ऐसा भेदभाव क्यो ?

ऐसा भेदभाव क्यो ?

फीचर्स डेस्क। कई बार माता पिता बड़े बच्चे को उसके बड़प्पन के बोझ तले दबा देते हैं, जो कि आगे चलकर आक्रोश के रूप में प्रकट होता है। जैसे खाने पीने की चीजों में भेदभाव, बड़े बच्चे को कहना कि वो अपने हिस्से में से भी छोटे को दे दे, अरे तुम तो बड़े/बड़ी हो ना, वो तो छोटा/छोटी है ना। उसको दे दो वो और मांग रहा है तो। खिलौनों में, कपड़ों में, अवसरों में भेदभाव। बड़े बच्चे को छोटे बच्चे के लिए बार बार कॉम्प्रोमाइज करने को कहना। लड़ाई झगड़ा होने पर छोटे का बचाव, और बड़े को समझदार होने के नाम पर प्रताड़ना।

सारा फोकस, अटेंशन, केयर छोटे बच्चे पर केंद्रित कर देना। बड़े बच्चे को प्यार, प्रशंसा और समय ना देना। इस प्रकार के व्यवहार से बड़े बच्चे के मन में अपने छोटे भाई बहन के प्रति कटुता और माता पिता के प्रति घोर चिढ़ उत्पन्न हो जाती है। और ये दरार कई बार जीवन भर बनी रहती है। माता पिता को बच्चों के प्रति व्यवहार संतुलित रखने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि एक तरफ अधिक झुकाव होगा तो दूसरी तरफ से अलगाव भी होगा। थोड़ा लिखा है, बहुत समझिएगा। वैसे भी समझदार माता पिता के लिए इशारा ही काफी होना चाहिए।

इनपुट : डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, कंसल्टेंट मनोचिकित्सक और काउंसलर,  सिनेप्स न्यूरोसाइंसेज, भोपाल।