सावन स्पेशल 2023 : श्री महामृत्युंजय मंत्र से मृत्यु को भी जीत सकते हैं आप, जानें, ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी का ये आर्टिकल

श्री महामृत्युंजय मंत्र के एक निश्चित जाप से की जाने वाली पूजा के फलस्वरूप आसमयिक आने वाली मृत्यु अथवा मृत्यु स्वरूप कष्टों को टाला जा सकता है....

सावन स्पेशल 2023 : श्री महामृत्युंजय मंत्र से मृत्यु को भी जीत सकते हैं आप, जानें, ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी का ये आर्टिकल

फीचर्स डेस्क। महामृत्युंजय यंत्र को सिद्ध कर अपने पाप को समाप्त कर पूण्य लाभ में परिवर्तन किया जा सकता हे घटना, दुर्घटना यहाँ तक की मृत्यु तुल्य कष्टों को और संभवतः मृत्यु तक को टालने में सक्षम है। महामृत्युंजय यंत्र और मन्त्र का मिश्रण ये प्रयोग हमेशा सफलता प्रदान करता आया हे। आइये ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी से समझे कुछ बाते महामृत्युंजय यंत्र और मन्त्र के बारे में...

 मृत्यु अथवा मृत्यु स्वरूप कष्टों को टाला जा सकता है

भगवान शिव के अनेक नामों में से महामृत्युंजय भी एक नाम है। जिसका शाब्दिक अर्थ है मृत्यु को भी जय कर लेने वाला अर्थात मृत्यु को जीत लेने वाला और इसी के अनुसार भगवान शिव के श्री महामृत्युंजय मंत्र को भी मृत्यु को जीत लेने वाले मंत्र के रूप में जाना जाता है । तथा अनके वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि श्री महामृत्युंजय मंत्र के एक निश्चित जाप से की जाने वाली पूजा के फलस्वरूप आसमयिक आने वाली मृत्यु अथवा मृत्यु स्वरूप कष्टों को टाला जा सकता है। वैदिक ज्योतिष ने श्री महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग भी अनेक प्रकार के कष्टों एवं बाधाओं को दूर करने के लिए बार बार किया है। तथा आज भी वैदिक ज्योतिष में इस यंत्र के प्रयोग का बहुत चलन है । इस यंत्र के सफल प्रयोग से बहुत से जातक अनेक प्रकार की गंभीर से गंभीर समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार श्री महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग आसमयिक आने वाले मृत्यु को टालने के लिए, लंबी आयु के लिए, स्वास्थ्य के लिए तथा गंभीर कष्टों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।

 इन बातों का देना होगा ध्यान

श्री महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग कुंडली मिलान के समय बनने वाले दोषों जैसे कि नाड़ी दोष, भकूट दोष, गण दोष आदि जैसे दोषों के निवारण के लिए भी किया जाता है तथा अधिकतर वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि विधिवत रूप से बनाये गये श्री महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना करने से तथा इसकी नियमित पूजा करने से कुंडली मिलान के समय बनने वाले दोषों का निवारण हो जाता है।

1.श्री महामृत्युंजय यंत्र को स्थापित करने से प्राप्त होने वाले लाभ किसी जातक को पूर्ण रूप से तभी प्राप्त हो सकते हैं।

2.जब जातक द्वारा स्थापित किया जाने वाला श्री महामृत्युंजय यंत्र शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा तथा उर्जा संग्रह की प्रक्रियाओं के माध्यम से विधिवत बनाया गया हो।

3.विधिवत न बनाए गए श्री महामृत्युंजय यंत्र को स्थापित करना कोई विशेष लाभ प्रदान करने में सक्षम नहीं होता।

4.शुद्धिकरण के पश्चात श्री महामृत्युंजय यंत्र को भगवान शिव के श्री महामृत्युंजय मंत्रो की सहायता से एक विशेष विधि के माध्यम से उर्जा प्रदान की जाती है जो श्री महामृत्युंजय भगवान शिव की शुभ उर्जा के रूप में इस यंत्र में संग्रहित हो जाती है।

5.किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र की वास्तविक शक्ति इस यंत्र को श्री महामृत्युंजय मंत्रो द्वारा प्रदान की गई शक्ति के अनुपात में ही होती है तथा इस प्रकार जितने अधिक मंत्रों की शक्ति के साथ किसी श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान की गई हो। उतना ही वह श्री महामृत्युंजय यंत्र शक्तिशाली होगा।

