क्या करना चाहिए जब आप जीवन में कठिन समय का सामना कर रहें हो, पढ़ें क्या कहती हैं डॉ सोनेश

खुद को स्ट्रांग बनाए रखना आसान नहीं होता। लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्‍हें हम अपनाकर इन बुरे वक्‍त में भी खुद को मजबूत रख सकते हैं। ऐसे में आज हमने बात किया इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर डॉ सोनेश भारद्वाज से...

क्या करना चाहिए जब आप जीवन में कठिन समय का सामना कर रहें हो, पढ़ें क्या कहती हैं डॉ सोनेश

फीचर्स डेस्क। हर किसी की लाइफ में अच्‍छे के साथ बुरा वक्‍त जरूर आता है। हम ना चाहते हुए भी उन मुश्किल हालातों में फंस जाते हैं जिनसे हमेशा से हम भागते आए हैं। चाहे वह हेल्‍थ प्रॉब्‍लम (Health Problem) हो, फाइनेंशल प्रॉब्‍लम (Financial Problem) या पर्सनल प्रॉब्‍लम (Personal Problem)। इन हालातों के सामने कई बार ऐसा लगता है कि हम कमजोर पड़ रहे हैं। मुश्किल के इस दौर में आसपास कोई साथ खड़ा नहीं दिखता। ऐसे में खुद को स्ट्रांग बनाए रखना आसान नहीं होता। लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्‍हें हम अपनाकर इन बुरे वक्‍त में भी खुद को मजबूत रख सकते हैं। ऐसे में आज हमने बात किया इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर डॉ सोनेश भारद्वाज से तो आइए जानते हैं क्या कहती हैं डॉ सोनेश

ओवर थिंकिंग से बचें

डॉ सोनेश कहती हैं जब आप जीवन में किसी न किसी दौर से गुजर रहे हों तो अपने आपको ऐसी स्थिति का शिकार न बनने दें जो आपके नियंत्रण में नहीं है।

दैवीय निर्माता की शक्ति में विश्वास करें

डॉ सोनेश के अनुसार हमेशा याद रखें कि संयोग से किसी को कुछ भी नहीं मिलता है। इसका  सबकुछ स्थिति जन्य प्रभाव होता है। यदि आप वैसे भी पीड़ित हैं तो बुरा या निराश महसूस न करें बल्कि अपने बेहतर संस्करण की प्रतीक्षा करें। जैसा आपके पास है इसके लिए, एक कारण के लिए चुना गया है।

अपने आपको पूरी तरह से आत्म समर्पण करें

ज्यादातर समय अगर हम चीजों को नियंत्रित करने के इस जाल में पड़ जाते हैं, जिस तरह से हम चाहते हैं ... लेकिन जब आप पूरी तरह से सर्वोच्च शक्तिके सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं तो चीजें अधिक सार्थक हो जाती हैं जैसा कि हम सोचते हैं।

अपने आपको बेहतर जानें

जब हम एक कठिन परिस्थिति से गुजरते हैं तो यह हमारे लिए एक वास्तविक परीक्षा होती है कि हम कौन हैं... क्या हम अखंडता, नैतिक मूल्यों का मार्ग लेने के लिए पर्याप्त मजबूत हैं या नहीं।

कभी भी अपनी स्थिति के लिए किसी को दोष न दें

डॉ सोनेश बताती हैं कि मनुष्य के रूप में हम जो सबसे बड़ी गलती करते हैं, वह है दोषारोपण...कभी भी अपने आपको और अधिक उलटने के लिए अपने गलत कार्यों का निर्माण न करें। क्योंकि आज आप जिस भी स्थिति से गुजर रहे हैं, वह आपके अच्छे के लिए है। प्रक्रिया पर विश्वास करें।

कुछ भी स्थायी नहीं है

याद रखें कि इस ब्रह्मांड का नियम "परिवर्तन" है। कोई भी स्थिति  यह निश्चित रूप से बदल जाएगी।

इनपुट सोर्स : डॉ सोनेश भारद्वाज, इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर, बंगलौर।