फ़ेसबुक वाला प्यार

प्यार दुनिया का वो तोफा हैं जिससे जिंदगी हसीन हो जाती हैं ,प्यार होने के बाद एक अलग ही फ़ीलिंग आती हैं। उस वक़्त हम सब कुछ भूल कर बस उस इंसान के बारे में ही सोचते रहते हैं। ऐसी ही एक लव स्टोरी आपको सुनाने जा रहीं हू

फ़ेसबुक वाला प्यार

फीचर्स डेस्क। प्यार दुनिया का वो तोफा हैं जिससे जिंदगी हसीन हो जाती हैं ,प्यार होने के बाद एक अलग ही फ़ीलिंग आती हैं। उस वक़्त हम सब कुछ भूल कर बस उस इंसान के बारे में ही सोचते रहते हैं। ऐसी ही एक लव स्टोरी आपको सुनाने जा रहीं हू मैं :-

जैसे ही तेज हवा का झोंका आया खिड़की के पास पड़ी टेबल के ऊपर रखी डायरी के पन्ने फड़फड़ाने लगे मानो सिमरन कि बेचैनी को बयां कर रहे थे एकाएक उसकी डायरी में से सालों से सहेज कर रखे हुए गुलाब के सूखे फूल की पंखुड़ियां पूरे कमरे में बिखर गई। आज सिमरन का मन भी ऐसे ही बिखरा बिखरा रोंवा रोंवा सा था ।

जैसे ही बारिश शुरू हुई सिमरन उठकर बालकनी में आ गई बारिश के पानी के छींटे जब सिमरन के चेहरे पर पड़े तो आंखों का पानी और बारिश का पानी आपस में घुलमिल सा गया । सिमरन के दिल की गहराइयों में राज की परछाइयां तैरने लगी । धुंधली आंखों से देखने की कोशिश की तो राज का वही लुभावना चेहरा उसकी आंखों के सामने आ गया ।

इसी चेहरे को तो देख कर वह इस पर मर मिटी थी ।

एक दिन अचानक फेसबुक पर स्क्रोल करते हुए सिमरन के हाथ राज की लुभावनी तस्वीरों को देखकर वहीं रुक गए थे। प्रोफाइल खोली तो राज की लुभावनी तस्वीरें मन को मोह रही थी। सिमरन ने झट से हाथ बढ़ाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेज दी । कुछ ही पलों में राज ने वो रिक्वेस्ट एक्सेप्ट भी कर ली कुछ ही पलों में मैसेंजर में राज ने मैसेज भी भेज दिया।

मैसेंजर का सिलसिला जब चला तो फिर दोनो ने एक दूसरे को अपने फोन नंबर भी दे दिए। बातों का ऐसा दौर चला कि जिससे दोनो एक दूसरे को काफी हद तक जान चुके थे। ऐसा सिमरन का मानना था। एक बार बात शुरू होती तो बातों का सिलसिला रुकता ही नहीं था ज्यादातर बातें सिमरन ही करती और उसकी तरफ से हां हूं का ही जवाब आता ।

सिमरन राज की फेसबुक स्टोरी और स्टेटस को देख कर प्रभावित हो जाती। सिमरन उसके आकर्षण में ऐसी बंधी हुई थी कि राज की तरफ खींचती चली गई फिर जब राज ने एक दिन सिमरन को यह बताया वह उसके शहर में किसी काम से आ रहा है और सिमरन से मिलेगा भी । यह सुनकर सिमरन का मन मयूर खुशी से नाच उठा और मिलने के लिए उस का मन व्याकुल हो उठा ।

आखिरकार वे दिन भी आ गया नियत समय और स्थान पर जब दोनों मिले तो राज को देख कर सिमरन के सारे उत्साह और उमंग के ऊपर जैसे पानी फिर गया। राज का मुंह पान मसाले से भरा हुआ था अब सिमरन को पता चला कि वह कम क्यों बोलता था। राज के मुंहासे और दानों से भरे चेहरे को देखकर सिमरन का मन पूरी तरह से खिन्न हो चुका था। राज का तो शिष्टाचार से भी दूर तक कोई नाता नहीं था।

बोलते समय जब भी वह मुंह खोलता मन हिकारत से भर उठता। नाटा कद सावंली रंगत और ऊपर  से बेरोजगार कुल मिलाकर एक औसत दर्जे का युवक निकला। उसका फेसबुक स्टेटस बस एक ढोंग था। सिमरन के ख्वाबों का शहजादा फ़िल्टरों का नकाब ओढ़ कर सिमरन को फेसबुक पर मिला था। सिमरन उसकी जानदार शानदार तस्वीरों को देखकर ही उसके ऊपर फिदा हो बैठी थी । मन ही मन उसको अपना सब कुछ मान बैठी थी उसको अपने आप पर गुस्सा, खीझ और रोना भी आ रहा था। भारी कदमों और उदास मन  से घर की और लौट गयी।

पाठकों फिल्टरों के छलावे में आजकल के युवा सोशल मीडिया पर दोहरी जिंदगी बिता रहे हैं। शो बाज़ी के चक्कर में दूसरों को प्रभावित करने का चस्का लग चुका है। नोट : पाठकों सोशल मीडिया से किसी के लिए भी कोई विचारधारा और भावनात्मक संबंध बनाने से बचें । जब तक आप किसी को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते उसके लिए कोई भी राय ना बनाएं।

इनपुट सोर्स : दीपाली वासवानी, कहानीकार, लखनऊ सिटी।