6.अनेक प्रकार के जातकों की कुंडली के आधार पर तथा उनके द्वारा इच्छित फलों के आधार पर श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान करने वाले मंत्रों की संख्या अलग-अलग जातकों के लिए अलग-अलग हो सकती है तथा मुख्य रूप से यह संख्या 5100 से लेकर 125,000 श्री महामृत्युंजय मंत्र के जाप तक होती है जिसके कारण देखने में एक से ही लगने वाले विभिन्न श्री हामृत्युंजय यंत्रों की शक्ति तथा मूल्य में बहुत अंतर हो सकता है।

7.किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र को अपने जातक को लाभ प्रदान करने के लिए कम से कम 5100 या 11,000 श्री महामृत्युंजय मंत्रों की सहायता से उर्जा प्रदान अवश्य की जानी चाहिए,इससे कम मंत्रों का जाप द्वारा बनाया गया श्री महामृत्युंजय यंत्र का कोई विशेष फल प्रदान करने में सक्षम नहीं होता।

8.उर्जा रहित श्री महामृत्युंजय यंत्र धातु के एक टुकड़े के समान ही होता है, जिसे 50 रूपये के मूल्य में प्राप्त किया जा सकता है। यहां पर यह बात  ध्यान देने योग्य है कि श्री महामृत्युंजय यंत्र को विधिवत बनाने की प्रक्रिया में इस यंत्र को उर्जा प्रदान करने वाला चरण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

9.यदि उर्जा संग्रहित करने की इस प्रक्रिया को यदि विधिवत तथा उचित प्रकार से न किया जाए अर्थात यदि किसी श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान करने के लिए श्री महामृत्युंजय मंत्रों का जाप किया ही न जाए अथवा यह जाप 100 या 200 श्री महामृत्युंजय मंत्रों का हो तो ऐसा श्री महामृत्युंजय यंत्र किसी जातक को या तो कोई विशेष फल प्रदान करने में सक्षम नही होगा या फिर ऐसा श्री महामृत्युंजय यंत्र कोई भी फल प्रदान नहीं करेगा। इसलिए किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र के भली प्रकार से कार्य करने तथा जातक को लाभ प्रदान करने के लिए इस यंत्र को विधिवत बनाया जाना अति आवश्यक है।  हमारे अनुभव मे यह भी आया है कि बहुत से लोग ऐसी धारणा रखते हैं । कि बहुत सारे श्री महामृत्युंजय यंत्रों को एक साथ रखकर जैसे कि 10,11,21,51,या कभी-कभी तो 101 श्री महामृत्युंजय यंत्रों को एक साथ रखकर इन सभी, श्री महामृत्युंजय यंत्रों के लिए संयुक्त रूप से केवल एक ही बार 11,000 श्री महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करने से इन सभी यंत्रों में उर्जा का संग्रह हो जाएगा।

श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान करने में 2 से 7 दिन तक का लगता है समय

बहुत सारे ब्राहमण तो इसी प्रकार से श्री महामृत्युंजय यंत्रों तथा अन्य यंत्रों को बनाते भी हैं। किन्तु यह धारणा प्रभावशाली नहीं है। इस प्रक्रिया के माध्यम से अनेकों श्री महामृत्युंजय यंत्रों को एक साथ बनाना इन श्री महामृत्युंजय यंत्रों को खरीदने वाले जातकों के साथ धोखा तथा अन्याय भी है। क्योंकि किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र को उचित रूप से उर्जा प्रदान करने के लिए इस यंत्र को किसी जातक विशेष के लिए उसके नाम से संकल्पित करके अकेले ही बनाना अति आवश्यक है।  यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसके अनुसार केवल एक श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान करने में 2 से 7 दिन तक का समय लग सकता है। जिसके चलते बहुत से श्री महामृत्युंजय यंत्र विक्रेता तथा ब्राह्मण इस प्रक्रिया की अपेक्षा कर देते हैं और एक साथ ही सैंकड़ों कभी-कभी तो श्री महामृत्युंजय यंत्रों को बिना किसी व्यक्ति विशेष के लिए संकल्पित किए, उर्जा प्रदान करने की कोशिश करते हैं। किन्तु एक ऐसे श्री महामृत्युंजय यंत्र की, जिसे किसी व्यक्ति विशेष के लिए संकल्पित करके अकेले ही यंत्र को उर्जा प्रदान की गई हो। किसी ऐसे श्री महामृत्युंजय यंत्र के साथ बिल्कुल भी तुलना नहीं की जा सकती जिसे सैंकड़ों अन्य श्री महामृत्युंजय यंत्रों के साथ बिना किसी विशेष संकल्प के उर्जा प्रदान करने की चेष्टा की गई हो क्योंकि इनमें से

