सगाई में क्यों पहनाई जाती है एक दूसरे को रिंग,आइए जानते है सगाई से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

सगाई यानि कि रिंग सेरेमनी। इस रस्म में लड़का और लड़की एक दूसरे को रिंग पहनाते है। कभी आपने सोचा है कि इस रस्म के पीछे क्या रोचक बात छुपी हुई है? यदि नहीं जानते तो पढ़ें ये आर्टिकल…

सगाई में क्यों पहनाई जाती है एक दूसरे को रिंग,आइए जानते है सगाई से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

फीचर्स डेस्क। शादी का बंधन सबसे पवित्र होता है। दो दिल एक दूसरे के लिए धड़कते है। दो लोग आत्मा से एक दूसरे के हो जाते है। शादी की हर एक रस्म के पीछे एक कारण होता है। ये रस्में हमें एक दूसरे के करीब लाती है। ये सिर्फ एक रस्म नहीं होती ये होती है एक जज़्बात तो हर एक रस्म के साथ और भी गहरा होता जाता है। ऐसी ही जज्बातों से भरी एक रस्म है सगाई। इस रस्म के बाद से ही लड़का लड़की एक दूसरे के ज्यादा करीब आने लगते है। रिंग सेरेमनी का मतलब ही ये है कि अब इस रिश्ते पर पक्की मोहर लग चुकी है। पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि सगाई में अंगूठी सिर्फ रिंग फिंगर में ही क्यों पहनाई जाती है? इसके पीछे जुड़ा धार्मिक महत्व हम आपको बताएंगे और ये भी आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि कैसे हुई शुरुवात एक दूसरे को अंगूठी पहनाने की तो पूरा आर्टिकल पढ़ें जरूर।

इस रस्म की कब और किसने की शुरुवात

दुल्हन को अंगूठी पहनाने की प्रथा रोमन रीति रिवाजों से ली गई है। बस उस समय अंतर सिर्फ इतना था कि उनकी अंगूठी चाबियों का गुच्छा टाइप होती थी, जो उनकी स्वामित्व को दिखाती थी। 

अंगूठी बिना अधूरा है सोलह श्रृंगार

एक स्त्री सोलह श्रृंगार करके ही खूबसूरत लगती है और सोलह श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है अंगूठी। अंगूठी पति पत्नी के प्रेम का प्रतीक है। एक दूसरे से जो वादे किए होते है पति पत्नी ने उनको निभाने की याद दिलाती है ये अंगूठी।इसलिए हर औरत तो अंगूठी जरूर पहननी चाहिए।

रिंग फिंगर में ही क्यों पहनते है रिंग

रिंग सेरेमनी इसलिए होती है ताकि दो लोग एक दूसरे के साथ दिल से एक हो जाए। रिंग फिंगर में इसलिए रिंग पहनाते है क्योंकि रिंग फिंगर की जो नस होती है वो हमारे दिल से कनेक्ट होती है। तभी तो शादी दिल से दिल का रिश्ता कहलाता है।

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रिंग हमेशा गोल ही क्यों होती है

इस बात पर शायद ही कभी किसी ने गौर किया होगा कि रिंग हमेशा राउंड शेप ही क्यों होती है? इसके पीछे का लॉजिक ये है कि राउंड शेप का न तो कोई आरंभ होता है न ही अंत। इसलिए शादी में जब दो लोगों का संबंध किया जाता है तो माना जाता है कि ये रिश्ता सात जन्मों का हो गया। इनका रिश्ता गहरा बना रहे। इनके प्यार का कभी कोई अंत न हो। अनंत तक इनका प्यार यूं ही बना रहे। इसलिए अंगूठी हमेशा गोल ही होती है।

कोई भी रिश्ता हो उसे निभाने के लिए प्रेम और समर्पण बहुत जरूरी है। ये अंगूठी प्रेम और समर्पण का ही प्रतीक है। इसीलिए शादी से पहले रिंग सेरेमनी की रस्म होती है। तो अब आप भी अपने रिश्ते को और गहरा कीजिए एक रिंग के साथ। और इस बार जब आप रिंग पहनाएंगे तो इसके पीछे का कारण भी आप जान जायेंगे जिससे आपका संबंध होगा और भी मजबूत।

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