वाराणसी कोर्ट का आदेश : ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाना में नियमित होगा पूजा पाठ, हिंदू पक्ष की बड़ी जीत

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यासजी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं। पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा...

वाराणसी कोर्ट का आदेश : ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाना में नियमित होगा पूजा पाठ, हिंदू पक्ष की बड़ी जीत

वाराणसी/प्रयागराज। ज्ञानवापी ढांचे के वजूखाने मामले में बुधवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को नोटिस जारी किया है। दरअसल, हिंदू पक्ष जिसे महीनों से शिवलिंग बताता आ रहा है, उसे मुस्लिम पक्ष ने उसे वजूखाने का हिस्सा बताया है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस भेजकर इसी पर जवाब मांगा है।

दूसरी ओर, ज्ञानवापी मामले हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है। 30 साल बाद अदालत ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। व्यासजी का तहखाना वर्ष 1993 से तत्कालीन मुलायम सरकार के मौखिक आदेश पर वर्ष 1993 से बंद था। ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी तहखाना मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला जज डॉ० अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने पूजा पाठ राग भोग करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि व्यासजी के तहखाने में वादी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से पुजारी नियुक्त कर पूजा कराए। साथ ही तहखाने में लगे लोहे की बैरिकेडिंग हटाकर रास्ता देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। वादी शैलेंद्र व्यास के मुताबिक, उनके नाना सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में नियमित पूजा पाठ करता था। वर्ष 1993 से इस तहखाने में पूजा पाठ बंद हो गई थी।

वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पास है। इसलिए तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ ही दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए। अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर 24 जनवरी को तहखाना डीएम की ओर से कब्जे में ले लिया गया है। कोर्ट ने कहा कि वाराणसी के डीएम 7 दिन के अंदर पुजारी नियुक्त करेंगे, जिसके बाद व्यास परिवार पूजा-पाठ शुरू कर सकता है।

इस वजह से बंद हुआ था व्यासजी का तहखाना

ज्ञानवापी स्थित नंदी के मुख के सामने दक्षिणी दीवार के पास मौजूद तहखाने में वर्ष 1551 से व्यास पीठ स्थापित रहा। इसी व्यास पीठ से मां श्रृंगार गौरी की पूजा, भोग, आरती की जाती रही। वर्ष 1993 में राज्य सरकार व जिला प्रशासन के मौखिक आदेश के जरिये पूजा-पाठ और परंपराओं को बंद करा दिया था। ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर लोहे की बैरिकेडिंग भी करा दी गई थी। दिसंबर 1993 में ही तत्कालीन जिलाधिकारी ने व्यास पीठ के तत्कालीन पुजारी पंडित सोमनाथ

व्यास के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी। तहखाने में भी ताला लगा दिया था। वर्ष 1996 में दायर आदि विश्वेश्वर बनाम राज्य सरकार के वाद में नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में तहखाने के एक ताले की दो चाबी का जिक्र किया था। तत्कालीन जिलाधिकारी के ताला खोलने से मना करने के बाद व्यास पीठ के पं सोमनाथ व्यास ने एक चाबी से ताला खोला था। इसके बाद ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के दौरान नंदी के सामने स्थित इस तहखाने का दरवाजा खुला था।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यासजी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं। पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा।

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के दक्षिणी ओर बैठे नंदी के सामने लगी बैरिकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला जाएगा। अदालती आदेश में कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी/ रिसीवर को निर्देश दिया जाता है कि वह सेटेलमेंट प्लॉट नं० 9130 थाना—चौक, जिला वाराणसी में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने, जो कि वादग्रस्त सम्पत्ति है, वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग—भोग, तहखाने में स्थित मूर्तियों का कराये और इस उद्देश्य के लिये सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करें।

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जिला प्रशासन व्यवस्था करेगा, वहाँ पूजा-पाठ शुरू हो जाएगी। इस फैसले के बाद ‘हर-हर महादेव’ के नारे भी लगे। उन्होंने इस घटना की तुलना 1986 के उस आदेश से की, जब केएम पांडेय ने यहाँ का ताला खुलवाया था। उन्होंने कहा कि वजूखाने का सर्वे अगला लक्ष्य है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों में उम्मीद जगी है कि काशी विश्वनाथ में भी उन्हें जीत मिलेगी।

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा—पाठ किये जाने संबंधी आवेदन पर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली थी। हिन्दू पक्ष का कहना था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था। अब वहां फिर से हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलना चाहिये।

वहीं  कोर्ट के इस आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि जिला जज के इस आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे। ज्ञानवापी का मामला अयोध्या के मसले से अलग था। अभी लम्बा रास्ता तय करना है।

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जिला प्रशासन व्यवस्था करेगा, वहाँ पूजा-पाठ शुरू हो जाएगी। इस फैसले के बाद ‘हर-हर महादेव’ के नारे भी लगे। उन्होंने इस घटना की तुलना 1986 के उस आदेश से की, जब केएम पांडेय ने यहाँ का ताला खुलवाया था। उन्होंने कहा कि वजूखाने का सर्वे अगला लक्ष्य है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों में उम्मीद जगी है कि काशी विश्वनाथ में भी उन्हें जीत मिलेगी।