मकर संक्रांति कब है? जाने शुभ मुहूर्त और मकर सक्रांति का महत्व

आईए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ रुचिका गुप्ता से मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त, संक्रांति के दिन पहने जाने वाले कपड़ों के रंग का महत्व, तथा जीवन में रिश्तो में घनिष्ठता व सकारात्मकता के उपाय..

मकर संक्रांति कब है? जाने शुभ मुहूर्त और मकर सक्रांति का महत्व

फीचर्स डेस्क। मकर सक्रांति का खगोलीय और ज्योतिषीय महत्व है, यह एक ऐसा त्योहार है जो भगवान सूर्य को समर्पित है इस दिन सूर्य अपने उत्तर दिशा में यात्रा शुरू करता है (इसे उत्तरायण भी कहते हैं) ,और धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है। संक्रांति शब्द का अर्थ सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परागमन होता है। 1 वर्ष में 12 संक्रांति होती हैं जिसमें से मकर संक्रांति महत्वपूर्ण स्थान रखती है।  सूर्य जिस दिन जिस राशि में प्रवेश करता है उसे उसी राशि की संक्रांति काल कहते हैं। सूर्य के श्रावण मास से लेकर मार्गशीर्ष तक दक्षिणायन होता है। वही माघ मास से आषाढ़ मास तक उत्तरायण होता है।उत्तरायण देवताओं का दिन व दक्षिणायन देवताओं की रात्रि मानी गई है।

हर साल संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है, यदि संक्रांति सूर्यास्त से पहले पड़ती है अन्यथा इसे अगले दिन मनाया जाता है। इसीलिए मकर सक्रांति अति महत्वपूर्ण मानी गई है। यह मानसिक, शारीरिक व आध्यात्मिक रूप से मन, बुद्धि चित्त में सद्गुण को बढ़ाता है।

मकर संक्रांति पूजन

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश दिनांक 14 जनवरी 2024 की रात्रि 02:50 पर प्रारंभ हो रहा है। अतः 15 जनवरी 2024 को सूर्योदय से सूर्यास्त तक इस पुण्य काल का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

मकर संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त

मकर संक्रान्ति सोमवार, जनवरी 15, 2024 
मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:13 से शाम 05:49 तक
अवधि - 10 घण्टे 35 मिनट्स
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:14 से 09:00 तक
अवधि - 01 घण्टा 46 मिनट्स

15 जनवरी में सुबह रवि योग बन रहा है जो 15 जनवरी की सुबह 07:15 से 08:20 बजे तक रहेगा। 15 जनवरी को वारीयान योग भी बन रहा है जो सूर्योदय से 15 जनवरी की रात्रि 11:05 तक रहेगा। इन योग में दान ,पूजा-अर्चना करने का उत्तम फल मिलता है।

 मकर संक्रांति का महत्व पूजा के लाभ 

भोजन (प्रसाद) भारत में किसी भी त्योहार के दौरान उत्सव का एक प्रमुख हिस्सा होता है। तिल और गुड़ के लड्डू का उपयोग भारत में संक्रांति की लोकप्रिय मिठाई है। संक्रांति की पूजा से आपको अत्यधिक स्तर पर लाभ मिलता है। मकर संक्रांति संपूर्ण भारत में विभिन्न नामों से जानी जाती है: दक्षिण में पोंगल, उत्तर में लोहरी, पूर्व में खिचड़ी का पर्व आदि नाम दिए गए हैं।
संक्रांति के दिन खिचड़ी, तिल, घी, मूंगफली गुड़ आदि का प्रसाद बांटना व खाना शुभ माना जाता है।

- आज के दिन गाय की सेवा करें, तथा गाय को गुड और रोटी या चने की दाल, गुड ,रोटी जरूर खिलाएं।

– गंगाजल से स्नान करना घर पर या बाहर अधिक शुभ माना जाता है।

– सूर्योदय के पश्चात सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल फूल व अक्षत के साथ जल अर्पित करें।

– गायत्री मंत्र की एक माला का जाप (108 बार) करना शुभ फलदाई होता है।

– चावल की खीर व तिल की मिठाई से सूर्य को भोग लगाना है प्रसाद रूप में ग्रहण करना सकारात्मकता लाता है।

– इस दिन गरीब व्यक्ति को तिल, बर्तन, गरम कपड़ा का दान करते हैं, तो शनि ग्रह से जुड़ी हर तकलीफ से मुक्ति मिलती है।

– पिता व पुत्र के रिश्तो के बीच में मतभेदों को दूर करने के लिए मकर संक्रांति को महत्वपूर्ण माना गया है।
- सूर्य देव की आरती के बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ सभी कष्टों को दूर करता है व भाग्योदय करता है।
-यह माना गया है कि यदि इस दिन पिता/पुत्र अपने पिता/पुत्र से मिलने उसके घर जाते हैं तो उनके बीच का मनमुटाव खत्म हो जाता है व सुख और समृद्धि के साथ सकारात्मकता घर में व रिश्तों में आती है।

- इस दिन सात्विक भोजन करें, यानी मांस,मदिरा ,शराब, प्याज,लहसुन व नशीली चीजों का सेवन न करें। सभी बड़ों का सम्मान करें वह किसी के साथ भी अपशब्द का प्रयोग न करें।

 पतंग क्यों उड़ाई जाती है? व क्या रंग पहनना शुभ होता है? 

पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता भी कई स्थानों पर आयोजित की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान सूर्य को धन्यवाद देने का एक रूप है क्योंकि पतंग को ही आकाश में उच्च प्रवाहित किया जा सकता है। पतंग उड़ाने का एक कारण यह भी है कि लोग सूर्य की किरणों के संपर्क में आते हैं ताकि उन्हें सर्दियों में होने वाले त्वचा के संक्रमण और बीमारी से छुटकारा मिल सके। मकर संक्रांति के दिन काले तथा पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं। काले रंग के कपड़े पहनने से सूर्य की सभी सकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने में मदद मिलती है व उत्सव के शरद दिनों में भी गर्म रहने में मदद मिलती है।

आशा करते हैं कि आप सभी को मकर संक्रांति की पूजा, मुहूर्त, महत्व, पूजा के लाभ व क्या रंग पहनना चाहिए इस दिन। इस पर लिखे इस आर्टिकल से आपको मदद मिली होगी।