पाकिस्तान पर दोहरी मार, विकराल बाढ़ से फैल सकती हैं गंभीर बीमारियां, WHO ने दी चेतावनी

पाकिस्तान पर दोहरी मार, विकराल बाढ़ से फैल सकती हैं गंभीर बीमारियां, WHO ने दी चेतावनी

नई दिल्ली। पाकिस्तान इन दिनों आई विकराल बाढ़ के कारण बुरी तरह मुसीबत में घिर चुका है। बाढ़ की वजह से बढ़ी महंगाई और बढ़ती बीमारियों ने पाकिस्तान के लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान में आई विकराल बाढ़ के बाद गंभीर बीमारियां इस देश में फैल सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर पाकिस्तान में जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा और इससे हैजा और अन्य बीमारियां हो सकती हैं।

सिंध प्रांत में खास सावधानी की सलाह, बढ़ सकता है मलेरिया, डेंगू

डब्ल्यूएचओ ने पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों और खासकर सबसे बुरी तरह प्रभावित सिंध प्रांत के लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है। टेड्रोस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ठहरा हुआ पानी मच्छरों के पनपने का कारण बन सकता है। जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।

पाकिस्तान में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 1545 पहुंची

पाकिस्तान में बारिश और बाढ़ के कहर से मरने वाले कुल लोगों की संख्या 1545 पहुंच गई है। हालांकि यह सिर्फ सरकारी आंकड़े हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पाकिस्तान में इससे तीन.चार गुना अधिक लोगों की जान जा चुकी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ‘एनडीएमए‘ ने कहा है कि पाकिस्तान में जून के मध्य से मानसूनी बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1545 हो गई है, जबकि 12860 लोग घायल हो गए हैं। एनडीएमए की ओर से शनिवार शाम जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अलग.अलग बारिश या बाढ़ से संबंधित हादसों में जान गंवाने वालों में 552 बच्चे और 315 महिलाएं शामिल हैं।

सिंध प्रांत में हुई सबसे अधिक मौतें

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एनडीएमए के हवाले से बताया गया कि सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, जहां 678 लोगों की बाढ़ के कहर से जान जा चुकी है। इसके बाद उत्तर पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा और दक्षिण.पश्चिम बलूचिस्तान प्रांतों में क्रमशः 306 और 299 लोगों की मौत हुई है। इनके अलावा, 9,43,909 पशुओं को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है।