Women's Day Special: ...झाँसी की निकिता सिंह ने लखनऊ में रहकर समाज सेवा को बनाया जीवन जीने का तरीका

छोटी सी उम्र में निकिता सिंह ने बड़े बड़े काम किये हैं, वो भी शुद्ध सेवा भाव से परिपूर्ण , आइये जाने इनके बारे में ...

Women's Day Special: ...झाँसी की निकिता सिंह ने लखनऊ में रहकर समाज सेवा को बनाया जीवन जीने का तरीका

फीचर्स डेस्क। अपने लिए तो सब जीते हैं पर जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी पा लेते हैं वो अपने जीवन को सार्थक कर जाते हैं।  उन्ही में से है एक निकिता सिंह गौर जिन्होंने बहुत ही कम उम्र और कम समय में अपनी जीवन में इस मुकाम को हासिल किया है।आइये जानते हैं उनकी जर्नी और आगे के प्लान्स उन्ही की जुबानी  
पृष्ठभूमि

निकिता सिंह गौर का जन्म झाँसी उत्तर प्रदेश में हुआ था। ये बचपन से ही संवेदनशील और प्रखर थी। बचपन से ही नितिका स्कूल में हर चीज़ में प्रथम स्थान पर रही है ,और स्कूल मे क्रिया प्रतिकिर्या में बढ़ चढ़ कर भाग भी लेती थी, और बहुत सारे सर्टिफिकेट और मेडल भी जीते। नितिका अपने घर में सबसे छोटी है और सबकी चहेती भी। वो सबसे ज्यादा अपने पिता के करीब रही है और माँ का गौरव हैं।

पिता के आदर्शो को अपनाया

नितिका ने अपने पिताजी को शुरू से ही लोगों की मदद करते देखा। जिस से उनके अंदर भी लोगो को मदद करने की और देश के लिए कुछ करने की चाह उपजी।नितिका का मानना है अगर आप देश के लिए या देश के लोगों के लिए कुछ भी करना चाहते है तो पहले उदहारण प्रस्तुत करिये“खुद वो बदलाब बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते है"

शिक्षा का महत्व समझा और समझाया

निकिता ने अपनी होनी आगे की शिक्षा लखनऊ में पूरी की और शिक्षण को ही अपना करियर बनाया। शिक्षा के महत्व को समझते हुए इन्होने आस पास के स्लम एरिया में बच्चों को निशुक्ल पढ़ना शुरू किया। यहाँ से ही धीरे धीरे  मजबूत हुई समाज सेवा की शुरवात। 

द हुनर फाउंडेशन की शुरुवात

धीरे धीरे नितिका के साथ और भी लोग लखनऊ में जुड़ते गए और एक टीम बनाकर एक संस्था की शुरुवात की जिसका नाम “द हुनर फाउंडेशन' 'रखा !!इसके साथ साथ नितिका और उनकी टीम में गरीब महिलाओं की निशुल्क सेनेटरी नैपकिन्स बाटना और महिलाओं की पीरियड्स को लेकर जागरूक करना शुरू किया और स्कूल और विद्यालओं में जाकर बहुत सारे अवरेनेस प्रोग्राम भी आयोजित किये। समय समय पैर हुनर फाउंडेशन और नितिका जी ने कई अवार्ड्स भी जीते।

फोकस हर लाइफ - बचपन का कोई इंसिडेंट जो आप के दिल  के बहुत करीब हो ?

नितिका सिंह गौर - बचपन की सारे यादें बहुत ही स्पेशल होती है लेकिन मेरी लाइफ के सबसे अच्छे और दिल छूने वाले पल मेरे फादर से जुड़े है क्यूंकि आज में जो भी हूँ उन्ही के वजह से हूँ। एक बार उन्होंने मुझसे कहा था सर पर मेरे हाँथ फेरते हुए के beta  तुम वो करना जो तुम करना चाहती हो ,वो नहीं जो ये समाज चाहता है, तुम पैसा भले न कामना पर सुकून जरूरी कामना ,तुम खुद के शौक भले बाद में पुरे कर लेना पर जब भी दूसरों को मदद चाइये हो तो सबसे पहले खड़े होना भले वो आपके सुख दुःख में आपके साथ न हो, माँ की गौरव और पिता की सम्मान बनना बस वही सीख याद रखी और आज यंहा तक का सफर तय किया।

फोकस हर लाइफ - स्लम एरिया में सेनेटरी नैप्किन्स बाटने का ख्याल कैसे आया ?

