Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में इन प्रभावशाली मंत्रों से करें माँ को प्रसन्न, बन जाएंगे बिगड़े काम

नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रभावशाली मंत्रों का जाप कर सकते हैं और मां दुर्गा की विधिपूर्वक आरती कर सकते हैं. इससे मातारानी प्रसन्न होंगी और मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगी…

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में इन प्रभावशाली मंत्रों से करें माँ को प्रसन्न, बन जाएंगे बिगड़े काम

फीचर्स डेस्क। शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज 15 अक्टूबर से हो रहा है।  शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं और उसके बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होती है। इन्हें नवदुर्गा के नाम से जानते हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रभावशाली मंत्रों का जाप कर सकते हैं और मां दुर्गा की विधिपूर्वक आरती कर सकते हैं। इससे मातारानी प्रसन्न होंगी और आपके मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगी। इन दुर्गा मंत्रों के जाप से शक्ति, धन, संपत्ति, संतान, आरोग्य आदि की प्राप्ति होती है। मुंबई के ज्योतिषाचार्य वृषाली निलेगांवकर से जानते हैं मां दुर्गा के प्रभावशाली मंत्र और आरती के बारे में....

मां दुर्गा के 9 प्रभावशाली मंत्र

  1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
  2. ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
  3. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
  4. ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।
  5. देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
    रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
  6. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
    दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाद्र्रचिता।।
  7. सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
    मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥
  8. ओम ह्रीं दुं दुर्गायै नम:.
  9. ओम श्रीं ह्रीं श्रीं दुर्गा देव्यै नम:.

शारदीय नवरात्रि 2023: मां दुर्गा की आरती

जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।। जय अंबे गौरी…

मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अंबे गौरी…

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अंबे गौरी…

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अंबे गौरी…

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अंबे गौरी…

शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अंबे गौरी…

चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अंबे गौरी…

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ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अंबे गौरी…

चैंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अंबे गौरी…

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अंबे गौरी…

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अंबे गौरी…

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अंबे गौरी…

अंबे जी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अंबे गौरी…