 ज्योतिषि के परामर्श के अनुसार अपने घर में पूजा के स्थान पर रखें

 प्रथम श्रेणी का श्री महामृत्युंजय यंत्र विधिवत बनाया गया तथा उत्तम फल प्रदान करने में सक्षम है । जबकि दूसरे यंत्र को उचित विधि से नहीं बनाया गया है एवं बहुत से अन्य श्री महामृत्युंजय यंत्रो के साथ होने के कारण इस यंत्र के हिस्से में संभवतया केवल 100 या इससे भी कम श्री महामृत्युंजय मंत्रों की उर्जा आई होगी जिसके चलते ऐसा यंत्र किसी भी जातक को कोई विशेष फल देने में सक्षम नहीं होता।  उर्जा प्रदान करने के अतिरिक्त प्रत्येक श्री महामृत्युंजय यंत्र को विशिष्ट वैदिक विधियों के माध्यम से शुद्धिकरण, किसी व्यक्ति विशेष को ही अपने शुभ फल प्रदान करने की क्षमता प्रदान करने वाली प्रक्रिया से भी निकाला जाता है। अंत में इन विधियों के द्वारा बनाए गए श्री महामृत्युंजय यंत्र को विशिष्ट वैदिक विधियों के माध्यम से सक्रिय कर दिया जाता है जिससे यह यंत्र अपने फल देने में सक्षम हो जाता है। इसलिए अपने लिए श्री महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करने से पहले सदा यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा स्थापित किया जाने वाला श्री महामृत्युंजय यंत्र उपरोक्त सभी प्रक्रियों में से निकलने के बाद विधिवत केवल आपके लिए ही बनाया गया है। विधिवत बनाया गया श्री महामृत्युंजय यंत्र प्राप्त करने के पश्चात आपको इसे अपने ज्योतिषि के परामर्श के अनुसार अपने घर में पूजा के स्थान में अपने बटुए में या अपने गले में धारण करना होता है। उत्तम फल की प्राप्ति के लिए श्री महामृत्युंजय यंत्र को सावन सोमवार वाले दिन स्थापित करना चाहिए तथा घर में स्थापित करने की स्थिति में इसे पूजा के स्थान में स्थापित करना चाहिए।इसके अतिरिक्त आप अपने श्री महामृत्युंजय यंत्र को सोमवार के दिन ही अपने ज्योतिष के परामर्श अनुसार अपने बटुए में,या अपने गले में भी धारण कर सकते हैं।  श्री महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना के दिन नहाने के पश्चात अपने यंत्र को सामने रखकर 11 या 21 बार श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और इसके तत्पश्चात अपने श्री महामृत्युंजय यंत्र पर थोड़े से गंगाजल अथवा कच्चे दूध के छींटे दें।

 यंत्र की करनी होती है नियमित रूप से पूजा

श्री महामृत्युंजय भगवान शिव के इस यंत्र के माध्यम से अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करने की प्रार्थना करें, इसके बाद इस यंत्र को इसके लिए निश्चित किये गये स्थान पर स्थापित कर दें। आपका श्री महामृत्युंजय यंत्र अब स्थापित हो चुका है।  इस यंत्र से निरंतर शुभ फल प्राप्त करते रहने के लिए आपको इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा करनी होती है।  प्रतिदिन स्नान करने के बाद अपने श्री महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना वाले स्थान पर जाएं और इस यंत्र को नमन करके 11 या 21 बार श्री महामृत्युंजय बीज मंत्रों के उच्चारण के बाद अपने इच्छित फल इस यंत्र से मांगें। और आपने अपने श्री महामृत्युंजय यंत्र को अपने बटुए अथवा गले में धारण किया है तो स्नान के बाद इसे अपने हाथ में लें और उसी विधि से इसका पूजन करें फिर अपनी मनसा मन ही मन प्रगट करें।  अपने पास स्थापित किए गये श्री महामृत्युंजय यंत्र की नियमित रूप से पूजा करने से आपके और आपके श्री महामृत्युंजय यंत्र के मध्य एक शक्तिशाली संबंध स्थापित हो जाता है जिसके कारण यह यंत्र आपको और आपके परिवार को भविष्य में आने वाले या आ चुके अनेक प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। और अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने के लिए आपको प्रेरित होता है।

 इनपुट सोर्स : ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद, विनोद सोनी पोद्दार, भोपाल सिटी।