काले धब्बे , झाईयों और पिगमेंटेशन से छुटकारा पाए डॉ.अशोक गुंड की एडवाइस से

अगर स्किन की प्रॉपर केयर की जाये और हम स्किन सिग्नल्स को ले कर अलर्ट रहे तो काले धब्बों, झाईयों ,पिगमेंटेशन आदि से काफी हद तक दूर रहा जा सकता है। आखिर ये होता क्यों है , क्या प्रीकॉशन्स लेने चाहिए और क्या ट्रीटमेंट्स अवेलेबल हैं? आइये जाने एक्सपर्ट से .....

काले धब्बे , झाईयों और पिगमेंटेशन से छुटकारा पाए डॉ.अशोक गुंड की एडवाइस से

फीचर्स डेस्क। ऐसे कम ही लोग होते हैं जिनकी स्किन पर उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। बढ़ती उम्र के साथ स्किन में डलनेस, डार्क स्पॉट्स , झाईयां , अनइवेन स्किन टोन ,हाइपर पिगमेंटेशन आदि होना आम बात है। ये समस्याएं महिलाओं और पुरुषों में सामान रूप से देखने को मिलती है पर महिलाएं इस से ज्यादा परेशांन रहती हैं। आखिर बेदाग चमकती त्वचा कौन नहीं चाहता? तो आप की इस परेशानी को ले कर हम पहुंचे स्किन स्पेशलिस्ट डॉ अशोक गुंड के पास इसके बाकी कारणो , बचाव, ट्रीटमेंट आदि के बारे में जानकारी लेने,आइये जानते हैं

 हाइपर पिग्मेंटेशन के कारण

डॉ अशोक बताते की बढ़ती उम्र के अलावा अत्याधिक सन एक्सपोज़र, हार्मोनल चैंजेस , हेरीडिटी और किसी दवा का रिएक्शन इस समस्या के मुख्य कारण हैं। कभी-कभी, एक अन्य त्वचा की स्थिति जिसे एक्ने वल्गरिस (गंभीर मुंहासे / फुंसी) कहा जाता है, भी हाइपरपिग्मेंटेशन की ओर ले जाती है। दरअसल हमारी त्वचा की टोन, बालों का रंग, आँखों का रंग मेलेनिन पिग्मेंट द्वारा निर्धारित होता है। ये पिग्मेंट मेलानोसाइट्स सेल्स बनाती हैं , जब शरीर में इनका प्रोडक्शन बढ़ जाता है तब  पिगमेंटेशन की प्रॉब्लम होती है। डॉ जोड़ते हैं, हम में से सभी ने कम मात्रा में हाइपरपिग्मेंटेशन का अनुभव किया है, कभी-कभी डार्क स्पॉट पैच, बर्थमार्क, मोल्स और एजिंग स्पॉट के रूप में। पर समस्या का जल्द पता लगाने से इसे रोकना आसान  हो जाता है।

हाइपर पिग्मेंटेशन के प्रकार

डॉ अशोक सजेस्ट करते हैं की इस तरह की कोई भी परेशानी होने पर आप को त्वचा विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ परामर्श कर के हाइपरपिग्मेंटेशन के प्रकार और डिग्री के बारे में ज़रूर जान लेना चाहिए। शुरुवाती दौर में ये कई रूपों में आता है जैसे Melasma, Lentigenes,झाईयां या पोस्ट-इन्फ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन। Melasma जनरली प्रेगनेंसी, मीनोपॉज या गर्भनिरोधक गोलियों के लेने से होने वाले हार्मोनल चैंजेस से जुड़ा होता है। मेलास्मा से सबसे ज्यादा एफ्फेक्टेड एरिया गाल , माथा और ऊपरी होंठ हैं। आमतौर पर स्थिति सतही होती है लेकिन कई बार यह डीप भी हो सकती है। हल्के रंग की त्वचा वाले लोगों में झाईयों की संभावना अधिक होती है और पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन के परिणामस्वरूप त्वचा की सामान्य समस्याएं जैसे मुंहासे, चकत्ते और चोट के निशान रह जाते है।

निपटने के तरीके

फर्स्ट स्टेप तो यही है की आप स्किन स्पेशलिस्ट को कंसल्ट कर अपनी समस्या की गंभीरता और प्रकार जाने। अक्सर ये प्रॉब्लम सुपरफिशल ही होती है और अंदर के अंगो को प्रभावित नहीं करती। रोकथाम इलाज से बेहतर है ! इसलिए रोज एक इफेक्टिव सनस्क्रीन का प्रयोग करना शुरू करें। यह पिगमेंटेशन को रोकने और कम करने के बहुत इम्पोर्टेन्ट है। सूरज के संपर्क में आने से 15 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं, हर 2-3 घंटे में धो लें और फिर से लगाएं क्योंकि धूप से सुरक्षा सीमित अवधि तक रहती है। अपनी त्वचा के प्रकार के लिए उपयुक्त सनस्क्रीन जानने के लिए, किसी त्वचा देखभाल सलाहकार या अपने त्वचा विशेषज्ञ से मिलें। क्रीम और लोशन के अलावा, हाइपरपिग्मेंटेशन का इलाज विशेष त्वचा उपचारों द्वारा भी किया जा सकता है जैसे दवाएं ,केमिकल पीलिंग, Vit C serum oxyjetting और लेज़र ट्रीटमेंट। ये सभी काफी एडवांस और बेस्ट रिजल्ट्स देने वाले ट्रीटमेंट्स हैं।

लेज़र ट्रीटमेंट है बेस्ट

सभी प्रकार के हाइपरपिग्मेंटेशन ट्रीटमेंट में लेज़र तकनीक सबसे प्रभावी है। लेजर का उपयोग बर्थमार्क और टैटू हटाने के लिए भी किया जाता है। यह एक बहुत ही लोकप्रिय, पैनलेस और क़्विक प्रोसेस है। यह उपचार सभी उम्र और जेंडर में सामान रूप से काम करता है। गहरी चोट या जले हुए निशानों को भी दूर करने के इसका उपयोग किया जा सकता है।

अन्य सुझाव

सूरज की सीधी रोशनी से बचे। 

ऑउटडोर में देर तक रहना हो तो छाया की तलाश करें और उसमे खड़े हो।

सनस्क्रीन लगाना कभी ना भूलें और दिन में एसपीएफ़ 50 का सनस्क्रीन यूज़ करें। 

आप हैट या कैप पहनने की आदत डालें। ये आप के चेहरे के लिए ढाल का काम करेगी।

रोज़ कम से कम 6-8 गिलास पानी पीने की आदत डालें। ये आप के शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।

चाय/कॉफी के सेवन पर नियंत्रण रखें।

रोजाना नारियल पानी पिए। ये स्किन को रीजेनरेट और रिपेयर करने में मदद करता है।

अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट Vit.C और Vit.B कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट शामिल करें।

Special thanks to

Dr Ashok GundmMBBS, CSD (Dermatology) AFIH, PGDMLS

website: www.originclinic.in