Shardiya Navratri 2023: राशि के अनुसार ऐसे करें माँ की पूजा, दूर होंगे दुख और दर्द

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्तूबर को रात 11:24 बजे से शुरू होगी और 15 अक्तूबर को रात 12:32 बजे समाप्त होगी। 15 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशिवार माता की पूजा फलदायी होगी...

Shardiya Navratri 2023: राशि के अनुसार ऐसे करें माँ की पूजा, दूर होंगे दुख और दर्द

फीचर्स डेस्क। शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा है। पूरे देश में 9 दिन माँ के भक्त आराधना करेंगे। नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि का समय बहुत ही शुभ माना जाता है। जो लोग नवरात्रि के दौरान अपनी राशि के अनुसार मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उनके जीवन के सभी दुख और दर्द दूर हो जाते हैं।

ज्योतिषा एक्सपर्ट दीपाली जी ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्तूबर को रात 11:24 बजे से शुरू होगी और 15 अक्तूबर को रात 12:32 बजे समाप्त होगी। 15 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशिवार माता की पूजा फलदायी होगी।

मेष - स्कंदमाता की पूजा करें। दूध से बने पेड़े और लाल फूल का भोग लगाना चाहिए। नियमित सिद्धकुंजिका स्तोत्र का पाठ करें।

वृषभ- मां महागौरी की पूजा करें। सफेद मिठाई और सफेद फूल चढ़ाएं। नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

मिथुन- मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। मां को लाल फूल, चीनी और पंचामृत अर्पित करना चाहिए।

कर्क- देवी शैलपुत्री की पूजा करें। बताशा और चावल का भोग लगाएं। नियमित रूप से अर्गला और कीलक स्तोत्र का पाठ करें।

सिंह- देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा करें। रोली और केसर अर्पित करना चाहिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें।

कन्या- मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करें। खीर का भोग लगाएं, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

तुला- महागौरी की पूजा करनी चाहिए। मां को लाल रंग की चुनरी और फूल चढ़ाएं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें

वृश्चिक- कालरात्रि स्वरूप की पूजा करें। इस दौरान नियमित रूप से सुबह और शाम मां दुर्गा की आरती करें।

धनु- स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए और नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना चाहिए। पीले फूल और मिठाई अर्पित करें।

मकर- कात्यायनी स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। माता को नारियल और चुनरी चढ़ाएं। नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

कुंभ- मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। मां को हलवे का भोग लगाएं और देवी कवच का पाठ करें।

मीन- चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। माता रानी को पीला केला और पीला फूल चढ़ाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

चढ़ाएं लाल फूल पूरे होंगे काम

जिन लोगों को अपनी राशि नहीं पता है उन्हें मां भगवती को लाल फूल चढ़ाने चाहिए और सबसे खास बात तो यह है कि जिन लोगों के काम नहीं बन रहे हैं उन्हें नौ दिनों तक रोजाना मां भगवती को बारह लाल फूल चढ़ाने चाहिए। कार्य पूर्ण होंगे।