ग्रीष्मकालीन कार्यशाला अपराजिता का हुआ समापन, प्रस्तुतियां देख सभी हुए मंत्रमुग्ध

ग्रीष्मकालीन कार्यशाला अपराजिता का हुआ समापन, प्रस्तुतियां देख सभी हुए मंत्रमुग्ध

गोडा। अपराजिता जज़्बा जीत के द्वारा विश्व महासागर संरक्षण दिवस पर विशेष रुप से अपनी ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के समापन समारोह का आयोजन स्थानीय दयानंद सभागार, बाल सदन, मोतीनगर में संपन्न हुआ।  अपराजिता का उद्देश्य विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ ही साथ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य करना है। इसी श्रंखला में ग्रीष्म काल में विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें अपराजिता-सुगंधा के संयुक्त तत्वावधान में एक रंगमंच कार्यशाला का आयोजन सुप्रसिद्ध कलाकार संध्या दीप के निर्देशन में बाल सदन के बच्चों के लिए आयोजित की गई।

अपराजिता ने कई अन्य कार्यशालाएँ महिलाओं के लिए आयोजित की, जिनमें मुख्य रूप से योग कार्यशाला कुसुम पाठक द्वारा, केक बेक कार्यशाला  निकिता सक्सेना द्वारा तथा नृत्य कार्यशाला डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव एवं गीता सक्सेना के निर्देशन में संपन्न हुई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ रंगमंच एवं फिल्म कलाकार डॉ. अनिल रस्तोगी एवं विशिष्ट अतिथि फिल्म-दूरदर्शन-आकाशवाणी कलाकार श्रीमती रचना  टंडन थे। सभी प्रस्तुतियां मंच पर हुई तो दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए, एक ओर जहाँ बाल सदन के बच्चे अपनी अभिनय और अन्य कलाओं का हुनर दिखा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर 45 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक की आयु वर्ग की महिलाएं अपने नृत्य व कला के माध्यम से मंच पर रंग बिखेर रहीं थी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण अपराजिता की अध्यक्ष डॉ. सीमा सरकार ने दिया तथा सुंदर संचालन अपराजिता की उपाध्यक्ष डॉ. क्षितिज शुक्ला ने किया, धन्यवाद ज्ञापन संस्था के संस्थापक व सचिव डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

कार्यक्रम समाज में कई सार्थक संदेश छोड़ कर गया जिनमें पर्यावरण, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक सहयोग का भाव मुख्य रूप से दिखाई दिया। अपराजिता संरक्षक नीता ने सभी को आशीर्वचन दिया। कार्यक्रम में विशेष सहयोग अर्चना, आरती, निधि, प्रीति, विनीता, पूनम, रोली, अंजलि, अपर्णा, किरण, बाल सदन की रत्ना जी, अजय जी, अन्य शिक्षकों आदि का रहा। डॉ. अनिल रस्तोगी और रचना टण्डन ने सभी की सराहना की।