Varanasi : होली तिथि को लेकर वाराणसी में भ्रम की स्थिति, पढ़ें काशी में कब है होलिका दहन व रंगोत्सव

Varanasi : होली तिथि को लेकर वाराणसी में भ्रम की स्थिति, पढ़ें काशी में कब है होलिका दहन व रंगोत्सव

वाराणसी। फागुन पूर्णिमा को सभी सनातनी होलिका दहन कर दूसरे दिन रंगोत्सव मनाते हैं लेकिन इस बार होलिका व होली को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है। वैसे काशी में होली का रंगारंग पावन पर्व 6 मार्च पूर्णिमा तिथि के दिन विधि विधान पूर्वक मनाया जायेगा। बनारस के कई पंचांगों जैसे गणेश आपा पंचांग, विश्व पंचांग (बीएचयू), ज्ञान मंडल सौर पंचांग, ऋषिकेश पंचांग, चिंताहरण पंचांग, निर्णय सागर पंचांग, वल्लभमणि पंचांग के अलावा भारकण्ड पंचांग, वंशीधर ज्योतिष पंचांग, कला निर्णय पंचांग में 6 मार्च को होलिका दहन व 7 मार्च को होली बताया गया है। इस बार पूर्णिमा तिथि 6 मार्च सोमवार को दिन में 4.18 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 7 मार्च को सायंकाल 6.11 मिनट तक रहेगी।

होलिका दहन छह मार्च को और सात मार्च को होली

प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. विमल जैन के मुताबिक इस बार 6 मार्च की रात्रि में भद्रा पुच्छ में रात्रि 12.53 के पश्चात होलिका दहन करना शुभफलदायी रहेगी। सात मार्च को पूर्णिमा तिथि का रात्रि में मान न होने से होलिका दहन 6 मार्च को ही करना तर्कसंगत है। प्रसिद्ध ज्योतिषी ऋषि द्विेवेदी के मुताबिक काशी में होलिका दहन छह मार्च को और सात मार्च को होली खेली जायेगी। काशी के अन्यत्र होली 8 मार्च को मनायी जायेगी। कारण यह है कि इस साल फागुन शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार सात मार्च को सायं 5.39 मिनट पर समाप्त हो रही है। इसके पूर्व छह मार्च सोमवार को फागुन शुक्ल चतुर्दशी 3.56 बजे समाप्त होकर पूर्णिमा लग रही है।

सात मार्च को प्रदोष काल

इस दिन रात्रि पर्यंत (भद्रा दिन में 3.56 से प्रारंभ तथा सात मार्च की भोर में 4.48 बजे तक) भद्रा है। फागुन शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार सात मार्च को प्रदोष काल में न मिलने के कारण व काशी  में मंगलवार सात मार्च को प्रदोष काल में प्रतिपदा में चौसठ योगिनी यात्रा का विधान होने से छह मार्च सोमवार की देर रात शास्त्रअनुसार भद्रा पुच्छ (रात्रि 12.23) बजे से रात्रि 1.35 बजे तक) होलिका दहन का शुभ मुहुर्त होगा। काशी की परम्परागत होली सात मार्च मंगलवार को होगी।