Basant Panchami Special : बसंत पंचमी में करना चाहते है मां सरस्वती को प्रसन्न, तो इन कामों को करने से बचें
बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित है। हम सभी चाहते है कि मां की कृपा हम सभी पर हो। तो अनजाने में हम कुछ ऐसे काम कर बैठते है जो हमें नहीं करने चाहिए। आइए जानते है ऐसे कौन से काम है जो मां सरस्वती को नहीं है पसंद...
फीचर्स डेस्क। हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का बहुत महत्व है। आज का दिन मां सरस्वती को समर्पित है। आज ही के दिन लोग अपने बच्चों की शिक्षा की शुरुवात करते है, पाटी पूजन के द्वारा। बसंत पंचमी का त्यौहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है। आज के दिन से ही धरती पर वातावरण बसंत बहार हो उठता है। चारों ओर हरियाली ही हरियाली। नई नई फसलें लहलहाती है खेतों में। चारों ओर पीली चादर बिछ जाती हो जैसे। पीले ही वस्त्र पहने जाते है। पीले ही पुष्पों से मां सरस्वती का श्रृंगार होता है। पीला ही भोजन बनाया जाता है। बसंत पंचमी बसंत के आगमन का प्रतीक है, ऋतु परिवर्तन का संकेत है।
मां सरस्वती के पूजन से लाभ
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां का पूजन किया जाता है। उन्हें पीले रंग के पुष्प अर्पित किए जाते है। मां सरस्वती के पूजन से व्यक्ति की बुद्धि और ज्ञान में प्रखरता आती है। पूरी श्रद्धा भक्ति से जो इस दिन सरस्वती मां का पूजन करता है उस पर मां की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है।इस दिन को अबूझ सावा कहा जाता है यानि कि इस दिन आप कोई भी शुभ काम कर सकते है बिना किसी मुहूर्त की चिंता किए। क्योंकि इस दिन सभी ग्रह गोचर अपनी शुभ दिशा में होते है। सभी तरह के कार्यों के लिए ये दिन उपयुक्त माना जाता है। बस ध्यान रखें कि इस दिन कुछ कार्यों को करने से बचें।
पक्के रंग के कपड़े न पहनें
पक्का रंग यानि कि नीला, काला, मेंहदी रंग, ग्रे रंग ये सब आज के दिन खासकर के न पहनें। सरस्वती मां को पीला रंग बहुत पसंद है। पीले रंग के कपड़े पहन कर ही मां का पूजन करें। इससे मां प्रसन्न होती है।
पेड़, पौधों को न काटें
जी हां आज के दिन पेड़, पौधों की कटाई, छटाई न करें। इससे मां सरस्वती रूष्ट हो जाती है। क्योंकि आज के दिन तो नई फसल खेतों में लहराती है इसलिए आज के दिन पेड़ पौधों को न काटें , न तोड़ें।
मांस मदिरा से बचें
मां सरस्वती के पूजन के दिन मांस, मदिरा या किसी भी तरह के तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। आज के दिन सात्विक भोजन बनाएं और मां सरस्वती को अर्पित करें। और वो ही प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
लहसुन प्याज न खाएं
बेशक आप लहसुन प्याज रोज खाते होंगे। पर आज के दिन सरस्वती मां को बिना प्याज लहसुन का खाना बना कर भोग लगाए। इस दिन घर में भी प्याज लहसुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पीले रंग के सात्विक व्यंजनों का भोग लगाए मां सरस्वती को।
बड़ों का अपमान न करें
वैसे तो किसी भी दिन बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। हमारे घर के बड़े बुजुर्ग ईश्वर का ही रूप होते है। हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए। उनकी बातों को मानना चाहिए। आज के दिन बड़ों का अपमान या निरादर करने से सरस्वती मां रूष्ट हो जाती है।
ऐसे करें मां सरस्वती का पूजन
ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थी। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा होती है। आज के दिन सभी मांगलिक कार्य होते है। जैसे ग्रह प्रवेश, शादी, दुकान का मुहूर्त, जनेऊ या अन्य धर्म कार्य। आज के सुबह से स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें। पीले ही पुष्प अर्पित करें मां सरस्वती को और पीले ही वस्त्र पहनाएं। पीले मीठे चावल मां सरस्वती को बेहद प्रिय है। इस दिन मां को पीले रंग के व्यंजनों का भोग लगाएं। सरस्वती देवी के सामने किताब कलम को रखें और उनकी पूजा करें। इससे आपकी बुद्धि तेज होगी।
आज के दिन इन सभी बातों का ध्यान रखें। मां सरस्वती की आप पर जरूर कृपा होगी।
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