अब डीजल से नहीं ठंडे पानी की फॉगिंग से मरेंगे मच्छर, लखनऊ में होगा पहला प्रयोग

अब डीजल से नहीं ठंडे पानी की फॉगिंग से मरेंगे मच्छर, लखनऊ में होगा पहला प्रयोग

लखनऊ। मच्छरों के खिलाफ लखनऊ में पहली बार शीत युद्ध छिड़ने जा रहा है। अब थर्मल फॉगिंग के बजाय कोल्ड फॉगिंग की जाएगी। थर्मल विधि में डीजल में कीटनाशक मिलाकर फॉगिंग की जाती थी, जबकि कोल्ड फॉगिंग में पानी में कीटनाशक मिलाकर स्प्रे किया जाएगा। अभी नगर निगम फॉगिंग पर सालाना करीब 8-10 करोड़ रुपये खर्च करता है, इसमें 5 करोड़ रुपये तो फॉगिंग में काम आने वाले डीजल पर खर्च हो जाते हैं। पर, पानी में कीटनाशक मिलाए जाने से न केवल डीजल का पैसा बचेगा, प्रदूषण भी कम होगा। कोल्ड फॉगिंग के लिए नई खरीदने के बजाय 10 पुरानी मशीनों में तकनीकी बदलाव किए जाएंगे।

मशीन को चलाने के लिए लगता है पेट्रोल

नगर निगम में 45 बड़ी और 110 छोटी फाॅगिंग मशीनें हैं। बड़ी मशीन में दवा के साथ 60 लीटर डीजल खर्च होता है। वहीं, छोटी मशीन में आठ लीटर डीजल खर्च होता है। मशीन को चलाने के लिए पेट्रोल लगता है। थर्मल फॉगिंग मशीन वाहन पर लगी होती है। यानी फॉगिंग के डीजल के साथ ही वाहन के डीजल, मशीन चलाने के लिए पेट्रोल, वाहन चालक और मशीन चलाने वाले के वेतन पर खर्च करना होता है। अप्रैल से फाॅगिंग शुरू होती है और जब तक तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आता, यह प्रक्रिया चलती रहती है। बृहस्पतिवार को एक कंपनी ने कोल्ड फाॅगिंग मशीनों का प्रजेंटेशन भी नगर निगम में किया।

डीजल में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक से सस्ता है डेल्टामैथ्रिन

नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुनील रावत बताते हैं कि अब तक डीजल में मैलाथियान टेक्निकल नामक कीटनाशक मिलाकर फॉगिंग की जाती रही है। बड़ी मशीन में एक बार में 1500 रुपये का मैलाथियान टेक्निकल इस्तेमाल होता है। वहीं, कोल्ड फॉगिंग में डेल्टामैथ्रिन नामक कीटनाशक का इस्तेमाल होगा। बड़ी मशीन में एक बार में 800 रुपये के डेल्टामैथ्रिन से ही काम चल जाएगा। यानी कीटनाशक पर भी खर्च कम होगा।

फायदा यह भी दिन में छेड़ सकेंगे जंग

कोल्ड फॉगिंग दिन में भी की जा सकेगी। थर्मल फॉगिंग में सबसे बड़ी बंदिश यह है कि इसे सूरज ढलने के बाद और सूर्योदय से पहले ही किया जा सकता है। धुआं होने से अक्सर लोग इससे होने वाली समस्याओं को लेकर शिकायत भी करते हैं। कोल्ड फॉगिंग मशीन में प्रेशर से फॉग बनेगा। ऐसे में धुआं जैसा कुछ नहीं होगा। फॉगिंग के अलावा इससे एंटीलार्वा का छिडक़ाव भी कर सकते हैं।

थर्मल फॉगिंग की तरह ही प्रभावी

इसी सप्ताह कोल्ड  फॉगिंग शुरू हो जाएगी। कोल्ड फाॅगिंग में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक का ऑर्डर दिया जा चुका है। सैम्पल के लिए आए कुछ कीटनाशक का ट्रायल भी हो चुका है। दो-तीन दिन में कीटनाशक की सप्लाई मिल जाएगी। इसके बाद कोल्ड फॉगिंग शुरू हो जाएगी। यह थर्मल  फॉगिंग की तरह ही प्रभावी है।

- सुनील रावत, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, लखनऊ।