परिणाम

एक बार सर्दियों में काफी बारिश हुई और मैंने देखा वह गेट की दीवार के पास नहीं बैठा है । सोचा बारिश से बचने के लिए कहीं चला गया होगा। जैसे ही मैं जाकर अपने कमरे में बैठी तो मुझे मेरी एक सहकर्मी ने....

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फीचर्स डेस्क। कुछ वर्ष पहले मैं ड्यूटी पर जाने के लिए मेट्रो द्वारा सफर करती थी। स्टेशन पर उतरते ही हॉस्पिटल के लिए ऑटो मिल जाते थे। एक बार ऑटो से उतरते हुए देखा के हॉस्पिटल की दीवार के पास एक विक्षिप्त सा दिखने वाला लड़का बैठा हुआ है। बिना विशेष ध्यान दिए मैं ऑटो का किराया देकर हॉस्पिटल के अंदर प्रवेश कर गई। अब वह लड़का प्रतिदिन वहां बैठा दिखाई देता था। उसके विषय में कुछ पता नहीं था कि वह कहां से आया है। ऐसे ही काफी दिन बीत गए। सर्दियों का मौसम आ चुका था। मैंने देखा  वह एक मोटा सा कंबल ओढे़ रहता था।

एक बार सर्दियों में काफी बारिश हुई और मैंने देखा वह गेट की दीवार के पास नहीं बैठा है । सोचा बारिश से बचने के लिए कहीं चला गया होगा। जैसे ही मैं जाकर अपने कमरे में बैठी तो मुझे मेरी एक सहकर्मी ने आकर कहा "मैडम आप संस्था चलाते हो। बाहर एक लड़का रात को सर्दी में भीग गया और उसने अपने कपड़े उतार कर जला दिए ताकि कुछ ताप मिल सके।" पता चला कि वह हॉस्पिटल के दूसरे गेट के पास चला गया था और वहां भी बारिश से बचाव न होने के कारण उसने कपड़े जला दिए। यह सुनकर मेरा कलेजा छलनी हो गया। मैंने तुरंत जाकर देखा तो वह सर्दी से कांप रहा था। हमने चाय वाले से चाय मंगवा कर उसे पिलाई और साथ में कुछ खाने को दिया।

हॉस्पिटल के पास कुछ झुग्गी झोपड़ी वाले रहते हैं। मैंने उनसे उस लड़के के लिए एक झुग्गी तुरंत तैयार करने की प्रार्थना की। उन लोगों ने कुछ मामूली पैसों में उसके लिए एक छप्पर तैयार कर दिया। अभी यह सब चल ही रहा था कि एक वृद्ध महिला ने आकर बताया "यह मेरा बेटा है। इसे यदि घर पर रखती हूं तो मकान मालिक रहने नहीं देते और मैं यहां आस-पास घरों में कुछ काम करती हूं। बड़ी मुश्किल से इस वृद्धावस्था में मेरा गुजारा चलता है।" उसकी आयु को देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। उस लड़के के बारे में पूछने पर वह कहने लगी कि यह लड़का बच्चों को नाचना सिखाता था अर्थात कोरियोग्राफर था। गुजर बसर काफी अच्छे से चल रहा था लेकिन अचानक इसके जीवन में एक लड़की आ गई और यह उससे प्रेम करने लगा। लेकिन लड़की के अन्यत्र विवाह करने के कारण मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया। अर्थात प्रेम में धोखा उसके लिए असहनीय हो गया।जब उसके पहले के जीवन के बारे में पता चला और फोटो इत्यादि देखी गई तो मन को बहुत ठेस लगी।

 इस विषय को लेकर मेरा यही मानना है कि मजनू आप तब बनिए जब आपके जीवन में लैला जैसा प्रेम हो। अन्यथा अपने इतने सुंदर जीवन को किसी की धोखे की बलि चढ़ाना अपने साथ कहां का न्याय है आपको ईश्वर ने अच्छे कार्य करने के लिए जीवन दिया है और हर व्यक्ति में एक ऐसा विशेष गुण अथवा टैलेंट छिपा रहता है जो पूरी कायनात में किसी के पास नहीं होता। अपने उस टैलेंट को पहचानिए और  विदा होने से पहले इस सृष्टि को कुछ प्रदान करके इसका कर्ज़ उतारिए न की किसी और के हाथों में अपने जीवन को बर्बाद होने का अधिकार दीजिए।

इनपुट सोर्स : ममता सोनी, वरिष्ठ लेखिका, नई दिल्ली।