नवरात्रि में विशेष कृपा चाहिए तो कीजिये झंडेवाली माँ का दर्शन, पढ़िये इनके महिमा के बारें में

नवरात्रि में विशेष कृपा चाहिए तो कीजिये झंडेवाली माँ का दर्शन, पढ़िये इनके महिमा के बारें में

फीचर्स डेस्क। नौ दिन हम लोग अलग-अलग नाम से जानी जानें वाली माँ का आराधना करेंगे। माँ को विभिन्न नामों से जानते हैं लेकिन माँ की मामता हर रूप में हम पर होती है। नवरात्रि में लोग मां दुर्गा के मंदिरों में उनके दर्शनों के लिए जाते हैं। बता दे कि झंडेवाली का मंदिर एक सिद्धपीठ है। कहा जाता है कि नवरात्रि में झंडेवाली माँ का दर्शन पूजन करने से सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं। करवाने के लिए आते हैं। ऐसे में आज मैं आपको दिल्ली में स्थित झंडेवाली माँ के मंदिर के बारें में बताने जा रहीं हूँ। मां के इस मंदिर की भव्यता नवरात्रि में देखने लायक होती है। तो आइए जानते हैं नवरात्रि पर मां झंडेवाली की कहानी

दिल्ली के पहाड़गंज में है स्थित 

आप दिल्ली में रहती हैं या फिर आसपास के किसी सिटी में तो झंडेवाली मातारानी का दर्शन कर सकती हैं। आपको बता दें कि झंडेवाला मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। हर साल नवरात्रि मे यहाँ पर लाखों कि संख्या में भक्त आते हैं और माँ का अशीर्बाद लेते हैं। यह दिल्ली के पहाड़गंज में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही विशाल है। वैसे तो इस मंदिर में हजारो लोग मां के दर्शनों के लिए आते हैं। माँ के दरबार की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर को हर बार नवरात्रि पर नए - नए तरीके से सजाया जाता है। मां झंडेवाली का यह मंदिर इतना लोकप्रिय कैसे बना । इसके बारे में एक प्राचीन कथा प्रसिद्ध है।

जमीन के नीचे से निकला था झंडा

एक बार मां वैष्णों देवी के एक परम भक्त बद्री दास जो एक कपड़ा व्यापारी हुआ करते थे। वो मां की पूजा कर रहे थे तब ही उन्हें एहसास हुआ कि इस जमीन के नीचे जरूर कुछ है। बद्री दास ने उस जगह पर जमीन की खुदाई करवानी शुरू कर दी। खुदाई करने पर उन्हें वहां पर एक झंडा और एक देवी की मूर्ति दिखाई दी मिला। इसके बाद ही यहाँ पर विशाल मंदिर बना और इस मंदिर का नाम माँ झंडेवालान रखा गया और । जिसके हाथ खुदाई के समय टुट गए थे।

 मां के हाथों को चांदी का बनवाया गया

बता दें कि मूर्ति को स्थापित करने के बाद मां के हाथों को चांदी का बनवाया गया। ताकि खंडित मूर्ति की पूजा का दोष न लगे। मां की यह मूर्ति आज भी गुफा में स्थित है। जिसके दर्शन मात्र से ही सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। यह मंदिर मां का एक सिद्धपीठ है। इस मंदिर के मध्य में मां झंडेवाली की एक विशाल मूर्ति स्थापित है। जिसके दाई और मां काली और बाईं और मां सरस्वती विद्यमान है।

मंदिर में नीचे की और एक गुफा

इस मंदिर में नीचे की और एक गुफा भी है। जिसमें भगवान शिव और मां काली का मंदिर भी है। नवरात्रि में इस मंदिर में आम लोगों के लिए भण्डारा 24 घंटे चलता रहता है। वहीं इस झंडेवालान मंदिर के सामने एक और छोटा मंदिर भी है। जिसमें एक पीपल का पेड़ है जहां पर भी लोग पूजा - अर्चना करते हैं और मंदिर के अंदर सभी देवी- देवताओं की मूर्ति स्थापित है। झंडेवालान मंदिर के थोड़ा सा आगे जाकर काली मां का एक छोटा से मंदिर भी है। जहां पर श्रद्धालु मां को तेल का दिया जलाकर उनका पूजन करते हैं। इस मंदिर में मां काली के अलावा हनुमान जी की मूर्ति भी है। जहां पर लोग बंजरंग बली के दर्शन करते हैं। बजरंग बलि के अलावा अंदर जाकर अन्य देवी देवताओं की मूर्ति भी स्थापित की गई हैं।