ज्योतिषशास्त्र : 21 अप्रैल से वृहस्पति बदलेंगे अपनी चाल, राशियों पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव

प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. विमल जैन ने बताया कि वृहस्पति ग्रह के राशि परिवर्तन से ग्रह योगों के फलस्वरूप विश्व पटल पर अनेक घटनाएं सामने आयेंगी। सता पक्ष और विपक्ष में राजनैतिक दलों की आपसी खींचातानी...

ज्योतिषशास्त्र : 21 अप्रैल से वृहस्पति बदलेंगे अपनी चाल, राशियों पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव

फीचर्स डेस्क। गुरु ग्रह 21 अप्रैल शुक्रवार को देर रात्रि 5.13 मिनट पर अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेंगे। अश्विनी नक्षत्र का प्रथम चरण होने से वृहस्पति ग्रह मेष राशि में प्रवेश कर जायेंगे। जो कि 30 अप्रैल 2024 तक इसी राशि में रहेंगे। तत्पश्चात एक मई 2024 को कृतिका नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश कर जायेंगे जो कि वृष राशि में इसी दिन से रहना प्रारंभ कर देंगे। वृहस्पति ग्रह के राशि परिवर्तन से द्वादश राशियों पर भी व्यापक असर पड़ेगा। प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. विमल जैन ने बताया कि वृहस्पति ग्रह के राशि परिवर्तन से ग्रह योगों के फलस्वरूप विश्व पटल पर अनेक घटनाएं सामने आयेंगी। सता पक्ष और विपक्ष में राजनैतिक दलों की आपसी खींचातानी, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप, जनमानस में किसी विशेष मुद्दे को लेकर जन आक्रोश, सत्ता परिवर्तन व मंत्री मंडल में बदलाव की स्थिति बनेगी।

शेयर  व मुद्रा बाजार में होगा उतार चढ़ाव

ज्योतिषी पं. विमल जैन के मुताबिक वृहस्पति ग्रह के राशि परिवर्तन से शेयर वायदा व मुद्रा व धातु बाजार में विशेष उतार-चढ़ाव रहेगा। वित्तीय अर्थ व्यवस्था में अनिश्चता, दैवीय प्राकृतिक आपदाएं, रेल, वायुयान, जल परिवहन, तथा सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहेगी। मौसम में अजीबोगरीब परिवर्तन के फलस्वरूप आंधी, तूफान, वर्षा व बाढ़ से जन-धन की हानि भी संभव है। व्यक्ति विशेष की सेवा से वंचित होना पड़ सकता है। देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बना रहेगा। जनमानस मूल्य वृद्धियों व महंगाई से आक्रोशित रहेगा। धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों पर सत्ता पक्ष को नये सिरे से चिंतन मनन करना पड़ेगा। भारतवर्ष की राशि मकर होने से वृहस्पति ग्रह चौथे घर में हो जायेंगे। इससे विशेष अनहोनी अप्रत्याशित घटनाएं घटित होगी। नई राजनीतिक पार्टियों भी बनेगी। पुरातन पार्टियों की शाख पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। राजनीतिक दलों में विषमता बनी रहेगी।  देश विदेश की नीति भी प्रभावित होगी। कई जगह सत्ता परिवर्तन होना भी संभव है।

द्वादश राशियों पर पड़ेगा असर

वृहस्पति ग्रह के मीन से मेष राशि में आने पर द्वादश राशियों पर भी प्रभाव पड़ेगा।

मेष- कार्य व्यवसाय में लाभ, मान-सम्मान में वृद्धि, नवीन उपलब्धि का भी सुयोग।

वृषभ- सफलता में बाधा, स्वास्थ्य में शिथिलता, व्यय की अधिकता, कर्ज की अधिकता।

मिथुन- नवयोजना कार्यान्वित, आरोग्य में सुख, नूतन पुरातन योजना प्रगति पर, आय के नवीन स्त्रोत।

कर्क- आर्थिक व्यवसायिक प्रगति का सुयोग, परिवार में मांगलिक कृत्य, नौकरी में पदोन्नति, संतान पक्ष से उत्कर्ष।

सिंह- कार्य क्षमता में अनुकूलता, किसी विवाद का समापन, निजी इच्छा की पूर्ति का प्रयास, नव संपर्क लाभदायी, परिवार में हर्ष।

कन्या- कार्यों के प्रति उदासीनता, योजना अधूरी, शारीरिक मानसिक कष्ट, जोखिम से धन हानि, शंका-कुशंका प्रभावी।

तुला- कार्य योजना में सफलता, धर्म अध्यात्म में रूचि, राजनैतिक लाभ, भाग्य उन्नति के नवीन आयाम।

वृच्छिक- परिस्थितियां प्रतिकूल, योजना अधूरी, वाद-विवाद से कष्ट, मान सम्मान में कमी। व्यक्ति विशेष से विश्वासघात की आशंका।

धनु- भाग्योदय के नवीन आयाम, कार्य व्यवसाय में प्रगति, स्वास्थ्य में लाभ, प्रेम प्रसंग में अनुकूलता, अध्यात्म में रूचि।

मकर- भौतिक सुख में कमी, कार्यों में निराशा, पारिवारिक उलझनें, आत्मबल में कमी, शत्रु प्रभावी, स्वास्थ्य में शिथिलता।

कुंभ- कार्य व्यवसाय योजना में प्रगति, आर्थिक व्यसायिक लाभ का सुयोग, धर्म-कर्म में रूचि, यात्रा में सफलता।

मीन- समय भाग्य के पक्ष में, आकस्मिक लाभ, आनंद की अनुभूति, घरेलू वातावरण सुखद।

वृहस्पति ग्रह को कैसे करें प्रसन्न

वृहस्पति ग्रह की अनुकूलता के लिए अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना के साथ ही वृहस्पति ग्रह की आराधना करें। वृहस्पति ग्रह के मंत्र का जप करें। वृहस्पतिवार को पीले रंग की वस्तुओं का दान करें। पीले रंग की वस्तुओं में पीला वसत्र, चने की दाल, धार्मिक ग्रंथ, सोना (स्वर्ण), हल्दी, केसर, पीली मिठाई आदि आदि दक्षिणा के साथ किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए। वृहस्पतिवार को व्रत भी रखना चाहिए। वृहस्पति का रत्न पीला पुखराज या उपरत्न पीला टोपाज है। इसको दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में विधि विधान पूर्वक पहनने से लाभ होगा।