महिलाओं में आजकल क्यो हो रहा 35 से 45 के बीच में ही मेनोपॉज? डॉ अर्चना से जानें कारण और लक्षण

महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज होने के पीछे तनाव भी जिम्मेदार है। प्री-मैच्योर मेनोपॉज को रोकने के लिए, कुछ खास बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए जिनमें डाइट से जुड़े कई बदलाव शामिल हैं....

महिलाओं में आजकल क्यो हो रहा 35 से 45 के बीच में ही मेनोपॉज? डॉ अर्चना से जानें कारण और लक्षण

हेल्थ डेस्क। आजकल महिलाओं में प्री-मैच्योर मेनोपॉज के मामले काफी बढ़ रहे हैं। हालांकि, मेनोपॉज 40 की उम्र के बाद होना चाहिए लेकिन आज की अनियमित जीवनशैली के चलते महिलाओं में 35 साल की उम्र के आस-पास ही मेनोपॉज के मामले सामने आ रहे हैं। प्री-मैच्योर मेनोपॉज के क्या लक्षण होते हैं, इसके पीछे कौन से कारण जिम्मेदार हैं और क्या इससे बचने के लिए कुछ किया जा सकता है, इस बारे में हमने ऑब्सटेट्रिशियन-गायनेकोलॉजिस्ट (OBGYN) डॉक्टर अर्चना पांडे ने बात की। आइए जानते हैं।

प्री-मैच्योर मेनोपॉज क्या होता है?

डॉक्टर अर्चना पांडे ने बताया जब महिलाओं को एक साल तक लगातार पीरियड्स न हो, तो इस स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। आज के समय में पूरी दुनिया में महिलाओं में प्री-मैच्योर मेनोपॉज के मामले देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, मेनोपॉज 45-50 की उम्र के बीच होना चाहिए। लेकिन अब कुछ महिलाओं में 40 की उम्र में, कई बार 35 साल के आस-पास भी मेनोपॉज देखने को मिल रहा है।

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प्री-मैच्योर मेनोपॉज के कारण

हेल्दी पीरियड्स के लिए सही लाइफस्टाइल और तनाव से दूर रहना बहुत जरूरी है। महिलाओं में मौजूद एग्स की संख्या निश्चित होती है, इसे बढ़ाया नहीं जा सकता है। ऐसे में स्ट्रेस, स्मोकिंग, नींद के पैटर्न का सही न होना, मोटापा, रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली चीजें और एल्कोहल लेना इस पर असर डालता है और इससे प्री-मैच्योर मेनोपॉज हो सकता है।

प्री-मैच्योर मेनोपॉज के लक्षण

प्री-मैच्योर मेनोपॉज के लक्षणों में 3-4 महीने तक पीरियड न आना शामिल है। अगर आपको लंबे समय से पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, तो यह समय से पहले मेनोपॉज का एक लक्षण हो सकता है। वहीं, अगर हर 10 दिन में आपको पीरियड क्रैम्प्स हो रहे हैं और 28-30 दिन से पहले ही पीरियड्स आ रहे हैं, तो यह भी प्री-मैच्योर मेनोपॉज का एक लक्षण है। डॉक्टर बताती हैं कि अगर कोई महिला 30-35 की उम्र के बीच है और एक साल के आस-पास समय से कंसीव करने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसा करने में मुश्किल आ रही है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

प्री-मैच्योर मेनोपॉज के कैसे रोकें?

प्री-मैच्योर मेनोपॉज को रोकना संभव है, इस बारे में कोई भी डॉक्टर दावा नहीं कर सकता है। हालांकि कुछ लाइफस्टाइल के बदलाव इसे प्रभावित जरूर कर सकते हैं। हेल्दी डाइट, बीएमआई(बॉडी मास इंडेक्स) का सही होना, स्मोकिंग और ड्रिंक को अवॉइड करना, एक्सरसाइज करना, स्ट्रेस से दूर रहना और जंक फूड को अवॉइड करना अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही समय-समय पर डॉक्टरी सलाह भी जरूरी है ताकि अगर आप में मेनोपॉज के कोई शुरुआती लक्षण दिखाई दें, तो उससे निपटा जा सके।