karwa chauth 2023 : करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करते समय वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान, पढ़ें क्या कहती हैं ज्योतिष एक्सपर्ट

करवा चौथ के दिन आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है और आपको वास्तु का पालन भी करना चाहिए, जिससे घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहे...

karwa chauth 2023 : करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करते समय वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान, पढ़ें क्या कहती हैं ज्योतिष एक्सपर्ट

फीचर्स डेस्क। करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो विवाहित महिलाएं अपने पतियों की उन्नति और लंबी उम्र के लिए मनाती हैं। इस पर्व में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद इस व्रत का समापन होता है। इस अवसर की शुभता को बढ़ाने के लिए यदि आप अपनी चंद्रमा पूजा और चांद को अर्घ्य देने के लिए वास्तु के नियमों का पालन करती हैं तो आपको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद तो मिलता ही है और खुशहाली बनी बनी रहती है। इस साल यह पर्व 1 नवंबर, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। यदि आप इस दिन ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया के बताए गए उपायों को आजमाएं तो आपके जीवन में हमेशा समृद्धि बनी रहेगी। ऐसे में आपको पूरा टिप्स बता रहीं हैं ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ रुचिका गुप्ता...

चन्द्रमा की पूजा के लिए सही दिशा चुनें

आपके घर में चंद्रमा की पूजा का स्थान वास्तु में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चंद्रमा की पूजा के लिए पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हो जाएं और पूजन करें। इन दिशाओं को किसी भी पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है और ये अध्यात्म से जुड़ी दिशाएं मानी जाती हैं। वास्तु नियमों के अनुसार आप पूर्व दिशा की और मुख करके भी चंद्रमा की पूजा कर सकते हैं, लेकिन आपको दक्षिण की तरफ मुंह करके चंद्रमा का पूजन नहीं करना चाहिए। ये दिशा किसी भी पूजा के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। आपको पूजा के लिए हमेशा व्यवस्था मुक्त स्थान चुनना चाहिए।  

चंद्रमा के दर्शन के लिए ऐसी छलनी चुनें 

यदि आप करवा चौथ में छलनी से चांद के दर्शन करती हैं तो आपको हमेशा ऐसी छलनी चुननी चाहिए जो कहीं से टूटी-फूटी न हो। यदि संभव हो तो चांदी की  छलनी का इस्तेमाल करें। हालांकि सबके लिए ऐसा संभव नहीं होता है कि वो चांदी की छलनी ही चुने, लेकिन आपको प्लास्टिक की छलनी का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

पूजा के स्थान को अच्छी तरह से साफ करें 

चंद्रमा की पूजा से पहले आप उस स्थान को अच्छी तरह से साफ़ करें। किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए पूजा के स्थान को नमक के पानी से साफ़ करने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें कि आप जिस स्थान पर भी पूजा करने जा रहे हैं, वहां किसी भी तरह का कूड़ा और कचरा इकठ्ठा नहीं होना चाहिए। 

करवा चौथ में वास्तु के अनुसार दें अर्घ्य 

करवा चौथ की रात को चंद्रमा को अर्घ्य देते समय भी आपको वास्तु के नियमों का पालन करना चाहिए। पूजा के समय आपका मुंह उत्तर पश्चिम दिशा की  तरफ होना चाहिए और इसी तरफ अर्घ्य देना चाहिए। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय आपको ध्यान देना चाहिए कि जल के साथ दूध की कुछ बूंदें अवश्य डालें। इससे आपकी कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति मजबूत बनी रहती है। 

आंखों से सीधे ही न देखें चांद 

आपको कभी भी करवा चौथ का चांद सीधे ही नहीं देखना चाहिए। आपको चांद देखने के लिए छलनी का इस्तेमाल करना चाहिए। आप इसके लिए वास्तु के अनुसार ही चीजों का निर्धारण करें तो बेहतर होगा। 

पूजा के स्थान पर जरूर रखें जल का लोटा 

यदि आप करवा चौथ के दौरान चांद की पूजा करती हैं तो आपको ध्यान देना चाहिए कि आप पूजा के स्थान पर ही जल से भरा एक बर्तन रखें और इसी बर्तन में रखे जल से चांद को अर्घ्य दें। पानी पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसी वजह से पूजा के समय जल का इस्तेमाल करना जरूरी होता है। 

चंद्रमा की पूजा में करें मंत्रों का जाप

चंद्रमा की पूजा के दौरान आपको उत्तर पूर्व दिशा की तरफ खड़े होकर चन्द्रमा के मन्त्रों का जाप करना चाहिए। मन्त्रों की इन ध्वनियों का कंपन अंतरिक्ष की ऊर्जा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और शांत वातावरण बनाने में मदद करता है। 

ऐसे तैयार करें पूजा की वेदी 

घर में ऊर्जा के सामंजस्य के लिए पूजा की वेदी पर वस्तुओं को सही तरीके से व्यवस्थित करना चाहिए। वेदी के ऊपर करवा, छलनी और अन्य पूजा सामग्री को व्यवस्थित तरीके से रखें। इन तत्वों को वास्तु के अनुसार रखने से संतुलन बना रहता है और पूजा का पूर्ण फल मिलता है। पूजा के स्थान पर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए तांबे या चांदी से बने बर्तनों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यदि आप करवा चौथ में चंद्रमा की पूजा करते समय यहां बताई विशेष बातों का ध्यान रखती हैं तो आपके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। यह उपाय पति-पत्नी के बीच के रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करता है।