शक्ति स्वरूपा : आधुनिकता और समाज सेवा का अद्भुत संगम हैं आशा राय

नवरात्री पर फोकस हर लाइफ आप के लिए ले कर आया है एक स्पेशल सीरीज " शक्ति स्वरूपा " जिसमे हम सोसाइटी में ऑड्स से लड़ कर अपना मुकाम बनाने और समाज के लिए काम करने वाली आम महिलाओं की कहानियां ले कर आ रहा है। आज हम मिलेंगे  लखनऊ की आशा राय से जिन्होंने अपने समाज सेवा के सफर की शुरुवात रक्त दान से की थी और अब तक वो अपने साथ सैकड़ों लोगो जो नेत्र दान और देह दान करवा चुकी है। आशा बस यही नहीं रुकी उनका आस्पेक्ट बहुत वाइड है....

शक्ति स्वरूपा : आधुनिकता और समाज सेवा का अद्भुत संगम हैं आशा राय

फीचर्स डेस्क। समाज से गरीब, परेशांन और असहाय का दर्द देखकर कर दिल तो लगभग सबका दुखता है पर उनकी सहायता करने के लिए सिर्फ कुछ ही हाथ आगे बढ़ते हैं। हमारी नवरात्री स्पेशल सीरीज शक्ति स्वरूपा में आज हम मिलने वाले हैं एक ऐसी है समाज सेवी आशा राय से जिनका जीवन मंत्र सेवा परमो धर्मा: ही है। अचानक शुरू हुआ ये सफर कैसे उनके जीवन का मोटिव और मिशन बन गया, किन किन विषयों पर वो काम कर रही है और ऐसी कौन सी समस्याएं हैं जिनको सामाजिक उन्नति के लिए वो सबसे जटिल मानती हैं ,आइये जाने उन्ही की जुबानी….  

अचानक हुई शुरुवात

आशा का जन्म दिल्ली के एक संपन्न परिवार में हुआ। स्टडीज कम्पलीट कर के वो सरकरी नौकरी में थी। एक बार अचानक उनकी कुलीग को ब्लड की ज़रूरत पड़ी क्योकि वो काफी बीमार थी तब आशा ने आगे आ कर उनकी मदद की। ईश्वर की कृपा से वो जल्दी स्वस्थ्य हो गयी जिसे देख कर इनको असीम ख़ुशी मिली और ब्लड डोनेशन से जुड़ गयी। फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और धीरे-धीरे काफी लोग जुड़ने लगे, कैम्प्स भी ऑर्गनाइस करने लगी। आशा जी स्वयं आज तक 27 बार ब्लड डोनेट कर चुकी हैं। 2007 में इन्होने अपने NGO आस्था सेवा संस्थान की भी शुरुवात की जो अलग अलग छेत्रों में काम कर रहा है।

नेत्र और देहदान पर दिया ज़ोर

आशा ने स्वयं अपने नेत्र और देहदान तब कर दिए थे जब बहुत कम लोग ही इसके बारे में अवेयर थे और अगर अवेयर थे भी तो भ्रांतियों के चलते नेत्र या देहदान से जुड़ना नहीं चाहते थे। आशा बताती की उनके बताते ,समझने से प्रेरित हो कर 125 लोगो ने नेत्र दान और 25 लोगो ने देहदान का संकल्प लिया है। आशा आगे जोड़ती है कि इससे बड़ा कोई धर्म पुण्य नहीं है और आगे भी इसके लिए कार्यारा रहेंगी।    

हाइजीन , महिला और बच्चे के स्वस्थ्य पर है ज़ोर

आशा का मानना है की एक मजबूत देश के लिए उस देश की महिलाओ और बच्चो का स्वस्थ्य होना बहुत ज़रूरी है। इसलिए आशा और उनका NGO ग्रामीण इलाकों में साफ़ सफाई की जानकारी और स्वस्थ्य सेवाओं के पहुंचाने में लगा हुआ है। महिलाओं के लिए सेनेटरी पेड का इंतज़ाम करना , बच्चों को समझना की हाथ धोये , रोज़ नहाये , बाल एयर नाखून छोटे रखें ऐसी छोटी -छोटी जानकारी देती रहती हैं। बच्चो से कनेक्ट करने का उनका तरीका भी काफी निराला है वो जब भी गाँव जाती है बच्चों के टॉफ़ी या कुछ स्वीट्स ले कर जाती है। उनके साथ बैठती हैं ,जान पहचान करती है टॉफी देती हैं और बताओं बताओं में प्रॉमिस लेती है की वो अपनी साफ सफाई का ध्यान रखेंगे।

कोविड काल में डटा रहा आस्था सेवा संसथान

कोरोना सभी पर कहर बन कर टूटा , दूसरी लहर पहले से कहीं ज्यादा डरावनी थी पर उस समय भी  आस्था सेवा संसथान और आशा डटी रही। अपनी जान की परवाह किये बिना लोगो को अस्पताल में बेड मुहैया करवाने से ले कर मास्क ,पेशेंट्स को खाना,गरीबों को राशन, जरूरी मदद पहुंचना इनकी प्रायोरिटी थी।  आशा कहती है उस समय भी एक्टिव रह कर मैं और मेरी संस्था के लोग सेफ रहे ये ईश्वर की कृपा ही है। आगे इसी तरह से सेवा में लगे रहने के लिए प्रेरणा भी देती है।

पर्यावरण,सामूहिक विवाह और प्लास्टिक उन्मूलन पर भी काम कर रही

आशा और उनकी संस्था इन सब विषयों पर भी काम कर रही जिस से प्रकृति को बचाया जा सके और गरीब बच्चों को भी सुखद और खुशहाल जिंदगी दी जा सके। जहाँ एक ओर कपडे के बैग्स बनवा के लोगो में बाटें वही समय-समय पर पौधा रोपण समाहरोह भी होते रहते हैं। आशा जी कहती हैं हम लो मेन्टेन्स और प्रकृति के वरदान जैसे नीम , पीपल और बरगद इनके पेड़ ज्यादा लगते हैं। जिस से ये आसान से फल-फूल सकें। 

कई अवार्डों से हुई सम्मानित

कहते हैं साँच को आंच नहीं और आप के किये कर्मों का फल आप को अवश्य मिलता है। आशा जी भले ही निस्वार्थ भाव से लोगो के लिए काम कर रही हैं पर समय-समय पर अलग अलग जगहों पर इन्हे सम्मानित किया जाता रहा। बॉडी डोनेशन के साथ अन्य कार्यों को बहुत सराहा गया और इनका NGO भी कई अवार्ड्स जीत चूका है।

सोशल पर्सनालिटी

आशा जी बहुत ही सहज और सरल है साथ ही सोशली काफी एक्टिव रहती हैं। इनको लिखना, लोगो से मिलना ,अलग-अलग प्रोग्राम्स में शिरकत करना , लोगो से उनके अनुभवों को जानना पसंद है। फ्यूचर प्लान्स के बारे में आशा कहती हैं अब उनको बच्चों की शिक्षा पर और फोकस करना है साथ ही वीमेन अपलिफ्टमेंट भी उनकी प्रायोरिटी रहेगा।

फोकस हर लाइफ आप के सुखद भविष्य की कामना करता है।

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