नितिका सिंह गौर - हम लखनऊ में स्लम एरियाज में बच्चों को निशुल शिक्षा देने के लिए जाया करते थे तो वंहा पर कुछ गर्ल्स थी जिनके पीरियड्स कुछ टाइम पहले ही शुरू हुए थे तो पीरियड्स के टाइम पर वो लोग क्लास के लिए नहीं आती थी। ३-४ दिन जब मेने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया के उन्हें दर्द होता है और कपडा use करने के वजह से बार बार चेंज करना पड़ता है और डर भी लगा रहता है की कंही कपडे ना ख़राब हो जाए क्यूंकि वो लोग सेनेटरी पैड्स अफ़्फोर्ड नहीं  कर सकते थे। तभी से मेने जितने भी हमारे आस पास स्लम एरियाज थे वंहा फ्री ऑफ़ कॉस्ट सेनेटरी पैड्स बाँटना शुरू किआ और उन्हें  मेंसुरेशन को लेकर शिक्षित करना भी शुरू किया। बहुत सारे पीरियड्स को लेकर कम्पैन भी किये ताकि इसे लेकर जो लोगों के मिथ है वो दूर हो सके!!

फोकस हर लाइफ - कोरोना काल में मास्क बैंक का काम कितना चल्लेंजिंग रहा ?

नितिका सिंह गौर - जब कोरोना पंडेमिक चल रहा था तो मास्क पहनना बहुत जरुरी था तो हमारे घर के पास पास डेली वेंडर वाले सब्जी वाले दूध वाले कई लोग ऐसे थे जो बिना मास्क आया करते थे और उस टाइम मास्क की मार्किट में काफी कमी हो गई थी और सर्जिकल मास्क बार बार खरीदना सभी के लिए आसान नहीं था तभी मेने घर पर खुद से ही पुन्ह प्रयोग में लाने वाले मास्क बनाना शुरू किया और एक दिन में मेने 500 मास्क बनाए और सभी को बाँटना शुरू किया। जिन्हे भी मास्क की जरूरत थी और इस कार्य को आगे बढ़ने के लिए झाँसी के एस पी राहुल श्रीवास्तव सर के साथ मिलकर हमने पुलिस लाइन में मास्क बैंक खोला जंहा पर में महिला पुलिस को मास्क बनाना सिखाती थी।  इसी मास्क बनाने में फिर मेने 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड और काफी सारे नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड अपने नाम किये।

फोकस हर लाइफ - स्ट्रीट एनिमल्स के लिए भी आप बहुत कुछ कर रही है ये प्रेरणा कहाँ से मिली ?

नितिका सिंह गौर - स्ट्रीट एनिमल्स से मेरा लगाव बचपन से है। इनकी कंडीशन हमारे देश में बहुत खराब है। मै चाहती हूँ लोग स्ट्रीट एनिमल्स अडॉप्ट करे खरीदे नहीं क्यूंकि उन्हें  हमारी ज्यादा जरूरत है। लेकिन कोई भी कार्य करने से पहले उनका बदलाव खुद से ही लाना पड़ता है इसलिए मेने खुद भी 2 स्ट्रीट डॉग्स अडॉप्ट किये है और स्ट्रीट एनिमल्स को लगातार फीडिंग करने भी जाया करती हूँ। मै चाहती हूँ में स्ट्रीट एनिमल्स के लिए एक ओर्फनेज खोलूं जंहा मै  उनकी खुद देख भाल कर सकू। 

फोकस हर लाइफ - अपने बेस्ट अचीवमंटस के बारे में कुछ बताये ?

नितिका सिंह गौर - अचीवमेंट्स तो लाइफ में बहुत है पर सबसे बड़ा अचीवमेंट तब था जब मेरी फॅमिली मेरी माँ ने कहा उन्हें गर्व है मुझे पर। मैंनेअवार्ड ,नाम, जान, पहचान सब कमाई है पर लोगों का दिल भी जीता है।  इसे ही सब से बड़ा  अचीवमंट मानती हु। 

फोकस हर लाइफ - फ्यूचर में किन क्षेत्रों में काम करना चाहेंगी ?

नितिका सिंह गौर - अभी भी हम काफी सारे मुद्दों पर कार्य कर रहे है और आगे हम प्रदूषण कंज़र्वेशन ,महिला शशक्तिकरण, स्ट्रीट एनिमल एडॉप्शन ,सेक्स एजुकेशन, सरकारी स्कूल की शिक्षा प्रणाली को बढ़ाने का ,इसके अलावा जो भी मौका मिलेगा अपने देश के लिए योगदान देने का उसमे अपना पूरा योगदान दूंगी!!

फोकस हर लाइफ - महिला दिवस पर साथी महिलाओं को क्या सन्देश देना चाहेंगी ?

नितिका सिंह गौर - महिला दिवस में शुभ अवसर पर आप सभी को मेरी तरफ से बहुत बहुत शुभकामनाएं महिला को शक्ति का नाम दिया गया  है तो आप सभी अपनी शक्तियों को पहचाने और कुछ ऐसा करे जो एक अगली महिला के लिए आप उदहारण बन सके क्यूंकि

" ममता साहस शक्ति सारी ,प्रेम का प्रतीक है हमारी नारी !!

निकिता जी फोकस हर लाइफ से बात करने के लिए आप का बहुत बहुत ध्यानवाद ,आप नित नए कीर्तिमान गढ़ती रहे। 

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें और हमारी विमेंस डे स्पेशल सीरीज "वीमेन की बात फोकस के साथ" जुडी रहे ऐसे ही इन्स्पिरिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए https://www.focusherlife.com/index.html के साथ