यूरिक एसिड होने पर दूध पीना चाहिए या नहीं? जानें, डाइटिशियन वीनीता से इसके फायदे और नुकसान

डाइटिशियन वीनीता से जानें यूरिक एसिड बढ़ने पर खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जानें इस समस्या में दूध पी सकते हैं या नहीं?

यूरिक एसिड होने पर दूध पीना चाहिए या नहीं? जानें, डाइटिशियन वीनीता से इसके फायदे और नुकसान

हेल्थ डेस्क। खानपान में गड़बड़ी और शारीरिक रूप से इनएक्टिव रहने की वजह से आप हाई यूरिक एसिड की समस्या के शिकार हो सकती हैं। यूरिक एसिड शरीर में मौजूद एक तरह का केमिकल है, इसकी मात्रा बढ़ने पर आपको कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हाई यूरिक एसिड की वजह से जोड़ों में दर्द, हड्डियों से जुड़ी परेशानियां और चलने-फिरने में दिक्कत होती है। लंबे समय तक हाई यूरिक एसिड का लेवल बने रहने पर आप गठिया या अर्थराइटिस की समस्या के शिकार भी हो सकते हैं। यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक प्रोटीन से टूटकर बनता है। बहुत ज्यादा हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन और व्यायाम या एक्सरसाइज आदि न करने की वजह से आप हाई यूरिक एसिड की समस्या के शिकार हो सकते हैं। यूरिक एसिड की समस्या में खानपान का ध्यान न रखने से परेशानियां बढ़ सकती हैं। आइए इस आर्टिकल के जरिए डाइटिशियन वीनीता सिन्हा से जानते हैं कि हाई यूरिक एसिड की समस्या में दूध पीना चाहिए या नहीं और इसके फायदे व नुकसान।

हाई यूरिक एसिड में दूध पीना चाहिए या नहीं?

यूरिक एसिड बढ़ने पर हाई फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट से युक्त फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इस बीमारी में लो प्रोटीन फूड्स खाने से फायदा मिलता है। यूरिक एसिड का स्तर कम करने के लिए डाइट में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करने की सलाहदी जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने पर मरीज अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि इस समस्या में दूध पीना चाहिए या नहीं? दरअसल, दूध का सेवन शरीर को हेल्दी रखने के लिए नियमित रूप से करना चाहिए। दूध में मौजूद पोषक तत्व और गुण शरीर को पोषण देने के साथ ही बीमारियों से बचाने में भी मदद करते हैं।

डाइटिशियन वीनीता कहती हैं कि, "दूध में प्यूरीन की मात्रा बहुत कम होती है और इसमें कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यूरिक एसिड की समस्या में दूध पीने से न सिर्फ इसके स्तर को कम करने में मदद मिलती है, बल्कि इसका सेवन जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में भी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते हैं।" गठिया और अर्थराइटिस के मरीजों को भी दूध का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। दूध में हल्दी मिलाकर पीने से गठिया की समस्या में दर्द कम करने में मदद मिलती है।

यूरिक एसिड में बकरी का दूध रामबाण

यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कम फैट वाले दूध का सेवन करना चाहिए। इस समस्या में बकरी का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है। बकरी के दूध में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। बकरी के दूध में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा बकरी का दूध एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन से भी युक्त होता है। इसका सेवन करने से हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने और समस्याओं से बचाने में मदद मिलती है।

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको खानपान और जीवनशैली में सुधार जरूर करना चाहिए। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे फूड्स जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। 

इनपुट सोर्स : वीनीता सिन्हा, डाइटिशियन एक्सपर्ट, नई दिल्ली।