर सकते हैं । उसके लिए आप अपनी कुंडली का विश्लेषण अपने आचार्यों द्वारा करवा कर उनसे विशेष उपाय ले सकते हैं । अगर कुंडली द्वारा उपाय करेंगे तो आपको जल्दी लाभ मिलेगा।

इनपुट सोर्स: शक्ति उपासक आचार्य पटवाल