पीएम मोदी ने कहा - विपक्ष जिस सरकारी कंपनी को गाली दे, उस पर दांव लगा दीजिए

पीएम ने लोकसभा में कहा कि मेरा पक्का विश्वास हो गया है कि विपक्ष के लोगों को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है। ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला होगा। ये लोग जिसको गाली देते हैं उसका भला होता है उस पर दांव लगा दो...

पीएम मोदी ने कहा - विपक्ष जिस सरकारी कंपनी को गाली दे, उस पर दांव लगा दीजिए

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग ऐसा क्यों करते हैं और क्यों होता है, आज मैं सदन में इसका सीक्रेट बताना चाहता हूं। मेरा पक्का विश्वास हो गया है कि विपक्ष के लोगों को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है। ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला होगा। इसका तो उदाहरण मौजूद है। 20 साल हो गए, क्या कुछ नहीं कहा, लेकिन भला ही होता गया। मैं तीन उदाहरण बताता हूं।  इन लोगों ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर तबाह हो जाएगा, देश बर्बाद हो जाएगा। न जाने क्या-क्या कहा। बड़े-बड़े विद्वानों को विदेशों से ले आते थे। अफवाह का काम पुरजोर तरीके से किया। हमारी सार्वजनिक बैंकों का नेट प्रॉफिट दोगुने से ज्यादा हो गया। एनपीए को पार कर हम नई ताकत के साथ निकल चुके हैं। 

बैंकिंग सेक्टर की हालत पर विपक्ष ने क्यों उठाए थे सवाल?

मोदी सरकार के दौरान बैंकों की माली हालत बिगाड़ने का आरोप लगातार विपक्ष ने सरकार को गई बार घेरा था। एबीजी शिपयार्ड कंपनी द्वारा 22 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाए थे। सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि सरकार जनता का पैसा लुटाओ, फिर भगाओ की रणनीति पर काम कर रही है। इसी के तहत बैंकों में लगातार घोटाले हो रहे हैं और आरोपी देश छोड़कर विदेश भाग रहे हैं। विजय माल्या और नीरव मोदी के बाद एक और नाम इस सूची में शामिल हो गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा, मोदी काल में अबतक 5,35000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड हो चुके हैं। 75 सालों में जनता के पैसे की ऐसी धांधली कभी नहीं हुई। 

एचएएल का हाल

हमारे डिफेंस के हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी एचएएल को लेकर कितनी भली-बुरी बातें इन्होंने कीं। क्या कुछ नहीं कहा गया। दुनिया में इसका नुकसान करने वाली भाषा का प्रयोग किया गया। एचएएल तबाह हो गया है, खत्म हो गया है। जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है... मालूम है ना... वैसा ही उस समय एचएएल फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा करके वीडियो शूट करवाया गया था। वहां के कामगारों को भड़काया गया कि तुम्हारे बच्चे भूखे मरेंगे। देश की महत्वपूर्ण संस्था के लिए इतना बुरा कहा कि सीक्रेट काम कर गया। आज एचएएल सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है। अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व कमाया है। इनके जी भरकर लगाए गए गंभीर बावजूद भी ऐसा हुआ है।

क्या है एचएएल पर विवाद?

कांग्रेस पार्टी खासकर उनके नेता राहुल गांधी ने सरकार को राफेल डील से एचएएल को जानबूझकर बाहर करने का आरोप लगाया था। बीते दिनों केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था, "राहुल गांधी ने एचएएल की आलोचना की थी और सरकार पर कटाक्ष करने और लोगों को विचलित करने और गुमराह करने के लिए झूठ का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि एचएएल एक ऐसी कंपनी है जो बीमार होने जा रही है।" राफेल सौदे पर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि  एनडीए सरकार हर विमान को करीब 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है। वहीं यूपीए सरकार 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की कीमत पर 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर रही थी। राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री ने ऑफसेट पार्टनर के रूप में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की एक कंपनी का चयन करने के लिए फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन को मजबूर किया था, ताकि उसे लाभ पहुंचाया जा सके। कांग्रेस ने राफेल डील से एचएएल को जानबूझकर बाहर करने का आरोप लगाया था।

एलआईसी की माली हालत

LIC के लिए कहा गया कि ये डूब रहा है, गरीब का पैसा कहां जाएगा। दरबारियों ने जितने कागज पकड़ाए, सारे बोल देते थे। आज LIC लगातार मजबूत हो रही है। शेयर बाजार में काम करने वालों के लिए मंत्र है कि जो सरकारी कंपनियों को ये लोग गाली दें, उस पर दांव लगा दीजिए, अच्छा ही हो जाएगा। ये जैसे देश को, लोकतंत्र को कोसते हैं, वैसे ही देश-लोकतंत्र मजबूत होने वाला है।

एलआईसी पर विपक्ष ने क्यों उठाए थे सवाल?

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर आरोप लगाए जाने के बाद विपक्ष ने समूह की कंपनियों में एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाए थे। उससे पहले भी एलआईसी में विनिवेश का विरोधी करते हुए कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरा था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि एलआईसी में एक गरीब किसान काफी मशक्कत से पैसा जमा करता है और सरकार उस पैसे का असुरक्षित इस्तेमाल कर रही है। बिना सोचे-समझे उसका निवेश किया जा रहा है।