Expert Advice:आज के समय में क्यों जरूरी है प्री मैरिज काउंसलिंग,जानिए काउंसलर डॉक्टर स्वर्ण रेखा के विचार

आज के दौर में जो हर दूसरे घर में समस्या है वो है शादी का टूटना। ऐसे में मन में कई सवाल उठते है और जिसकी शादी टूटती है वो भी कई बार टूट जाते है। इसलिए शादी से पहले जरूरी है काउंसलिंग। क्या है प्री मैरिज काउंसलिंग के उद्देश्य जानिए जानी मानी काउंसलर डॉक्टर स्वर्ण रेखा से…

Expert Advice:आज के समय में क्यों जरूरी है प्री मैरिज काउंसलिंग,जानिए काउंसलर डॉक्टर स्वर्ण रेखा के विचार

फीचर्स डेस्क। विवाह एक पवित्र बंधन है। और ये सिर्फ तन का ही रिश्ता नहीं बल्कि मन का ,समर्पण का,त्याग का,खुशी का साथ ही दुखों को बांटने का भी रिश्ता है। विवाह बंधन एक ऐसा फैसला है जिसका असर हमारी जिंदगी पर बहुत गहरा पड़ता है। पति पत्नी में लड़ाई झगड़ा आम बात है पर जब ये लड़ाई तनाव को जन्म देने लगे ऐसे में हमें ये ही लगता है कि हमारा साथी हमें समझता नहीं। इस तनाव से बचने का एक अच्छा उपाय है कि शादी से पहले प्री मैरिज काउंसलिंग लेना। जैसा कि रोहित ने किया। रोहित एक अच्छा डॉक्टर है। डॉक्टर की पढ़ाई करने के चक्कर में उसकी शादी की उम्र निकलती जा रही थी। और घर वालों को उसकी शादी की चिंता सता रही थी। जब 32 साल तक उसकी शादी नहीं हुई तो उसके पेरेंट्स ने एक काम पढ़ी लिखी लड़की से उसकी शादी तय कर दी। माता पिता के दवाब में उसने हां तो कर दी पर वो खुश नहीं था। और उसका असर उसके काम में भी पड़ रहा था। एक दिन रोहित के काउंसलर दोस्त को उसका ये व्यवहार जब अजीब लगा तो उसने रोहित की काउंसलिंग की। तब जाकर पता चला कि रोहित ये शादी नहीं करना चाहता, क्योंकि लड़की ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है और उम्र निकल जाने पर उसके माता पिता ने उसकी शादी तय कर दी बिना उसकी मर्जी जानें। रोहित के काउंसलर दोस्त ने रोहित के पेरेंट्स से बात की और ये शादी टूट गई। शादी के पहले ली गई सलाह से दो जिंदगियां बर्बाद होने से बच गई।

क्यों जरूरी है काउंसलिंग

आज के समय में प्री मैरिज काउंसलिंग इसलिए जरूरी हो गई है क्योंकि आज के समय में कोई जीवन भर कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहता। काउंसलर स्वर्ण रेखा कहती है कि किसी भी वैवाहिक रिश्ते के लिए जो मोस्ट इंपॉर्टेंट थिंग्स है वो है टाइम,व्यू एंड इमोशंस। शादी से पहले चाहे लड़का लड़की एक दूसरे से खूब बातें करते हो , साथ घूमते हो मिलते हो पर शादी के बाद अचानक ऐसा क्या हो जाता है जो तलाक तक की सिचुएशन आ जाती है। क्योंकि शादी से पहले का रिश्ता और शादी के बाद के रिश्ते में जिम्मेदारियों का फर्क आ जाता है। इन जिम्मेदारियों को कपल पूरी तरह से निभाए इसलिए प्री मैरिज काउंसलिंग जरूरी है। क्योंकि आज के युवा में पेशंस की कमी है।

खुलकर बात करना है जरूरी

डॉक्टर स्वर्ण रेखा बताती है कि उनके पास बहुत से कपल जब काउंसलिंग के लिए आते है तो वो ये ही बात कहते है कि घर में हम किसी से खुल कर बात नहीं कर सकते शादी को लेकर। इसलिए उन्हें यहां आना पड़ा। आज भी हम शादी, सेक्स जैसे मामलों में खुल कर अपने पेरेंट्स या भाई बहनों से बात नहीं कर पाते। यहीं एक काउंसलर रोल प्ले करता है, वो लड़का लड़की दोनों से सवाल करता है कि क्या आप शादी के लिए रेडी है और अगर है तो क्यों? और अगर नहीं है तो क्यों नहीं ? डॉक्टर बताती है कि वो ये सवाल भी करती है कि आप दोनों को एक दूसरे से क्या एक्सपेक्टेशंस है? आप कितना समय एक दूसरे को दे पाएंगे? फाइनेंशियली, इमोशनली और फिजिकली  कितना सपोर्ट कर पाएंगे? इन सभी बातों के आधार पर तय किया जाता है कि आप एक दूसरे से शादी के लिए तैयार है कि नहीं। क्योंकि ये सभी बातें एक सक्सेसफुल मैरिज के लिए बहुत जरूरी है।

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एक दूसरे की प्राइवेसी का भी रखें ध्यान

डॉक्टर स्वर्ण रेखा काउंसलिंग के दौरान ये भी कपल को समझाती है कि एक दूसरे की प्राइवेसी को भी शादी के बाद रिस्पेक्ट देना जरूरी है। आप अपने हसबैंड वाइफ पर पूरा अधिकार रखते है पर ये उनकी अपनी भी जिंदगी है तो कुछ बातें अगर वो आपसे शेयर नहीं करते तो आपको उनकी फीलिंग्स को सम्मान देना होगा। तभी आगे रिश्ता टिक पाएगा। एक दूसरे पे विश्वास रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि किसी भी रिश्ते की नींव भरोसे पे टिकी होती है। दूसरों की बातों में ना आएं। अगर आपको अपने पार्टनर की बात से प्रॉब्लम है तो उससे ही बैठकर बात करें। डॉक्टर कहती है कि अधिकतर शादियां किसी तीसरे की इंटरफेरेंस से ही टूटती है। तो अपने रिश्ते में ट्रांसपेरेंसी रखें और उसे मजबूत बनाएं।

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अगर आप भी अपनी होने वाली शादी को लेकर कन्फ्यूजन में है तो आज ही काउंसलर के पास जाएं और अपनी प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशंस ढूंढे। क्योंकि बात करने से ही बात बनती है।

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