ज्योतिष एक्सपर्ट दीपाली से जानें, सावन में रुद्राभिषेक का क्या है महत्व और लाभ

रुद्राभिषेक से सभी मनोकामना पूर्ण होती है सभी कष्टों से सभी दुखो से मुक्ति प्राप्त होती है  विशेष कर सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है....

ज्योतिष एक्सपर्ट दीपाली से जानें, सावन में रुद्राभिषेक का क्या है महत्व और लाभ

फीचर्स डेस्क। रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। श्रावण मास या शिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाये तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। शिवरात्रि, प्रदोष और सावन में किसी भी दिन  यदि रुद्राभिषेक करे तो जीवन में चमत्कारिक बदलाव महसूस होगा

रुद्राभिषेक का महत्व

एक कथा के मुताबिक एक बार भगवान शिव सपरिवार वृषभ पर बैठकर विहार कर रहे थे। उसी समय माता पार्वती ने मृत्युलोक में रुद्राभिषेक कर्म में प्रवृत्त लोगों को देखा तो भगवान शिव से जिज्ञासावश पूछा कि हे नाथ! मृत्युलोक में इस इस तरह आपकी पूजा क्यों की जाती है? तथा इसका फल क्या है? भगवान शिव ने कहा- हे प्रिये! जो मनुष्य शीघ्र ही अपनी कामना पूर्ण करना चाहता है वह आशुतोषस्वरूप मेरा विविध द्रव्यों से विविध फल की प्राप्ति हेतु अभिषेक करता है। जो मनुष्य शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से अभिषेक करता है उसे मैं प्रसन्न होकर शीघ्र मनोवांछित फल प्रदान करता हूँ। जो व्यक्ति जिस कामना की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करता है वह उसी प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग करता है अर्थात यदि कोई वाहन प्राप्त करने की इच्छा से रुद्राभिषेक करता है तो उसे दही से अभिषेक करना चाहिए यदि कोई रोग दुःख से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे कुशा के जल से अभिषेक करना चाहिए।

रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं। इनका अभिषेक करने से सभी ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है। रुद्राभिषेक में शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। अभिषेक के कई प्रकार होते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है रुद्राभिषेक करना  श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा कराना चाहिए  वैसे भी भगवान शिव को जल धारा प्रिय माना जाता है क्योंकि वह अपनी जटा में गंगा को धारण किये हुए हैं।

आइये जानते है किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या लाभ प्राप्त होता है

 - यदि वर्षा चाहते हैं तो जल से रुद्राभिषेक करें।

 - रोग और दुःख से छुटकारा चाहते हैं तो कुशा जल से अभिषेक करना चाहिए।

 - मकान, वाहन या पशु आदि की इच्छा है तो दही से अभिषेक करें।

 - लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करें।

 - धन में वृद्धि के लिए जल में शहद डालकर अभिषेक करें।

 - मोक्ष की प्राप्ति के लिए तीर्थ से लाये गये जल से अभिषेक करें।

 - बीमारी को नष्ट करने के लिए जल में इत्र मिला कर अभिषेक करें।

 - पुत्र प्राप्ति, रोग शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए गाय के दुग्ध से अभिषेक करें।

 - ज्वर ठीक करने के लिए गंगाजल से अभिषेक करें।

 - सद्बुद्धि और ज्ञानवर्धन के लिए दुग्ध में चीनी मिलाकर अभिषेक करें।

 - वंश वृद्धि के लिए घी से अभिषेक करना चाहिए।

 - शत्रु नाश के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें।

 - पापों से मुक्ति चाहते हैं तो शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करें।

 कहां करना चाहिए रुद्राभिषेक

 घर मे पार्थिव शिवलिंग बनाकर अभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है घर भी पवित्र हो जाता है

 यदि किसी मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करेंगे तो बहुत उत्तम रहेगा।

 किसी ज्योतिर्लिंग पर रुद्राभिषेक का अवसर मिल जाए तो इससे अच्छी कोई बात नहीं।

नदी किनारे या किसी पर्वत पर स्थित मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना सबसे ज्यादा फलदायी है।

 कोई ऐसा मंदिर जहां गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित हो वहां पर रुद्राभिषेक करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

संकलित    "पौराणिक कथाएं"